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शिव के राज में हर व्यक्ति कर्जदार ! चुनाव से पहले फिर 1 हजार करोड़ लोन, जानिए आप पर कितने हजार का कर्ज ?

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार नई घोषणाएं कर रहे हैं. इन मुफ्त घोषणाओं के कारण मध्य प्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में 1 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है. यह लोन 16 साल के लिए लिया गया है.

3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज होने के बावजूद भी शिवराज सरकार हर दिन नई घोषणाएं कर रही है. मध्य प्रदेश पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है. राज्य का खजाना खाली है. कर्ज का जाल बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद चुनावी साल में जनता को लुभाने के लिए सरकार द्वारा कर्ज लेने का सिलसिला जारी है.

मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल छह महीने में अलग-अलग तारीखों पर 11 बार कर्ज लिया है. सरकार ने जनवरी, फरवरी, मार्च, मई और जून में आरबीआई से कर्ज लिया है. हालांकि, वित्त वर्ष 2023-24 शुरू होने के बाद यह सरकार का दूसरा लोन है.

कब-कब लिया कर्ज ?

25 जनवरी 2023 को 2000 करोड़, 2 फरवरी 2023 को 3000 करोड़, 9 फरवरी 2023 को 3000 करोड़, 16 फरवरी 2023 को 3000 करोड़, 23 फरवरी 2023 को 3000 करोड़, 02 मार्च 2023 को 3000 करोड़, 09 मार्च 2023 को 2000 करोड़ का कारोबार किया.

इसके अलावा 17 मार्च 2023 को 4000 करोड़ रुपये, 24 मार्च 2023 को 1000 करोड़ रुपये, 29 मई 2023 को 2000 करोड़ रुपये और 14 जून 2023 को 4000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया गया. वर्तमान में राज्य की बीजेपी सरकार पर साल 2023-24 के बजट से भी ज्यादा का कर्ज है.

विपक्ष को कर्ज देने पर आपत्ति है

विपक्ष ने राज्य पर बढ़ते कर्ज के बोझ पर आपत्ति जताई है. कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार चुनाव जीतने के लिए चुनावी कार्यक्रमों के लिए कर्ज ले रही है. कुणाल चौधरी ने कहा कि एमपी कर्ज के बोझ से दबा हुआ है. सरकार हर साल 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ब्याज चुका रही है. हर दिन नई-नई घोषणाएं हो रही हैं.

प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये से ज्यादा का लोन

वरिष्ठ पत्रकार मृगेंद्र सिंह ने सरकार की लगातार उधारी और एमपी पर बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि लगातार कर्ज लेना एक चलन बन गया है. आय से अधिक खर्च हो गया है. रेवड़ी संस्कृति से कर्ज बढ़ रहा है. मप्र सरकार पर करीब 3 लाख 32 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है.

सरकार हर साल कर्ज पर 20 हजार करोड़ रुपये का ब्याज देती है. इस हिसाब से प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये का लोन है. 2023-24 के बजट से 18 हजार करोड़ रुपये ज्यादा का कर्ज है. 2023-24 के बजट के मुताबिक, कर्ज आय से करीब 50 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है.

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