राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में साढ़े 3 वर्षीय बच्ची से रेप और हत्या के आरोपी को सजा-ए-मौत मिली है. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रेपिस्ट को फांसी की सजा सुनाई है. कोरबा जिले में भी नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले दो आरोपियों को न्यायालय ने 14 साल की कारावास की सजा सुनाई है. इस तरह कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.
राजनांदगांव के चिखली पुलिस चौकी क्षेत्र के कांकेतरा गांव में 22 अगस्त 2020 को एक साढे़ 3 वर्षीय मासूम बच्ची से दुष्कर्म हुआ था. आरोपी ने चॉकलेट का लालच देकर उसे अपने घर बुलाया, फिर रेप किया. जब बच्ची चीखने चिल्लाने लगी, तो आरोपी ने तकिए से उसका मुंह दबा दिया. जिससे उसकी मौत हो गई.
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पुलिस ने गांव के ही 25 वर्षीय आरोपी शेखर कोर्राम को गिरफ्तार किया. उसके बाद मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलता रहा. बच्ची और उसके परिवार के पक्ष में शहर में रैलियां भी निकली गई. आरोपी को तत्काल फांसी देने की मांग उठी. कोरोना काल की वजह से कोर्ट बंद रहने के चलते मामले की सुनवाई में कुछ बाधाएं जरूर आई.
बावजूद इसके फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज अपार एवं जिला सत्र न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने त्वरित न्याय करते हुए लगभग 1 वर्ष में ही सोमवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले में पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता परवेज अख्तर ने कहा कि बच्चे के साथ दुष्कर्म और हत्या करने वाले आरोपी को फांसी की सजा मिली है. हाईकोर्ट से पुष्टि होने के बाद फांसी की तारीख तय होगी.
फास्ट ट्रैक कोर्ट में मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय देने के लिए डीएनए टेस्ट के जरिए मामले की पुष्टि की गई. इसके बाद अन्य सबूतों और गवाहों के आधार पर आरोपी को फांसी की सजा धारा 302 के तहत सुनाई गई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में त्वरित न्याय देते हुए जिले में इस तरह के आरोप की पुष्टि के बाद फांसी की सजा का यह पहला मामला है. इस ऐतिहासिक फैसले से पीड़ित पक्ष को न्याय मिला है.