
गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में गौ माता के चरणों में लेट गौ पद लेकर श्रद्धालुओं ने शोभा यात्रा का स्वागत किया। भाजपा प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय समेत कई हिन्दू संगठन के दिग्गजों ने जमीन पर लेटकर शरीर में गौ पद लिया। शोभायात्रा के साथ विश्व शांति वार्षिक महिमा सम्मेलन का शुभारंभ शुरू हुआ। यज्ञ समापन पर राख से तिलक लगाकर होली खेलेंगे।
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: दरअसल, 2008 से कांडसर गौशाला संचालक बाबा उदय नाथ विश्व शांति वार्षिक महिमा मेला का आयोजन करते आ रहे हैं। होली के ठीक 4 दिन पहले गौमाता के भव्य शोभायात्रा से इसकी शुरुआत होती है। स्वागत में भी गो पद लेने की अनूठी रिवाज इस आयोजन को खास बना देता है।
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: शोभायात्र में निकले गौ माता 3 किमी दूरी से बिछाए गए सफेद कालीन में चल कर आते है।इसी कालीन में श्रद्धालु गौ माता के पग के आगे साष्टांग लेट कर गो पग बाधा बनते हैं,ताकि गौ माता उनके शरीर पर चल सके।
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: इसे गौपद लेना या गौ पग बाधा बनना कहते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से शारीरिक कष्ट दूर होता है साथ ही सारे क्लेश बाधा टल जाते हैं।आज प्रदेश के कोने कोने से आए लोगों ने गौ पद लेकर आयोजन का हिस्सा बने।
भाजपा संगठन मंत्री पवन साय ने भी लिया गो पद
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: आस्था धर्म के साथ ही प्रकृति रक्षा का संदेश देने वाले इस आयोजन में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय पहुंचे। संघ प्रांत प्रचार प्रमुख संजय तिवारी, प्रांत गौ सेवा प्रमुख वीर अन्ना सफ़ारे, सक्षम संगठन मंत्री राम राजवाड़े, हिन्दू जागरण पंच के प्रदेश पदाधिकारी सौरभ दुबे, संघ के प्रांत अभिलेखागार प्रमुख महावीर प्रसाद ठाकुर, प्रसिद्ध कथा वाचक युवराज पांडेय ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया।
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: इसके साथ ही संघ संगठन के कई ख्यातिनाम पदाधिकारियों के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष गौरी शंकर कश्यप,पालिका अध्यक्ष रिखीराम यादव, जनपद अध्यक्ष मैनपुर मोहना नेताम,समेत कई स्थानीय जनप्रतिनिधि ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया।
होलिका दहन तक होगा यज्ञ अनुष्ठान
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: प्रकृति प्रेम जागृत करने बनाई गई इस परम्परा में अनवरत तीन दिनों तक औषधीय काष्ठ से यज्ञ अनुष्ठान होगा।होलिका दहन के अगली सुबह यज्ञ के राख से तिलक लगाकर होली खेलने का रिवाज है।
बाबा उदय नाथ के गौ शाला में 800 गौ वंश
बाबा उदय नाथ आलेख महिमा संप्रदाय के प्रमुख है, क्षेत्र में उनके 5000 हजार से ज्यादा अनुयायी हैं। गौ शाला में 800 गौ वंश है जिसकी सेवा के लिए हमेशा 100 से ज्यादा सेवा दार 11 एकड़ में फैले गौ शाला सह आश्रम में रहते हैं। यहां प्राकृतिक जड़ी बूटी और गौ मूत्र से विभिन्न रोगों के निदान के लिए औषधीय उपलब्ध होता है।
Story of playing Holi with ashes in Gariaband: शुद्ध दूध, दही घी और शहद का केंद्र भी है। नशा मुक्ति अभियान चला कर बाबा ने सैकडो लोगों के जीवन को संवार दिया है। बाबा उदय नाथ ने कहा कि इस आयोजन का मक्सद गौ वंश और प्रकृति के प्रति लोगों के मन में अगाध प्रेम जागृत करना है।
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