अनूपपुर। कलेक्टर साहब पुष्पराजगढ़ को माफिया निगल रहा. पहाड़ का पहाड़ खा गया. हैवी ब्लास्टिंग से इलाके को दहला रहा है. खौफ के साए में ग्रामीणों की रातें कट रही है. जंगल से सटे पहाड़ को पत्थर खदान की आड़ में धड़ल्ले से करोड़ों की संपदा की लूट हो रही है. पुष्पराजगढ़ में लूट-खसोट की दुकान खुली है. पत्थर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. इलाका खोखला हो रहा है, पहाड़ का पहाड़ गायब हो रहा है. धन्नासेठ मलाई छान रहा है. वहीं आस-पास के लोग और इलाका खंडहर और बदहाली में है. ऐसी ही एक औऱ कारनामा सामने आया है. खनन माफिया ने एक बार फिर पुष्पाराजगढ़ को दहलाकर रख दिया है. इससे भी हैरानी की बात ये है कि छत्तीसगढ़ के माफिया ने पुष्पराजगढ़ का पहाड़ निगल गया, लेकिन खनिज विभाग सोता रह गया.
सुनील बाली के खदान में हैवी ब्लास्टिंग
दरअसल, ये बदहाली तस्वीरें अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की है, जहां ग्राम पंचायत बिजौरी के पमरा पड़ता है. ये वहीं का नजारा है, जिसके मालिक सुनील बाली हैं, जो सिस्टम को अपने जेब में रखकर करप्शन में बड़े शक्तिशाली हैं. इलाके का पहाड़ का पहाड़ निगल गए हैं. विभाग को कानों-कान खबर नहीं है. कहते हैं कि पुलिस से लेकर प्रशासन तक अच्छी खासी सांठगांठ है. इसलिए अवैध तरीके से उत्खनन जारी है. खदान माफिया बेहताशा खुदाई कर पत्थर निकाल रहा है, लेकिन मजाल है कि विभाग इधर आंख उठाकर देख ले.
छत्तीसगढ़ जा रही पुष्पराजगढ़ की संपदा
ग्रामीणों का आरोप है कि माइनिंग डिपोर्टमेंट समेत प्रशासनिक अफसर खनिज नियमों का पालन नहीं करा पा रहे हैं. क्रेशर संचालक सभी नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. क्रेशर संचालक अनकंट्रोल हो गए हैं. प्रशासन का कोई कंट्रोल नहीं है. जंगल से सटे पहाड़ को माफिया चट कर गया है. रोजाना बड़ी तादाद में छत्तीसगढ़ पत्थरों को ले जाया जाता है.
40- 50 फीट खदान निगल गया माफिया
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि किसी भी खदान की खुदाई 10 फीट तक करने का नियम है, लेकिन यहां करीब 40- 50 फीट तक खुदाई की गई है. खनिज माफिया धरती का सीना चीर कर पत्थर निकाल रहा है. अवैध तरीके से क्रेशरों में खपाया जा रहा है. इस पर कार्रवाई तो किया जाना चाहिए, लेकिन कार्रवाई तो दूर अधिकारी झांकने भी नहीं पहुंचते हैं. ऐसे ही जिले के तमाम खदानों का हाल है.
छत्तीसगढ़ के माफिया की कई खदानें
ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के माफिया की यहां कई खदानें, जहां से ब़ड़ी तादाद में पुष्पराजगढ़ की खनिज संपदा को धड़ल्ले से छत्तीसगढ़ के क्रेशरों में खपाया जाता है. यहां से पत्थरों को बॉर्डर पार कर ले जाया जाता है, बताया तो यहां तक जाता है कि जो बॉर्डर पर चेक पोस्ट है, वहां भी सांठगांठ है, जो बिना रॉयल्टी के गाड़ियां दौड़ रही हैं, लेकिन कोई जांच करने वाला हो तब तो अफसर एसी कमरे में आराम फरमा रहे हैं, जिससे ये माफिया खनिज संपदा को बेहिसाब दोहन कर रहे हैं.
उपजाऊ जमीन पर धूल और राख का कब्जा, पानी का स्त्रोत लेवल डाउन
हमारी टीम ने जब ग्रामीण इलाकों का जायजा लिया तो धूल, ध्वनि प्रदूषण औऱ ज्यादातर खेत बंजर नजर आए. किसान और ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिला. क्रेशरों के धूल की वजह से किसानों के खेत बंजर पड़ गए हैं. फसल का उत्पादन कम हो गए हैं. पानी का स्त्रोत लेवल कम हो गया है, जिससे आप पास के लोगों को पानी की परेशानी हो रही है.
किस्त-दर-किस्त माफिया एपिसोड
नोट- MP-CG टाइम्स की टीम पुष्पराजगढ़ की बदहाली को हर रोज नए एपीसोड के साथ किस्त-दर-किस्त लेकर आ रही है. कैसे माफिया सेटिंग करता है और मिलजुलकर सरकारी संपदा को लूट रहे हैं. पठार की खनिज संपदा को निगला जा रहा है.
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