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CG: कांग्रेस बोली- निराशाजनक है बजट, बीजेपी का जवाब – चुनाव में ट्रंप कार्ड साबित होगा, जानें किसने क्या कहा

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केंद्रीय बजट 2023 को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। बजट को लेकर एक दूसरे पर हमलावर हैं। जहां बीजेपी इस वजट को शानदार और जनहित में केंद्र सरकार का लिया गया ऐतिहासिक कदम बता रही है, तो वहीं कांग्रेस बजट को निराशाजनक बता रही है। 

प्रदेश के पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कहा कि यह बजट माध्यम वर्गीय का बजट है। इस बजट में 7 प्राथमिकताएं हैं। अंतिम व्यक्ति और युवा शक्ति तक तक इसकी पहुंच है। चालू वित्तिय वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत रहने वाली है। उन्होंने कहा कि 9 साल पहले अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी। अब हम 5वें स्थान पर हैं। दुनिया की सबसे मजबूत इकॉनामी हमारे देश की है। 7 लाख तक की आय वालों को टैक्स में छूट दी गई है। टैक्स स्लैब में भी कमी की गई है। 6 स्लैब से 5 स्लैब किया गया है। पीएम आवास योजना का 1 भी राशि छतीसगढ़ को नहीं मिलेगा, क्योंकि यह ये योजना बन्द कर दी गई है। 

देश की अर्थव्यवस्था का आधार बनेगा ये बजट : अमर अग्रवाल

 रायपुर भाजपा प्रदेश कार्यालय में पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता अमर अग्रवाल ने कहा कि 2014 से भाजपा की सरकार आई तब से आर्थिक सर्वेक्षण आया है। वो पूर्व बजट की कुशलता का परिणाम है तथा आज का जो बजट है ना केवल एक साल के लिए अपितु देश की भावी योजना को तय करने वाला बजट है। सबसे बड़ी बात हमारे देश में जो खासकर माध्यम वर्गी लोग है। आयकर में छूट करने का आग्रह रहा जिसे प्रधान मंत्री मोदी जी एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन जी का जिन्होंने 7 लाख रुपये तक कोई आयकर नहीं देना होगा। इसके साथ ही इस बजट में भविष्य की सारी सम्भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। युवाओ के लिए पूरे विश्व में जो रोजगार मिल सकते है। उसकी प्राथमिकता के आधार पर कौशल उन्नयन और साथ ही 43 लाख युवाओ को कौशल उन्नयन में 3 साल तक स्टाईफन देना एक बहुत बड़ी योजना की शुरुआत की। महिलाओं के लिए 2 साल तक महिला सम्मान विकास योजना जिसमें उन्हें साढ़े 7 प्रतिशत की दर पर उन्हें ऋण इसके साथ ही सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले एफएमसीबी का सेक्टर है। उसमे अभी तक रोकी गई संपति या सीज संपति की 95% वापिसी एवं 1% ब्याज दर पर कमी आने वाले दौर मे हमारी देश की अर्थव्यवस्था का आधार बनेगा। 


रोजगार का कोई रोड मैप नहीं : मोहन मरकाम 

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि आज प्रस्तुत किए गए बजट में ना महंगाई नियंत्रण का कोई प्रावधान है और ना ही रोजगार का कोई रोड मैप। ना किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी का प्रावधान है, ना ही स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के आधार पर C-2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत के लाभ। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने वाली महत्वपूर्ण योजना मनरेगा पर न बात, न खाद सब्सिडी, न खाद्य सब्सिडी मोदी सरकार के इस आखिरी पूर्णकालिक बजट में ना 2014 के घोषणापत्र का रोडमैप दिखा और ना ही 2019 के वादों पर कोई  प्रावधान किए। 2 करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा युवाओं से किया गया था 9 साल में 18 करोड़ रोजगार मिलने थे जिसके बारे में कोई बात नहीं, अब केवल 47 लाख युवाओं को 3 साल के लिए भत्ता देने का झांसा दे रहे।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  कहा कि दुनियां के सबसे बड़े उपक्रम “रेलवे“ में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी मोदी सरकार की जिम्मेदारी से भागने का प्रमाण है। एक तरफ ऑटोमोबाइल खिलौने और साइकिल में कस्टम ड्यूटी घटाने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर रसोई गैस की चिमनी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा रहे मोदी सरकार की प्राथमिकता में न किसान हैं, ना रोजगार है और ना ही महंगाई से जूझ रही महिलाओं की समस्या।

