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MP Panchayat Elelction: जानिए क्यों OBC आरक्षित सीटों पर चुनाव प्रक्रिया हुई स्थगित, पंच, सरपंच, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत पूरी अपडेट पढ़िए

MP Panchayat Elelction: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित पंच, सरपंच, जनपद पंचायत, जिला पंचायत सदस्यों के पदों के लिए चल रही निर्वाचन प्रक्रिया पर रोक लगा दी है, सभी कलेक्टर्स और जिला निर्वाचन अधिकारियों को इस बावत आयोग ने आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य अध्यक्ष पद (MP Panchayat Elelction) के लिए आज होने वाली आरक्षण प्रक्रिया भी रद्द कर दी गई है. अब ओबीसी सीटों को सामान्य ही माना जाएगा.

MP पंचायत चुनाव ब्रेकिंग: OBC के लिए आरक्षित सीटों पर नहीं होंगे चुनाव, राज्य निर्वाचन आयोग ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को कानून के मुताबिक चुनाव कराने का आदेश दिया है, साथ ही कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को चेताया भी है कि कानून का पालन नहीं किया गया तो भविष्य में चुनाव रद्द भी किये जा सकते हैं. इस आदेश को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने ओबीसी रिजर्व (stay on obc reserved seats election in mp panchayat) सीटों पर होने वाली चुनावी प्रक्रिया को रोक दिया है.

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जिला पंचायत सदस्य अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण प्रक्रिया स्थगित

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के रिजर्वेशन प्रक्रिया पर भी रोक (Reservation process for post of District Panchayat President stopped in MP) लगा दी है, पहले 14 दिसम्बर को जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए रिजर्वेशन तय करने की तारीख मुकर्रर थी, जिसे बढ़ाकर 18 दिसंबर किया गया था, लेकिन अब इस प्रक्रिया को भी स्थगित कर दिया गया है. मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए 13 प्रतिशत सीटें पंचायत चुनाव में आरक्षित हैं.

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27 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को आदेशित किया था कि संविधान के अनुसार पंचायत के चुनाव कराए जाएं, ऐसा नहीं हुआ तो चुनाव रद्द भी किए जा सकते हैं. पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी किए जाने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया चल रही है.

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वहीं आरक्षण के रोटेशन सहित अन्य मामलों की याचिकाएं उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक में दायर की गई हैं. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता विवेक तन्खा के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए हैं कि चुनाव संविधान के हिसाब से हो तो ही कराइए, अगर कानून का पालन नहीं किया तो चुनाव रद्द भी किए जा सकते हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 27 दिसंबर को होगी.

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