डिंडौरी में करप्शन का काला टीका: लोक निर्माण विभाग मेें जमकर भ्रष्टाचार, बीच से फटी लाखों की पुल, कारनामा छिपाने सीमेंट से कराई छपाई
गणेश मरावी,डिंडौरी। मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले में लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदारों ने पुल निर्माण में जमकर भ्रष्टचार किया है। जिम्मेदार अधिकारियों ने लाखों रूपए खर्च कर पुलिया निर्माण तो करा दिया, लेकिन गुणवत्ता को दरकिनार कर पूरी तरह से गुणवत्ताविहीन निर्माण कराया गया है। इन पुलियों में लाखों रूपए खर्च करने के बावजूद घटिया निर्माण कराया गया है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से घटिया निर्माण कर सरकार को लाखो रू का चूना लगा रहे हैं।
विभाग पर करप्शन का काला टीका
अब सवाल यह है कि पुल निर्माण कार्य के दौरान कार्यपालन यंत्री के द्वारा माॅनरिटिंग नहीं की गई है। पुलियों की घटिया निर्माण को लेकर कार्यपालन यंत्री एस.एस.ठाकुर के कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहें है। यूं कहें कि जिम्मेदार ने विभाग पर करप्शन का काला टीका लगा दिया है।
ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से घटिया निर्माण
लोक निर्माण विभाग संभाग डिंडौरी अंतर्गत ग्राम पंचायत रयपुरा में मुख्य मार्ग से नर्मदा नदी तक लोक निर्माण विभाग के द्वारा डामरीकरण सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त सड़क का निर्माण अभी प्रगतिरत है। उक्त सड़क का निर्माण लगभग डेढ़ किलोमीटर के आसपास होना बताया गया है। जहां पर सड़क के मध्य निर्माण ऐजेंसी के द्वारा 5 पुलियों का निर्माण कराया गया है। जिन पुलियों के निर्माण में ठेकेदार के द्वारा मनमानी पूर्वक निर्माण कराते हुये जमकर भ्रष्टाचार किया गया है।
हाथ लगाते ही उखड़ रही पुलों की परत
ठेकेदार के द्वारा पुलियों का निर्माण कार्य के दौरान डस्ट डालकर निर्माण कराया गया है, जिसके चलते एक पुल बीच से फट गयी है। इसके साथ ही सभी पुलियों में रेत, सीमेंट के साथ डस्ट का मिश्रण कर निर्माण कराया गया है। पुलियों की कई हिस्सों में हांथ लगाते ही उखड़ रहे हैं। लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने पुल फटने की सुचना मिलते ही भ्रष्टाचार को छुपाने की मंषा से उपर से सीमेंट से छपाई करा दिये हैं,जिससे पुल निर्माण में हुई भ्रष्टाचार न दिखे,साथ ही कई पुलियों के उपरी हिस्सा की परतें उखड़ रहीं है।
उपयंत्री और सहायक यंत्री के कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल
बताया गया कि पुलियों के निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता को ताक में रखकर कराया गया है। गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोक निर्माण विभाग के उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा लगातार माॅनरिटिंग नही की गई है, जिसका फायदा उठाते हुए ठेकेदार के द्वारा घटिया निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया है.
जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होगी ?
मामले को लेकर लोक निर्माण विभाग संभाग डिंडौरी एस.एस ठाकुर ने कहा कि फटी हुई पुलिया को तोड़कर दोबारा पुलिया निर्माण कार्य कराया जाएगा। अधिकारी के बयान कहते हैं कि सरकार को बस इसी तरह मिलकर चूना लगाओ औऱ सरकारी पैसे को पानी में बहाओ। विभाग जिम्मेदारों पर क्या एक्शन लेता है देखने वाली बात होगी।
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