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Bihar Politcal Turmoil: जानिए, कौन हैं सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, जिन्हें बनाया जा सकता है डिप्टी सीएम

नई दिल्ली। नीतीश कुमार ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र वी आर्लेकर को सरकार बनाने को लेकर अपना दावा पेश किया है। बताया जा रहा है कि आज शाम पांच बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण से संबंधित पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी राजधानी पटना के लिए रवाना हो चुके हैं। बताया जा रहा है कि जेडीयू कोटे से तीन विधायक मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। उधर, हम से एक विधायक शपथ ले सकता है। वहीं, अभी तक अन्य नामों को लेकर कुछ भी कह पाना मुश्किल है।

इसके अलावा कांग्रेस ने नीतीश कुमार के इस कदम के बाद उन्हें गिरगिट और अवसरवादी बताया है, जिस पर सुशासन बाबू ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि महागठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। बता दें कि आज सुबह 10 विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसके बाद नीतीश ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उधर, इंडिया गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए नीतीश ने कहा कि वहां कुछ भी ठीक नहीं चल रहा था, जिसे ध्यान में रखते हुए हमने अपनी राहें अलहदा करने का फैसला किया। उन लोगों ( इंडिया गठबंधन ) ने हमें पूछना बंद कर दिया, तो हमने भी उनसे बात करना बंद कर दिया।

बता दें कि इंडिया गठबंधन में नीतीश के इस कदम के बाद उथल-पुथल शुरू हो चुकी है, जो कि लाजिमी भी है, क्योंकि नीतीश ही वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने राजधानी पटना में सभी विपक्षी दलों को एकजुट कर इंडिया गठबंधन की नींव रखी थी। ऐसे में नीतीश का महागठबंधन से मोहभंग होना। यकीनन इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका है। खैर, तमाम उठापटक को नजरअंदाज कर नीतीश कुमार आज शाम पांच बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वहीं, चर्चा है कि सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को डिप्टी सीएम की कमान सौंपी जा सकती है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि आखिर ये दोनों ही नेता कौन हैं ?

कौन हैं सम्राट चौधरी ?

सम्राट चौधरी फिलहाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वो कोइरी जाति से आते हैं। वो विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष भी हैं। सम्राट का नाम बिहार के युवा नेताओं में शुमार है। बता दें कि बिहार में सर्वाधिक संख्या कुर्मी और कोइरी जाति की है। ऐसे में सम्राट चौधरी बीजेपी के लिए अहम हो जाते हैं। वहीं, राजद भी कुर्मी और कोइरी जाति को साधने में जुटी हुई है।

सम्राट चौधरी ने 1990 में राजनीति में कदम रखा था। 1999 में राबड़ी सरकार में वो कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। वर्ष 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा से उन्हें विधायक चुना गया था। इसके बाद 2014 में नगर विकास विभाग के मंत्री बने। फिर 2018 में आरजेडी का दामन छोड़ दिया। इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। जिसके बाद वो पंचायती राज मंत्री बने थे। वहीं, अब आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है।

कौन हैं विजय सिन्हा

उधर, अगर विजय सिन्हा की बात करें, तो फिलहाल वो नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। इससे पहले वो विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।

सिन्हा 2010 में लखीसराय विधायक भी रह चुके हैं। इससे पहले 2017 में वो श्रम संसाधन मंत्री भी रह चुके हैं। विजय कुमार सिन्हा की राजनीतिक यात्रा की शुरुआत आरएसएस से हुई थी।

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