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Indore News: हिन्दी पत्रकारिता को ऊंचाई पर लाने में बड़ी भूमिका निभाई थी अभय छजलानी ने

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वरिष्ठ पत्रकार अभय छजलानी नहीं रहे। वे लंबे समय से अस्वस्थ्य थे। उनके निधन पर शहर के अनेक गणमान्य नागरिकों ने शोक व्यक्त किया है। उद्योगपति रमेश बाहेती ने कहा कि अभय छजलानी ने नईदुनिया अखबार के माध्यम से हिन्दी पत्रकारिता को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया। अखबार में उनके साप्ताहिक कालम गुजरता कारवां का पाठकों को इंतजार रहता है।

उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर हिन्दी पत्रकारिता में अपनी जगह बनाई और राहुल बारपूते, राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी के समकक्ष हो गए। नईदुनिया के लिए की गई उनकी मेहनत को मैने काफी नजदीक से देखा है। उन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा हिन्दी पत्रकारिता को मजबूत करने के लिए दिया। उनका निधन शहर के लिए एक बड़ी कमी है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने कहा कि अविभाजित मध्य प्रदेश में उस समय जितनी प्रतिभाएं थी, अभय जी उन्हें जोड़ कर अपने साथ लाए। हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, बसंत कुमार, मदन मोहन जोशी, प्रभाष जोशी नईदुनिया के लिए लंबे समय तक खिलते रहे। वे हिन्दी पत्रकारिता का मजबूत स्तंभ थे। खेलों के क्षेत्र में भी अभय छजलानी का अमूल्य योगदान रहा। मध्य प्रदेश से निकलने वाले अखबार नईदुनिया की हलचल दिल्ली तक रहती थी।  उन्होंने हिन्दी पत्रकारिता के लिए जितना किया, उसके हिसाब से उनका मूल्यांकन नहीं हो सका।

नर्मदा आंदोलन की योजना अभयजी की थी

सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद कुलकर्णी ने कहा कि नर्मदा आंदोलन के कारण पहले चरण का पानी इंदौर पहुंचा। उस पूरे आंदोलन की योजना अभय जी ने बनाई थी। उन्हें शहर से बहुत प्यार था। इंदौर ने एक महान व्यकि्त खो दिया। इंदौर में जब भी कोई मंत्री आता था तो उनसे मिले बगैर नहीं जाता था। उनसे बातें करना बड़ा अच्छा लगता था। उनके पाई कई रोचक किस्से होते थे। अफसोस है अब वे नहीं है। गुजरता कारवां हमेशा के लिए गुजर गया।

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