MP News: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हरसिद्धि मंदिर में प्रज्ज्वलित होगी सामूहिक दीपमालिका
उज्जैन हरसिद्धी मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नवरात्र का आरंभ हो गया है। देश के 52 शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर में नवरात्र के नौ दिन दीपमालिका प्रज्जवलित की जाती है। नवरात्र में अधिक भक्तों को दीपमालिका प्रज्जवलित कराने का लाभ प्रदान करने के लिए सामूहिक दीपमालिका प्रज्जवलित की जाएगी। कोई भी भक्त 3100 रुपये जमा कर यह लाभ ले सकता है। आम दिनों मे दीपमालिका प्रज्जवलित कराने पर एक व्यक्ति को 17 हजार रुपये का खर्च आता है। शक्तिपीठ हरसिद्धि के साथ गढ़कालिका व भूखी माता मंदिर में भी चैत्र नवरात्र में भक्तों के सहयोग से दीपमालिका प्रज्जवलित की जाएगी।
मराठा कालीन है यह दीपस्तंभ
हरसिद्धि मंदिर के पुजारी पंडित राजूपुरी गोस्वामी ने बताया कि हरसिद्धि मंदिर परिसर मे मराठा कालीन दो दीप स्तंभ हैं। इन्हें दीपमालिका कहा जाता है। प्रत्येक स्तंभ में 501 दीपक हैं। भक्त माता हरसिद्धि से की गई मान्यता पूर्ण होने पर दीपमालिका प्रज्जवलित कराते हैं। एक दिन दीपमालिका प्रज्वलित कराने में करीब 17000 हजार रुपये का खर्च आता है। देश-विदेश के भक्त दीपमालिका प्रज्जवलित कराने के लिए अग्रिम बुकिंग कराते हैं।
सामूहिक होता है पूजन
दीपमालिका प्रज्ज्वलित करने से पहले लाभार्थी से पूजा करवाई जाती है। नवरात्र के समय एक दिन में जितने भी भक्तों ने दीपमालिका प्रज्जवलित करने के लिए 3100 रुपये की रसीद कटवाई है, उनके द्वारा सामूहिक रूप से दीपमालिका की पूजन कराई जाती है।
एक दिन मे 75 लीटर तेल का होता है उपयोग
नवरात्रि में दीपमालिका के प्रज्ज्वलन के लिए प्रति श्रद्धालु 3100 रुपए दान राशि तय है। हरसिद्धि मंदिर के पुजारी पंडित रामचंद गिरी ने बताया कि नवरात्रि मे बुकिंग कराने वाले श्रद्धालुओ को दान राशि के बाद केवल पूजन सामग्री लाना होती है। दान राशि में तेल, बाती और प्रज्ज्वलन करने वालों का पारिश्रमिक शामिल है। एक दिन की दीपमालिका में 75 लीटर तेल और पांच किलो कपास की बाती, कपूर आदि का उपयोग होता है। माता का चोला शृंगार चढ़ाया जाता है।