Chhattisgarh Bhilai Doctor cheated 200 crores by luring people with high interest rate: छत्तीसगढ़ के भिलाई में अपोलो BSR अस्पताल की शुरुआत करने वाले नामी शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. एमके खंडूजा ने करीब 200 करोड़ की ठगी की है। वो और उनकी टीम रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारियों को टारगेट करते थे। रिटायरमेंट के बाद एकमुश्त पैसा आता, तो अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे बीएसआर हेल्थ वेंचर में लाखों रुपए इन्वेस्ट कराते थे।
डॉ. एमके खंडूजा ने भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) के 304 कर्मचारियों से 80 करोड़, रुंगटा ग्रुप से करीब 20 करोड़, दुर्ग, राजनांदगांव और रायपुर समेत कई जिलों में व्यापारियों और डॉक्टरों से करीब 100 करोड़ की ठगी कर चुका है। रुंगटा से धोखाधड़ी केस में आरोपी एमके खंडूजा अभी जेल में बंद है।
बीएसपी से शुरू की थी नौकरी
डॉ. एमके खंडूजा ने बीएसपी से ही नौकरी की शुरुआत की थी। इस दौरान उसने बीएसपी में अच्छी पकड़ बना ली। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पावर हाउस में छोटा सा क्लीनिक खोल लिया। खंडूजा बीएसपी से सांठगांठ कर ली।
कर्मचारियों से कैसे करता था ठगी
बताया जा रहा है कि, इस पूरे फर्जीवाड़े में बीएसपी प्रबंधन के कुछ अफसर भी शामिल थे। वे उन लोगों का नाम और पता डॉ खंडूजा को दे देते थे, जो कुछ समय में रिटायर होने वाले होते थे। ऐसे में डॉ खंडूजा उनसे संपर्क करता था। उन्हें बीएसआर में निवेश करने पर ऊंचे ब्याज का लालच देकर रकम ऐंठ लेता था।
- 15% वार्षिक ब्याज देने का वादा करता था।
- 4-5 महीने तक ब्याज देने के बाद पैसा देना बंद कर दिया।
- बीएसआर (भिलाई स्कैन एंड रिसर्च लिमिटेड) हेल्थ वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी बनाई थी। जिसमें इन्वेस्ट कराया था।
- 5 लाख रकम लेने के बाद दोगुना रकम यानी 10 लाख रुपए का पोस्ट डेटेड चेक देता था।
- ठगी की रकम से नेहरू नगर में आलिशान बंगला बनाया। महंगी-महंगी कई कार भी खरीदी।
बढ़ गया था बैंकों का कर्ज
बताया जा रहा है कि, डॉ. खंडूजा पर बैंक का भारी भरकम कर्ज था। इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने लोगों को झांसे में लेकर उनसे पैसे लिए। इसके बाद उसने बैंक का कर्ज चुकाया और फिर उसने पूरा अस्पताल किसी और को बेच दिया।
पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारियों ने की शिकायत
दरअसल, बुधवार को 27 रिटायर्ड बीएसपी कर्मी और उनके परिजन स्मृति नगर चौकी पहुंचे। उन्होंने पुलिस से मांग की डॉ. खंडूजा से उनका पैसा दिलाया जाए। क्योंकि इस मामले में अभी तक पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की है।
एंजेंट मिलने आया था घर- धरम
रिसाली मैत्री नगर निवासी धरम कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि, पैसे ऐंठने के लिए डॉ. एमके खंडूजा ने कई एजेंट रखे थे। साल 2015 में जब पिता बीएसपी से रिटायर होने पाले थे, तो डॉ. खंडूजा का एजेंट राजेश सहाय उनके घर आया। उसने बताया कि अपोलो बीएसआर के मालिक ने एक ग्रुप बनाया है।
पहले ब्याज दिए, फिर बंद कर दिया
बीएसआर हेल्थ में यदि वो 6 लाख रुपए जमा करेंगे, तो उन्हें हर महीने 5-6 हजार रुपए ब्याज मिलेगा। पिता ने सोचा कि नौकरी छूटने के बाद भी हर महीने कुछ पैसे मिलते रहेंगे। इसलिए उन्होंने बीएसआर हेल्थ वेंचर में 6 लाख रुपए जमा करवा दिए। कुछ महीने तक तो ब्याज मिला, लेकिन उसके बाद कहा गया कि घाटा हो रहा है और बाद में चुका देंगे।
शारदा प्रसाद ने जमा किए है 7 लाख
रिटायर्ड कर्मचारी शारदा प्रसाद सिन्हा ने कहा कि, उसने 7 लाख रुपए जमा किया था, लेकिन कुछ महीने बाद डॉ. खंडूजा उनका पैसा नहीं दे रहा। बीएसपी कर्मियों ने उसके खिलाफ थाने में लिखित शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। उन्हें उनका पैसा दिलाया जाए। यदि उसे जमानत मिली तो वो विदेश भाग जाएगा। फिर उनका पैसा कभी वापस नहीं मिलेगा।
कोलकाता से गिरफ्तार कर लाई है दुर्ग पुलिस
डॉ. खंडूजा बी.एस.आर अपोलो हॉस्पिटल स्मृति नगर के पूर्व संचालक BSR स्कैन सेंटर भिलाई- दुर्ग- नागपुर के डायरेक्टर थे। वो नेहरू नगर पूर्व में रहते थे। पिछले कुछ सालों से वो शहर के लोगों से करोड़ों की धोखाधड़ी करके फरार थे। एसपी दुर्ग जितेंद्र शुक्ला क…
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