
पुष्पराजगढ़। अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने छात्रावास का पैसा निजी कामों में उपयोग करने वाले सीनियर आदिवासी उत्कृष्ट बालक हॉस्टल अनूपपुर के अधीक्षक मनोज नट को निलंबित कर दिया हैं. छात्रावास में कई अनियमितताएं भी पाई गई. पुष्परागढ़ के छात्रावासों में भी ठीक ऐसी ही मनमानी और अनियमितताएं हैं, लेकिन कलेक्टर साहब की नजर इधर नहीं पड़ रही है. कलेक्टर साहब पुष्पराजगढ़ में भी भ्रष्टाचार की इबारत गढ़ी जा रही है, जिसे तोड़ने की सख्त जरूरत है.
दरअसल अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ में कई साल से छात्रावासों का हाल बेहाल है. राजेंद्रग्राम में स्थित चाहे कन्या छात्रावास हो या ब्यॉज हॉस्टल हो, इनमें अधीक्षक और अधीक्षिका जड़ जमाकर बैठे हैं, जिससे 20 साल से आदिवासी बच्चे शोषण सह रहे हैं. 15 से 20 साल से एक ही जगह पर बैठ कर मलाई छान रहे हैं. छात्रावासों का हाल बेहाल है. 100 सीटर हॉस्टल में 436 छात्राएं हैं. इससे हैरानी की बात ये है कि यहां खाना भी छात्राओं को घटिया परोसा जा रहा है, जिससे छात्राएं बीमार पड़ रही हैं. हाल ही में 60 बच्चियां बीमार पड़ गई थी, लेकिन अधिकारी इस पर कोई एक्शन नहीं लिए. आंख पर पट्टी बांधकर बैठे रहे. बताया जा रहा है की सांठगांठ कर मामले को निपटा दिया गया है.
मध्यप्रदेश शासन के नियमानुसार कमिश्नर शहडोल के पत्र क्रमांक एफ,-/15/3-1/स्था/2503/दिनांक 10-05-2015,एवम 4310 दिनांक 24-07-2015 द्वारा तत्कालीन सांसद के पत्र दिनांक 04-05-2015 परिपेक्ष्य में सुनैना परस्ते को (टेकाम ) उच्च श्रे.शि.को जनहित में कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ के छात्रावास अधिक्षिका पद से तत्काल हटाए जाने के निर्देश किया गया था.
आदेशों को अधीक्षिका ने किया दरकिनार
सांसद के उपरोक्त निर्देश के कार्यालयीन आदेश क्रमांक 4109 /समा.स्था/आ,वि ,/2015 अनूपपुर दिनांक 20-08 -2015 द्वारा सुनैना टेकाम प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय बसनिहा को शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ के अधिक्षिका पद के सोंपे गए दायित्व से मुक्त कर दिया गया था.
बौखलाई अधीक्षिका पहुंची हाईकोर्ट
सुनैना परस्ते टेकाम द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. याचिका क्रमांक /15666/2015 में न्यायालय के पारित आदेश दिनांक 10-09-2015 को सक्षम अधिकारी को प्रकरण निराकृत करने को निर्देश दिए गए, जिस तारतम्य में सहायक आयुक्त जिला अनूपपुर द्वारा प्रशासकीय व्यवस्था के तहत कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ में अधिक्षिका पद से मुक्त कर उनकी मूल संस्था शा. माध्यमिक विद्यालय बसनिहा में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे.
सांसद, कमिश्नर, सहायक आयुक्त हुए बौना साबित !
बताया जा रहा है कि विगत वर्ष 2020 – 2021 में शासन से आवंटित धन राशि जो छात्राओं की खातों में जमा की गई थी, जिसे छात्राओं पर दबाव बनाकर खातों से जमा राशि निकलवा ली. इतना ही नहीं बाहरी ठेकेदारों से सांठगांठ कर कम्बल ,चादर ,गद्दा ,रजाई, इत्यादि खरीदी का खेल खेला गया, जबकि छात्राओं को अपने स्वेच्क्षा अनुसार उपयोग किया जाना था, लेकिन अधीक्षिका ने छात्राओं को भी कमीशन खाने में नहीं बख्सा. इतना ही नहीं जिस परिसर में 100 सीट की जगह सुनिश्चित है, वहां 436 छात्राएं कैसी गुजरा करती होंगी, जो सोचनीय विषय है.
100 सीटर छत्रावास में 436 छात्राएं कैसे करती होंगी गुजारा ?
कुछ दिन पूर्व सहायक आयुक्त विजय डहेरिया को शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ की हालात की सूचना दी गई थी. उक्त हालात की जांच में क्या हुआ, अभी खुलासा नहीं हुआ है. यहां घटिया खाना मिलता है. सोने को बिस्तर नहीं है. शौचालय नहीं है, जिससे छात्राओं को बाहर जाना पड़ता है. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भोग सिंह की लापरवाही के कारण जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं होती.
मूल पद शिक्षक पर अध्यापन से परहेज क्यों ?
अधीक्षिका सुनैना परस्ते की नियुक्ति शिक्षक के पद पर हुई है. नियुक्ति के शुरुआती दौर से ही स्कूल से नाता तोड़कर छात्रावास में 1986 अधीक्षिका के पद पर संलग्न होकर कार्य कर रही हैं. वे अपने शिक्षकीय गुण को भूल कर विभाग को मैनेज कर रही हैं.
छात्रावास में परोसा जा रहा घटिया खाना
बताया जा रहा है कि छात्रावास की बच्चियों को दिए जाने वाले मेनू के अनुसार नास्ता और अच्छा भोजन तक नहीं मिलता. बताया तो ये भी जा रहा है कि पूर्व में छात्राओं के खातों में सामग्री खरीदी के लिए पैसे आते थे, लेकिन स्वयं खरीदी कर ली हैं. इसमें कंबल, चादर, रजाई और जूते समेत कई सामानों की खुद खरीदी करती हैं और करप्शन को बढ़ावा देती हैं.
करप्शन पर भी मेहरबनी कैसे ?
बताया जा रहा है कि स्वयं खरीदी करके छात्राओं के खाते से राशि आहरण करा लिया गया था. बाहर के ठेकेदार से खरीदी करवा कर छात्राओं के खातों को भी कमीशन के लिए नहीं बक्सा गया. इतना ही नहीं सुनैना परस्ते के कई भ्रष्टाचार को उजागर भी किया गया, लेकिन इनके आगे आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग मध्य प्रदेश बौना साबित रहा. अनुपपुर जनजातीय सहायक आयुक्त विजय डहेरिया इस पर कार्रवाई से कतरा रहे हैं.
मामले में पुष्पराजगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी भोग सिंह ने कहा कि ये मामला गंभीर है. इसमें उनकी गलती है. जांच कर कार्रवाई के लिए जिला के अधिकारियों को सूचित की जाएगी. इसके पहले भी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और जनजातीय सहायक आयुक्त विजय डहेरिया यही राग अलापते नजर आए थे.