छत्तीसगढ़स्लाइडर

Bijapur: छत्तीसगढ़ अब बारूद की गंध नहीं रहा, चयनित युवाओं से बोले CRPF अधिकारी- जाइये और छवि को बदलिये

14वीं आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत चयनित युवाओं को भेजा इंदौर और अमृतसर।

14वीं आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत चयनित युवाओं को भेजा इंदौर और अमृतसर।
– फोटो : संवाद

विस्तार

बीजापुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाके से चयनित युवाओं की टीम यहां की सांस्कृतिक विरासत और विकास को बताने  को इंदौर और स्वर्ण मंदिर अमृतसर के लिए शनिवार को रवाना किए गए।

रवानगी से पूर्व सीआरपीएफ 168वीं वाहिनी मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में कमांडेंट विकास पांडे ने युवाओं को कैरियर निर्माण और क्षमता विकास से जुड़ी शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने भ्रमण में जाने वाले युवाओं से कहा कि बस्तर और छत्तीसगढ़ की छवि अब सिर्फ बारूद की गंध नही रही। अब सड़कों के विकास के साथ ही दुरस्त इलाकों में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ यहां की जनजातीय गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को वहां के युवाओं के साथ साझा करेंगे। आप वहां की संस्कृति और विकास को करीब से समझेंगे ताकि यहां लौटने के बाद अपने लोगों के बीच साझा कर सकें।

नेहरू युवा केन्द्र के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तहत आयोजित 14वीं आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत जिला बीजापुर के अति नक्सल प्रभावित व दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों से सीआरपीएफ के द्वारा चयनित 138 प्रतिभागियों को भारत के अलग-अलग स्थानों जैसे मैसुर, अलीपुर, लखनऊ, जम्मु, गोवाहाटी, इंदौर व अमृतसर का भ्रमण करवाने के श्रृंखला में  प्रथम चरण मैसुर, कर्नाटक, द्वितीय चरण अलीपुर, न्यु-दिल्ली, तृतीय चरण लखनऊ उत्तर प्रदेश, चतुर्थ एवं पांचवे चरण जम्मू एवं गोवाहाटी के उपरान्त छठा एवं सातवीं (अंतिम चरण) में चयनित प्रतिभागियों में से 20-20 युवाओं को इंदौर एवं अमृतसर के भ्रमण के लिए भेजा गया।

शनिवार को 18 मार्च को प्रतिभागियों को बस द्वारा जगदलपुर स्थित नेहरू युवा केन्द्र के कार्यालय भेजा गया जहां से रायपुर, अमृतसर तथा बिलासपुर से इंदौर के लिए प्रस्थान किया जायेगा। सभी प्रतिभागी अमृतसर एवं इंदौर रूक कर भ्रमण करेंगे एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उस स्थान की संस्कृति एवं विचार युवाओं से साझा करेंगे। प्रतिभागी भ्रमण के उपरान्त वापस बीजापुर आयेंगे। इनके सहयोग के लिए सीआरपीएफ के दो – दो अनुरक्षक सहायता के लिए भेजा गया। 

भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के तहत युवक-युवतियों को भारत के अन्य स्थानों के बारे में एवं उनके जीवन शैली के बारे में जानकारी मिलेगी जिससे प्रेरणा लेकर अति नक्सल प्रभावित व दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों के युवा भारत की संस्कृति को समझ सकेंगे एवं राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ेंगे जिससे अन्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा।  इस भ्रमण का शुभारंभ कमाण्डेन्ट  विकास पाण्डेय द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया। इस दौरान 168 वाहिनी के अधिकारीगण, अधिनस्थ अधिकारीगण मौजूद रहे।

Source link

Advertisements

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button