छत्तीसगढ़

Scientists found oldest and most distant black hole in universe JWST explore

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Black Holes दुनियाभर के वैज्ञानिकों के लिए उत्‍सुकता का सबसे बड़ा केंद्र हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने साल 2021 में जेम्‍स वेब स्‍पेस टेलीस्‍कोप (JWST) को लॉन्‍च किया था। 10 हजार करोड़ रुपये की यह ऑब्‍जर्वेट्री वैज्ञानिकों के लिए ब्‍लैक होल्‍स को एक्‍स्‍प्‍लोर करने का बड़ा जरिया बन गई है। अब खगोलविदों की एक टीम ने अबतक के सबसे दूर और पुराने ब्‍लैक होल का पता लगाया है। यह जानकारी जर्नल नेचर में पब्लिश हुई है। 
 

कहां मिला है Black Hole 

इस ब्‍लैक होल को बहुत पुरानी आकाशगंगा GN-z11 में देखा गया है, जो 13.4 अरब प्रकाश वर्ष दूर है। यह ब्लैक होल सूर्य से लगभग 60 लाख गुना बड़ा है और ऐसा लगता है कि यह अपनी आसपास की आकाशगंगा में मौजूद पदार्थों को 5 गुना ज्‍यादा तेजी से खा रहा है। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के फ‍िज‍िक्‍स डिपार्टमेंट के टीम लीडर रॉबर्टो मैओलिनो ने इस खोज को ब्लैक होल साइंस के लिए ‘एक बड़ी छलांग’ बताया है। उन्‍होंने कहा कि ब्रह्मांड में इतने बड़े ब्‍लैक होल को देखना एक शुरुआत है। हमें यह सोचना होगा कि ब्‍लैक होल्‍स के बनने के और क्‍या कारण हो सकते हैं। 

एक सवाल यह भी उठता है कि‍ क्‍या विशालकाय ब्‍लैक होल अपने आसपास के मैटर यानी पदार्थ को ज्‍यादा तेजी से खाते हैं। वैज्ञानिक अभी इस सवाल का जवाब नहीं खोज पाए हैं। इस मामले में रिसर्च टीम को लगता है कि ब्‍लैक होल के तेजी से फीड करने की वजह उसकी आकाशगंगा है। क्‍योंकि ब्‍लैक होल बहुत तेजी से पदार्थों को कंज्‍यूम कर रहा है, इस वजह से आकाशगंगा के डेवलपमेंट में रुकावट आ सकती है। रिपोर्ट में ब्‍लैक होल को पेटू कहा गया है। 

यह खोज यह समझने में एक बड़ा कदम हो सकती है कि ब्रह्मांड के शुरुआती युगों में सुपरमैसिव ब्लैक होल सूर्य के लाखों अरब गुना द्रव्यमान तक कैसे पहुंचे। ब्‍लैक होल हमारे ब्रह्मांड में ऐसी जगहें हैं, जहां फ‍ि‍ज‍िक्‍स का कोई नियम काम नहीं करता। वहां सिर्फ गुरुत्वाकर्षण है और घना अंधेरा। ब्‍लैक होल्‍स का गुरुत्वाकर्षण इतना पावरफुल होता है, कि उसके असर से रोशनी भी नहीं बचती। जो भी चीज ब्‍लैक होल के अंदर जाती है, वह बाहर नहीं आ सकती।
 

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