केंद्र में नई सरकार बनते ही खुलेगी विधायकों की किस्मत: मूणत, अमर और चंद्राकर में से 2 बन सकते हैं मंत्री, बृजमोहन अग्रवाल छोड़ेंगे कुर्सी
Cabinet expansion in Chhattisgarh: 4 जून के बाद केंद्र में नई सरकार बनेगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की सत्ताधारी सरकार में भी बड़ा बदलाव होगा. एक मंत्री पद पहले से ही खाली है। अगर बृजमोहन अग्रवाल सांसद बनते हैं, तो एक और पद खाली हो जाएगा। इस तरह दो खाली पदों के अलावा दो-तीन मंत्रियों के बदले जाने की भी चर्चा है।
बीजेपी सूत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे कि मंत्री कौन बनेगा. इसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही हो गई है. बीजेपी ने पहली बार 11 लोकसभा सीटों को तीन क्लस्टर में बांटा और उनकी जिम्मेदारी पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अमर अग्रवाल और अजय चंद्राकर को दी गई.
विधानसभा चुनाव के बाद इन तीनों का नाम मंत्री पद की दौड़ में था, लेकिन जब कैबिनेट की घोषणा हुई तो इन्हें जगह नहीं मिली. हालांकि, इसके तुरंत बाद बीजेपी ने लोकसभा के क्लस्टर प्रभारियों की घोषणा कर दी. अब कहा जा रहा है कि जिसका क्लस्टर 100 फीसदी रिजल्ट (लोकसभा सीटें जीतना) लाएगा, उसके मंत्री बनने की संभावना ज्यादा होगी.
मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार किया जा रहा है
लोकसभा चुनाव से पहले ही मंत्रियों को जिले का प्रभार दे दिया गया था. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर संगठनात्मक दृष्टिकोण से हर मंत्री को एक लोकसभा की जिम्मेदारी दी गई है. अब शाह की टीम और संगठन दोनों अपने स्तर पर मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड बना रहे हैं.
इसमें मंत्रियों के लोकसभा कामकाज के साथ-साथ कार्यकर्ताओं के प्रति उनके व्यवहार, वित्तीय लेनदेन के आरोप और विकास कार्यों की भी समीक्षा की जाएगी. दिल्ली बीजेपी कार्यालय से मिली जानकारी की मानें तो दो मंत्रियों का हटना तय है. अगर बाकी लोकसभा नतीजे बीजेपी के पक्ष में नहीं आए तो ये संख्या और भी बढ़ सकती है.
विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी तैयार की जा रही
बीजेपी ने विधानसभा में 54 सीटों पर जीत हासिल की है. ऐसे में हर विधायक को जिम्मेदारी दी गई कि लोकसभा चुनाव में उनकी जीत के वोटों से यह बढ़त बढ़े. विधानसभा में जिस विधायक की बढ़त आम चुनाव में घटेगी उसकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट रेड जोन में होगी. यानी उन्हें बड़ी जिम्मेदारियों से दूर रखा जाएगा.
जिस विधायक की बढ़त ज्यादा होगी, उसे बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसमें मंत्रियों के साथ भी विधायक जैसा व्यवहार किया जाएगा. यह रिपोर्ट भी केंद्रीय और राज्य संगठनों की अलग-अलग टीमें तैयार कर रही हैं।
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