IGNTU आरक्षण पर सियासी बवंडर: विधायक फुंदेलाल का हिमाद्री सिंह पर हमला, कहा- उनके पति बोर्ड के मेंबर, वे आदिवासी सांसद, फिर भी सदन में छात्रहित में कभी नहीं रखी बात, करेंगे आंदोलन
भोपाल। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के लालपुर में स्थित IGNTU अमरकंटक को लेकर सियासी पारा हाई अलर्ट पर है. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बीजेपी, पीएम मोदी और IGNTU प्रबंधन पर आरक्षण को लेकर कई संगीन इल्जाम लगाए थे. अब इसे लेकर अनूपपुर में सियासत तेज हो गई है. पुष्पराजगढ़ विधायक फुंदेलाल सिंह मार्को ने शहडोल लोकसभा सांसद हिमाद्री सिंह को आड़े हाथों लिया है.
हिमाद्री लोकसभा में नहीं रखी आदिवासियों की बात- विधायक मार्को
विधायक फुंदेलाल ने सीधे अटैक किया कि हिमाद्री सिंह पुष्पराजगढ़ की बेटी हैं, आदिवासी समाज की हैं, लेकिन कभी ये लोकसभा के पटल पर आदिवासियों के मुद्दे को नहीं रखीं, जिससे बीजेपी का दोहरा चाल-चरित्र सामने दिख रहा है. ये सिर्फ बयानों में आदिवासी हितैषी हैं, जबकि आदिवासी छात्रों के विरोध का काम कर रही हैं.
आदिवासी समाज के बच्चे वंचित- फुंदेलाल सिंह
वहां विधायक ने कहा कि बीजेपी के सांसद हिमाद्री सिंह आदिवासी समाज की बेटी है. इसलिए उनकी नैतिक जिम्मेदारी है कि लोकसभा में आरक्षण को उठाना चाहिए. छात्रों ने विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दे कई बार उठाए, लेकिन सांसद ने लोकसभा में इन मुद्दों को कभी नहीं रखा. इसलिए आदिवासी समाज के बच्चे आज वंचित रह गए.
नरेंद्र मरावी विश्वविद्यालय में बोर्ड मेंबर
फुंदेलाल ने कहा कि उन्हें जरा सी भी दर्द नहीं है कि आदिवासी समाज के बच्चे आगे बढ़ें, कुछ करें. जबकि उनके पति नरेंद्र मरावी विश्वविद्यालय में कार्यकारणी सदस्य हैं. उनकी भी जिम्मेदारी है कि वह मुद्दों को वहां पर रखें, लेकिन वह कभी नहीं रखते.
बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे- फुंदेलाल सिंह
विधायक ने कहा कि हम यदि इन मुद्दों को उठाते हैं, तो केंद्र सरकार सुनती नहीं है, क्योंकि मैं कांग्रेस का विधायक हूं. इसलिए और भी अनसुना किया जाता है. Igntu में बच्चों का शोषण हो रहा है. हॉस्टल में भी कई तरह की घटनाएं हुई हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर दिग्विजय सिंह के साथ मुद्दा उठाएंगे. बड़े स्तर पर प्रदर्शन करेंगे.
सांसद से नहीं हो सका संपर्क
वहीं MP-CG टाइम्स की टीम ने जब इस मामले में सांसद हिमाद्री सिंह से पक्ष लेने संपर्क साधने की कोशिश की, तो उनसे संपर्क नहीं हो सका. हालांकि ये कहना गलत नहीं होगा कि लोकसभा की कार्यवाही में अबतक आदिवासी हित के किसी भी मुद्दे में अपनी बात नहीं रखी है, जिससे आदिवासी समाज के छात्रों और लोगों में खासा आक्रोश देखा जा रहा है.
क्या कहा था दिग्विजय सिंह ने ?
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासी छात्रों के आरक्षण के मामले में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति पर हमला बोला है. उन्होंने कुलपति प्रकाशमणि त्रिपाठी के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की. वहीं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के जनसंपर्क विभाग ने आरोपों को निराधार बताया. कहा कि संवैधानिक पद पर रहने वाले राजनेता से लोग गम्भीर बयान की उम्मीद करते हैं.
50% आरक्षण को घटाकर 7.5% क्यों कर दिया गया ?
दिग्विजय सिंह ने अपने फेसबुक पर लिखा कि अर्जुन सिंह द्वारा स्थापित मप्र-अमरकंटक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय सन 2007 में आदिवासी वर्ग के छात्रों को मिलने वाले 50% आरक्षण को सन 2014 मे घटाकर 7.5% क्यों कर दिया गया ? क्या यही Bharatiya Janata Party (BJP) की आदिवासियों के प्रति भावना नहीं दर्शाता ?
आगे उन्होंने लिखा कि मप्र-अमरकंटक इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय सन 2007 में आदिवासी वर्ग के छात्रों को मिलने वाले 50% आरक्षण को सन 2014 में घटाकर 7.5% कर दिया. Narendra Modi जी बताएंगे कि आदिवासी छात्रों को मिलने वाले अधिकारों से इतनी नफरत क्यों ?, जबकि संबंधित शिक्षा संस्थानो प्रवेश हेतु 50% आरक्षण का नियम है!
देश के प्रधानमंत्री जी से एक ही सवाल है ?
दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जब भाजपा सरकार आदिवासी वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा, आदिवासी संस्कृति, आदिवासी उत्थान जैसे अवसर प्रदान करने की मंशा ही नहीं रखती तो, फिर ट्राइबल यूनिवर्सिटी संचालित ही क्यों ?
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