पुष्पराजगढ़ । मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में शराब भट्टियों में बड़े पैमाने पर लूट मची हुई है. पुष्पराजगढ़ के राजेंद्रग्राम में अधिकारियों से सांठगांठ कर तय कीमत से अधिक दर पर खुलेआम शराब की बिक्री की जा रही है. शराब दुकानदार कहते हैं कि जो करना है कर लो, लेकिन मजाल है कि अधिकारी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई कर दें. पहले तो तय रेट से अधिक राशि की वसूली की जाती है, फिर बिल मांगने पर सेल्समैन चुप्पी साध लेता है. कभी चाकू की नोक पर, तो कभी मारपीट की जाती है. कहते हैं कि हमारा यही रेट है. बावजूद इसके पुलिस और आबकारी विभाग कुंभकर्णीय नींद में हैं.
दरअसल, पुष्पराजगढ़ में शराब की दुकानों में ठेकेदारों को आबकारी विभाग से खुला संरक्षण मिल रहा है. शराब की दुकानों पर शासन की तय कीमत से अधिक रेट पर शराब बेची जा रही है, लेकिन आबकारी विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. गांव गांव और गली-गली में ठेकेदार ने एजेंट बनाया है. जहां शराब की सप्लाई की जाती है. शराब दुकान में रेट लिस्ट तक नहीं है. मनमानी तरीके से लूटम लूट मचाकर रखे हैं.
पैकारी निकलती हैं गाड़ियां
रोजाना राजेंद्रग्राम थाने के सामने से पैकारी की गाड़ी निकलती है. कैमरे की तीसरी आंख होने के बावजूद पुलिसिया नजर कमजोर दिखाई पड़ रही है. ऐसे में आबकारी विभाग और पुलिसिया कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है. इनकी करतूतों पर जिम्मेदार बड़े आराम से पर्दा डालने में आतुर हैं.
सांठगांठ से चल रहा काला कारोबार ?
यह शिकायत पहली दफा नहीं आई है, इससे पहले भी कई बार अधिक रेट में शराब बेचने के मामले आ चुके हैं या कहें कि रोजाना एमआरपी से अधिक रेट पर शराब बिक रही हैं, लेकिन इसकी जानकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को नहीं है या कहें की सांठगांठ से ही यह काला कारोबार चल रहा है. यही वजह है कि अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और आगे भी होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही.
शराब प्रेमियों के जेब पर विभाग का डाका ?
इसी तरह 150 की शराब 200 में बेंचते हैं. महंगी ब्रांड में भी सौ डेढ़ सौ रुपए तक अधिक वसूले जाते हैं. आबकारी विभाग भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करता है. अधिकारियों को कई बार फोन लगाया जाता है, फिर भी कार्रवाई नहीं होती है. राजेंद्रग्राम की शराब दुकानों में अधिक रेट पर शराब बेचे जाने की जानकारी सभी को है. शराब प्रेमी भी जानते हैं कि अधिक रेट पर शराब बिक रही है, फिर भी उन्हें मजबूरी में लेना पड़ता है.