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छत्तीसगढ़ में कौन बनेगा मुख्यमंत्री ? CM फेस को लेकर दिल्ली में माथापच्ची, जानिए कौन हैं 23 के वो 4 चेहरे ?

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुनने के लिए बीजेपी ने 3 पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं. तीनों पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम कल तक रायपुर पहुंचेंगे. इसके बाद प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और नितिन नबीन समेत विधायकों से मंत्रणा की जाएगी. शनिवार या रविवार को विधायक दल की बैठक में सीएम के नाम का ऐलान भी हो सकता है.

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के साथ ही यह भी चर्चा है कि छत्तीसगढ़ का भावी सीएम आदिवासी नहीं बल्कि सामान्य या ओबीसी वर्ग से हो सकता है. इसके साथ ही आदिवासी सीएम की दावेदारी खत्म मानी जा रही है. कहा जा रहा है कि तीनों पर्यवेक्षक राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से अंतिम नाम लाएंगे. रायपुर में विधायकों से रायशुमारी के बाद नाम की घोषणा करेंगे.

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नामों को लेकर चर्चा जारी है. पुराने दिग्गजों के साथ-साथ महिला सांसद और विधायक भी सीएम और मंत्री बनने की रेस में हैं. चर्चा है कि राज्य को आदिवासी या ओबीसी कोटे से नया सीएम मिल सकता है. इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में आरएसएस की पसंद को प्राथमिकता देने की चर्चा गर्म है.

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: हालांकि सीएम की रेस में चार नाम आगे चल रहे हैं, लेकिन चर्चा है कि बीजेपी महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस को भी वापस लाकर उन्हें छत्तीसगढ़ की कमान दे सकती है. इस लिस्ट में विजय बघेल का नाम भी जुड़ गया है. वहीं, संघ की ओर से डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना का नाम आगे बढ़ाया गया है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि हरियाणा की तरह छत्तीसगढ़ में भी कहीं संघ प्रचारक को भेजा जाएगा.

सीएम की रेस में 4 नाम पहले से ही चल रहे हैं

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: बीजेपी की जीत के बाद नए सीएम के चेहरे को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. सीएम पद के लिए कई अघोषित दावेदार भी माहौल बना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का नाम आगे चल रहा है.

हालांकि दावेदारों की सूची में दुर्ग सांसद विजय बघेल का नाम भी जुड़ गया है. उधर, संघ प्रचारक डॉ. पूर्णेंदु सक्सेना का नाम भी चर्चा में है। माना जा रहा है कि हरियाणा की तरह आरएसएस यहां भी प्रचारक लाकर चौंका सकता है.

पहले दावेदार- रमन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री

Details in race for Chief Minister post in Chhattisgarh BJP: भले ही रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह राज्य में भाजपा का सबसे पहचाना चेहरा हैं। कुछ महीने पहले तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह को किनारे किया जा रहा है.

बीजेपी में मुख्यमंत्री कौन तय करता है

बीजेपी में विधायक दल तय करता है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा. इसके मुताबिक पर्यवेक्षकों का काम ये है कि वो यहां विधायकों के साथ बैठक करेंगे. इस दौरान सीएम पद के लिए जो भी नाम आएगा उस पर विधायकों की राय ली जाएगी. जिसके पक्ष में ज्यादा विधायक होंगे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए घोषित किया जाएगा.

खास बात यह है कि इसमें राष्ट्रीय नेतृत्व की कोई भूमिका नहीं है. पर्यवेक्षकों की भूमिका भी सिर्फ विधायकों से राय लेने की है. इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय नेतृत्व पर नाम थोपने का कोई आरोप नहीं है.

विधायक दल की बैठक में रखा जाएगा नाम

दिल्ली से आने वाले पर्यवेक्षक अपने साथ राष्ट्रीय नेतृत्व से अंतिम नाम लेकर आएंगे। यहां विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें पर्यवेक्षक बताएंगे कि राष्ट्रीय नेतृत्व ने किसे मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. इसके बाद नाम सार्वजनिक कर दिया जायेगा. आदिवासी सीएम की दावेदारी के अंत का जवाब पर्यवेक्षकों की नियुक्ति में छिपा है.

जानकारों के मुताबिक निरीक्षण दल का नेतृत्व एक आदिवासी नेता को सौंपा गया है. ऐसे में अगर किसी गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो जनता में यह संदेश जाएगा कि राज्य के सभी विधायकों ने मिलकर नाम तय कर लिया है. आदिवासी पर्यवेक्षक ने खुद गैर आदिवासी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की है.

बीजेपी की राजनीति को करीब से समझने वाले राजनीतिक पंडित भी मान रहे हैं कि पार्टी छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने के मूड में नहीं है. किसी आदिवासी को अध्यक्ष पद देकर पार्टी ने पहले ही खुद को आदिवासी हितैषी साबित कर दिया है.

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