भोपाल(Bhopal)। 21वीं सदी में भी लोगों के जहन में अंधविश्वास (Blind Faith) कितना हावी है, इसकी बानगी राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी इलाके में देखने को मिली. जहां दो बच्चों की डूबने (Two Children Drowned) से मौत हो गई. मृत बच्चों को वापस जिंदा करने के लिए परिजनों ने नमक के ढेर में उनके शव दफना दिए.
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उनको लगता था कि ऐसा करने से बच्चे दोबारा जिंदा हो जाएंगे. मामले की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम (SDM) और पुलिस मौके पर पहुंची. बच्चों के परिजनों और ग्रामीणों को काफी समझाने के बाद शव को पोस्टमार्टम (Postmortem) के लिए अस्पताल भेजा गया. इस दौरान काफी तनाव की स्थिति भी बन गई थी.
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ऐसे शुरू हुआ अंधविश्वास का खेल
डॉक्टर्स ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया था. जिसके बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था. इस बीच एक बुजुर्ग ने लोगों को बताया कि डूबने से हुई मौत के बाद अगर शव को नमक में रख दिया जाए, तो वह जिंदा हो जाता है. इसी अंधविश्वास में लोगों ने दोनों मृत बच्चों को नमक से ढंक दिया. लेकिन जैसे ही इसकी सूचना पुलिस और एसडीएम को लगी, तो वह तत्काल मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने के बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा.
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नदी के पास खेलते वक्त हादसा
अंधविश्वास के आपने बहुत से मामले सुने होंगे, लेकिन भोपाल के पास बसे बेरसिया के ईंटखेड़ी गांव में एक अलग ही मामला सामने आया. यहां हलाली नदी में तीन बच्चे डूब गए थे, जिनमें से दो की मौत हो गई थी. जबकि एक की हालत गंभीर बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक, तीनों बच्चे खेलते-खेलते नदी के पास पहुंचे थे. जिसके बाद यह हादसा हो गया. इस दौरान बैरसियों की ओर जा रही बस में बैठे यात्रियों ने बच्चों को डूबता देखा था. जिसके बाद ग्रामीणों की मदद से उन्हें बाहर निकाला गया. संजीवनी अस्पताल में डॉक्टर्स ने दो बच्चों को मृत घोषित कर दिया था. एक की हालत गंभीर बताई थी.
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तीनों बच्चों की उम्र 6 से 8 साल
तीनों बच्चों की उम्र 6 से 8 साल बताई जा रही है. एक ईटखेड़ी निवासी जैकी परिहार ड्राइवर का कार्य करने वाले का बच्चा था. दूसरा मजदूर मोहन माली का लड़का था. तीसरा राधेश्याम माली का बच्चा है, जो गंभीर हालत में आरोग्य निधि हॉस्पिटल में भर्ती है.