MP पंचायत चुनाव बड़ी खबर: CM शिवराज ने OBC आरक्षण को लेकर बुलाई बैठक, उमा भारती ने कही थी ये बात, कांग्रेस भी साथ…
OBC आरक्षण को लेकर एमपी में बवाल
भोपाल। मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद भी इसे लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो सका है. इस मामले में अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी एंट्री हो गई है. आरक्षण पर चर्चा को लेकर उन्होंने आज शाम एक मीटिंग रखी है. बताया जा रहा है कि मीटिंग में प्रदेश के महाधिवक्ता प्रशांत सिंह, विधि विभाग के प्रमुख सचिव गोपाल श्रीवास्तव, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे. बैठक में कानूनी सलाह लेकर ही कोई फैसला लिया जाएगा कि आयोग को सरकार की तरफ से क्या जवाब भेजा जाना है?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने बाद मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग ने ओबीसी वर्ग के लिए रिजर्व जिला पंचायत सदस्य, जनपद, सरपंच व पंच के पदों के निर्वाचन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. इसके बाद 18 दिसंबर को आयोग ने सरकार को कोर्ट की प्रति भेजकर 7 दिन में आरक्षण की प्रक्रिया कर जानकारी देने के लिए पत्र भेजा था।
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उमा भारती ने सीएम शिवराज से की बात
वहीं इस मामले पर वरिष्ठ भाजपा नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने आज सुबह ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात की। इसकी जानकारी उन्होंने ट्विटर के जरिए दी है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के पंचायत चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर लगी न्यायिक रोक चिंता का विषय है. उन्होंने लिखा है कि- मेरी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से फोन पर बात हुई है. मैंने उनसे आग्रह किया है कि ओबीसी आरक्षण के बिना मध्य प्रदेश में पंचायत का चुनाव मध्यप्रदेश की लगभग 70% आबादी के साथ अन्याय होगा.
ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाहती है कांग्रेस- नरोत्तम
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ओबीसी आरक्षण को खत्म करना चाहती है. कांग्रेस के प्रवक्ताओंका कोर्ट में याचिका लगाना और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का पैरवी करना इस बात का प्रमाण है. जबकि बीजेपी की मंशा इस वर्ग को 27% आरक्षण देने की है.
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नियम का उल्लंघन !
दरअसल पंचायत में आरक्षण उस क्षेत्र की आबादी के हिसाब से होता है। जैसे उदाहरण के तौर पर- झाबुआ में ओबीसी की आबादी बहुत कम है, इसलिए यहां की पंचायतों में इस वर्ग के लिए बहुत कम सीटें रिजर्व होंगी। यानी यहां सामान्य सीटों की संख्या बढ़ जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश की पंचायतों में औसतन 15% सीटें एससी, 20% सीटें एसटी और 25% सीटें ओबीसी के लिए रिजर्व हैं। इस तरह 60% सीटें रिजर्व हैं, जबकि नियम के मुताबिक, किसी भी आधार पर किसी भी तरह का आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।