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद अरुण साव ने केंद्र की मोदी सरकार के आम बजट का स्वागत करते हुए कहा है कि यह बजट गांव, गरीब, किसान, युवा, महिलाओं, बुजुर्गों, पिछड़ों, वंचितों, दलितों, जनजातीय समाज सहित हर वर्ग की आम जनता का खास बजट है। ऐतिहासिक टैक्स रिफॉर्म्स से सबको राहत मिली है। यह बजट, बुलंद भारत की मजबूत अर्थ व्यवस्था का प्रतीक है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बजट ने छत्तीसगढ़ के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं। मिलेट मिशन का हमारे जनजातीय समाज को विशेष लाभ मिलेगा। एकलव्य विद्यालयों में भर्तियां होंगी तो वहीं हमारे तकनीकी शिक्षा संस्थानों को नवीन अवसर मिलेंगे। इस बजट में छत्तीसगढ़ के समग्र विकास का खाका तैयार हो गया है। समावेशी विकास पर आधारित यह बजट सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का प्रतिफल है जो देश के विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाएगा। यह बजट घरेलू मोर्चे पर जन आकांक्षाओं की पूर्ति, जन संतुष्टि, संतुलन के साथ ही विश्व में भारतीय अर्थ व्यवस्था का डंका बजाने वाला बजट है। गांव गरीब किसान और कृषि के उत्थान की ठोस बुनियाद वाला बजट देश की युवा पीढ़ी के भविष्य को संवारने तत्पर है। यह रोजगार देने वाला बजट है। आम मध्यम वर्ग और आम जनता को राहत देने वाला बजट है। देश को नई ऊंचाई देने वाला बजट है।

ऐतिहासिक बजट: सांसद सरोज पांडेय 

छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद हम श्रेष्ठता की तरफ बढ़ रहे हैं। यह बजट कई मायनों में ऐतिहासिक है। 

निराशाजनक बजट : कृषि मंत्री रवींद्र चौबे 

कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रया देते हुए कहा कि यह बजट काफी निराशाजनक है। बजट में आम लोगों के हित में कोई खास प्रावधान नहीं है। पीएम किसान सम्मान निधि में कोई इजाफा नहीं हुआ है। किसान वर्ग में भारी निराशा है। उन्होंने कहा कि कृषि सेक्टर में आय दोगुनी जैसी कोई बात नहीं है। छत्तीसगढ़ के लिए मिलेट पर अतिरिक्त राशि देने का ऐलान किया गया है, यह हमारे लिए हर्ष की बात है। छत्तीसगढ़ में मिलेट और जैविक खेती पर भूपेश सरकार बेहतर काम कर रही है। सामान्य रूप से यह यह बजट निराशाजनक है। युवाओं के लिए भी बजट में कोई खास बात नहीं है। वहीं गरीबों के लिए कोई नई योजना नहीं है। महिलाओं को भी कोई राहत नहीं मिली है। उत्पादक राज्य होने के बाद भी छत्तीसगढ़ को लाभ नहीं मिलना राजनीति प्रेरित बात हो सकती है। कोयला की रॉयल्टी बढ़ाने की मांग की गई थी, जो पूरी नहीं हुई। 

बजट से आम जनता निराश: सुशील आनंद शुक्ला 

छत्तीसगढ़ मीडिया संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार का बजट जनता को निराश करने वाला है । बजट में कुछ भी नहीं जो जनता को राहत दे सके। यह बजट ज्यादा कमाई करने वालों के लिए बनाया गया है। गरीबों के लिए कुछ भी नहीं है। मंहगाई कम करने के लिए कोई प्रयास नहीं है। रेलवे में सीनियर सिटीजन को मिलने वाली सुविधाएं जो मोदी सरकार ने बन्द किया था, उसके बहाली पर कुछ नहीं किया गया है। यह बजट भरम फैलाने वाला है। 

दिख रही छत्तीसगढ़ मॉडल की धमक 

मोदी सरकार के बजट में छत्तीसगढ़ मॉडल की धमक साफ दिख रही है। बजट में भारतीय मिलेट संस्थान के गठन का निर्णय लिया गया है। यहां छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन पहले से चल रहा  है। प्रदेश में रागी, कोदो, कुटकी का समर्थन मूल्य पर खरीदी हो रही है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित और बहुप्रतिष्ठित गो धनन्याय योजना की गूंज भी संसद में मोदी सरकार के बजट में है। यह राज्य के लिए गर्व का विषय है। हमारे मुख्यमन्त्री की योजनाओं पर केंद्र काम कर रहा है। 

आम जनता की जरूरतों को नजरअंदाज किया : सुरेंद्र वर्मा 

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के आखिरी बजट में भी बुनियादी सवालों और आम जनता की जरूरतों को पुनः नजरअंदाज कर दिया है। वित्त मंत्री के डेढ़ घंटे के बजट भाषण में रोजगार की आस लगाए युवाओं को केवल स्किल डेवलपमेंट का झुनझुना मिला। देश के किसान से 2022 तक आय दुगुनी करने का वादा था, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश लागू करने का वादा था, पूर्व में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने का आश्वासन भी दिए लेकिन बजट में उस पर कोई प्रावधान नहीं है। मिलेट मिशन छत्तीसगढ़ मॉडल का ही प्रभाव है। भूपेश सरकार कोदो कूटकी रागी पहले ही समर्थन मूल्य पर खरीद रही है और 10000 प्रति एकड़ की दर से राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि दे रही है। केवल डिजिटल ट्रेनिंग देकर किसानों का भला करने का दावा भी जुमला है।

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