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Bhopal News: भोपाल नगर निगम का खेल, 40 दिन के अस्थायी रैन बसेरे पर 36 लाख कर दिए खर्च

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भोपाल नगर निगम के अधिकारियों का ठंड से बचाने गरीबों के लिए रैन बसेरा बनाने में बड़ा घपला करने का मामला सामने आया है। मामला जनवरी 2022 का है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में हुआ है। भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने 40 दिन के लिए बनाए अस्थायी तंबू पर 36 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। अब सवाल उठ रहे हैं कि इतने में तो नए स्थायी सुविधाजनक रैन बसेरा की बिल्डिंग बन जाती।
 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2022 में ठंड में अपने निरीक्षण के दौरान भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 की तरफ रैन बसेरा बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने स्थायी रैन बसेरा के निर्माण तक अस्थायी रैन बसेरे का तंबू लगवा दिया था। इस अस्थायी तंबू पर प्रतिदिन 90 हजार रुपये का भुगतान किया गया। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में हुआ। जानकारी के अनुसार 18 जनवरी से 25 फरवरी तक रैन बसेरा रहा। इस पर नगर निगम ने 40 दिन में 36 लाख रुपये खर्च कर दिए। अब अस्थायी रैन बसेरा पर बड़ी भारी रकम खर्च करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसको लेकर नगर निगम महापौर और आयुक्त को शिकायत की गई है। 
 
इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सक्सेना ने कहा कि हम लंबे समय से इस भ्रष्टाचार के दस्तावेज निगम से मांग रहे थे, लेकिन अधिकारी दबा रहे थे। इस पूरे मामले में सवाल यह है कि नगर निगम कमिश्नर की बिना जानकारी के 36 लाख का भुगतान कैसे हो गया। इस मामले में नगर निगम भोपाल कमिश्नर केवीएस चौधरी से संपर्क किया और मैसेज भी किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। वहीं, अपर आयुक्त एमपी सिंह ने कहा कि वे अभी बाहर हैं। इस बारे में जानकारी नहीं दे पाएंगे। 
 

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भोपाल नगर निगम के अधिकारियों का ठंड से बचाने गरीबों के लिए रैन बसेरा बनाने में बड़ा घपला करने का मामला सामने आया है। मामला जनवरी 2022 का है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में हुआ है। भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने 40 दिन के लिए बनाए अस्थायी तंबू पर 36 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। अब सवाल उठ रहे हैं कि इतने में तो नए स्थायी सुविधाजनक रैन बसेरा की बिल्डिंग बन जाती।

 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2022 में ठंड में अपने निरीक्षण के दौरान भोपाल रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 6 की तरफ रैन बसेरा बनाने के निर्देश दिए थे। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने स्थायी रैन बसेरा के निर्माण तक अस्थायी रैन बसेरे का तंबू लगवा दिया था। इस अस्थायी तंबू पर प्रतिदिन 90 हजार रुपये का भुगतान किया गया। इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी में हुआ। जानकारी के अनुसार 18 जनवरी से 25 फरवरी तक रैन बसेरा रहा। इस पर नगर निगम ने 40 दिन में 36 लाख रुपये खर्च कर दिए। अब अस्थायी रैन बसेरा पर बड़ी भारी रकम खर्च करने पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इसको लेकर नगर निगम महापौर और आयुक्त को शिकायत की गई है। 

 

इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सक्सेना ने कहा कि हम लंबे समय से इस भ्रष्टाचार के दस्तावेज निगम से मांग रहे थे, लेकिन अधिकारी दबा रहे थे। इस पूरे मामले में सवाल यह है कि नगर निगम कमिश्नर की बिना जानकारी के 36 लाख का भुगतान कैसे हो गया। इस मामले में नगर निगम भोपाल कमिश्नर केवीएस चौधरी से संपर्क किया और मैसेज भी किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। वहीं, अपर आयुक्त एमपी सिंह ने कहा कि वे अभी बाहर हैं। इस बारे में जानकारी नहीं दे पाएंगे। 

 

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