‘जेब’ पर छूरी मार रहा ठेकेदार ! राजेंद्रग्राम में नहीं थम रही शराब की ओवर रेटिंग, शॉप में न बिल न रेट लिस्ट, खाक छान रहे अधिकारी, कलेक्टर साहब सांठगांठ में चल रहा काला कारोबार ?
अनूपपुर। पुष्पराजगढ़ में ओवर रेटिंग चरम पर है. शराब प्रेमियों से लूट मची हुई है. आबकारी विभाग और ठेकेदार सांठगांठ कर काला कारोबार चला रहे हैं. शराब दुकान ठेकेदारों की मनमानी पूरी तरह आबकारी विभाग पर हावी है. नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों ने शराब दुकानों पर ना तो रेट लिस्ट लगाई है और ना ही चेतावनी के बोर्ड लगाया है. अधिकारियों को भी ओवर रेटिंग की जानकारी है, लेकिन वो कुछ भी कार्रवाई नहीं करते हैं. ग्राहकों की जेब से मोटी रकम निकलकर ठेकेदार की जेब में पहुंच रही है. आबकारी विभाग के अफसर कुंभकर्णीय नींद है. जनता पस्त है और अधिकारी-ठेकेदार मस्त हैं.
पुष्पराजगढ़ में अधिकतर शऱाब दुकानों में तय कीमत से अधिक रेट पर खुलेआम शराब की बिक्री हो रही है, लेकिन मजाल है कि कोई अधिकारी कार्रवाई कर दे. शिवराज सरकार के अधिकारी खुलेआम यह तमाशा देख रहे हैं. दुकान के कर्मचारी कहते हैं कि हमारा कुछ नहीं होगा, तुमको जो करना है कर लो. शऱाब लेना है वो वरना मत लो. कलेक्टर साहब भी इस पर ध्यान नहीं देते हैं. कई बार यह मद्दा उठ चुका है, लेकिन कुछ भी कार्रवाई नहीं होती है. जिसका खामियाजा ग्राहकों को अधिक कीमत देकर चुकानी पड़ती है.
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एक शराब प्रेमी ने हमारी टीम को वीडियो बनाकर भेजा है, जिसमें जो वह कह रहा है कि उसको ठेकदार ने बोला है. इसलिए वह प्रिंट रेट से ज्यादा बेच रहा है. जो करना है करिए. हमें जो बोला जाता है, वही करते हैं. अब ऐसे में सरकार के नुमाइंदे चुप्पी साधे बैठे हैं.
आबकारी विभाग की अनदेखी, शराब दुकानों पर मनमानी
शराब की दुकानों पर फिर से मनमानी शुरू हो गई है. यानि शराब की दुकानों पर शासन की तय कीमत से अधिक पर शराब बेची जा रही है, लेकिन आबकारी विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. खासबात यह है कि आबकारी विभाग की जांच में भी यह बात सामने आ चुकी है. शराब के महंगा होने की वजह के पीछे बताया जा रहा है कि शहर में फिर से सिंडीकेट पनप गया है और अधिकतर दुकानों पर कब्जा कर लिया है.
मध्य प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत इस बार कंपोजिट शराब की दुकानों का सूत्र लागू किया है. इसमें दुकानों की संख्या भले ही नहीं बढ़ी है, लेकिन देसी और विदेशी शराब दुकानों को कामन कर दिया गया है. जहां विदेशी शराब मिलेगी वहां देसी शराब भी मिलेगी. यही कारण है कि इस बार शराब दुकानों के ठेके होने के बाद बड़े और छोटे शराब कारोबारी इसमें उतरे और ठेके लिए. जगह जगह शराब की शोरूम जैसी दुकानें आसानी से देखी जा सकतीं है,जो अभी तक नहीं दिखीं थीं.
शराब दुकानों पर रेट लिस्ट को लेकर आबकारी आयुक्त ने आदेश जारी किए थे. इसके बाद भी दुकानों पर रेट लिस्ट नहीं लगी. आबकारी अधिकारी विभाग के अफसर सब जानते हुए भी कार्रवाई नहीं करते. लोग अपने जेब से ज्यादा पैसा निकालने को मजबूर हैं. अधिकारी यह सब जानते हैं, फिर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं. हालांकि अब देखना यह होगा इस पर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है या फिर यूं ही शराब की ओवर रेटिंग बदस्तूर जारी रहेगी ?
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