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शराब केस, जेल में बंद कैदी की मौत: परिजनों ने आबकारी अधिकारियों की पीटने का लगाया आरोप, जेलर बोली- अचानक बिगड़ी थी तबीयत

Chhattisgarh Balod liquor case death of prisoner in jail: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की उपजेल में बंद कैदी लोकेश सिन्हा की मौत हो गई। परिजनों ने आबकारी विभाग पर मारपीट का आरोप लगाते हुए देवरी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, जेलर का कहना है कि नशा न मिलने पर उसकी तबीयत बिगड़ गई।

बताया जा रहा है कि लोकेश 25 मई को महुआ शराब बेचते पकड़ा गया था। आबकारी विभाग ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। जेल भेजे जाने के बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल लाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

कैदी से नहीं मिलने देने का आरोप

लोकेश के परिजनों ने कहा कि, हमें यहां कैदी से मिलने नहीं दिया गया। हमारा भाई कैसा है, उसकी हालत क्या है। जेल प्रबंधन ने हमें इन सब से दूर रखा। हमें नहीं पता कि उसकी मौत किस वजह से हुई। लेकिन आबकारी वाले उसे पीटते हुए ले गए। हमें जेल के हालात की जानकारी मिली है।

इधर, बालोद उपजेल की जेलर शोभा रानी का कहना है कि जब बालोद उपजेल का कैदी आराम कर रहा था या अस्पताल में था तो उसे अस्पताल जाने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि उपजेल में कैदी लोकेश का व्यवहार बदलने लगा था, वह अकेला रहने लगा था और बेचैन रहता था।

नशीली दवा न मिलने से तबीयत बिगड़ी- जेलर

जिसके बाद हमें संदेह हुआ कि दवा न मिलने से उसके लक्षण दिखने लगे हैं। जिसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां करीब 5 घंटे तक उसे निगरानी में रखा गया। फिर हालत सामान्य होने के बाद उसे वापस जेल लाया गया। अगले दिन उसे फिर से अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मजिस्ट्रेट के सामने पोस्टमार्टम

चूंकि मामला संवेदनशील था, इसलिए कैदी का मजिस्ट्रेट के सामने पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। हालांकि उसके परिजनों ने मारपीट को लेकर आबकारी विभाग के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है। परिजनों के मुताबिक उसे गिरफ्तार करने पांच लोग आए थे। वे उसे पीटते हुए ले गए, जिसमें दो खाकी वर्दी में थे और तीन सिविल कपड़ों में थे।

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