MP News: सीएम का ऐलान- किसानों की सहमति बिना नहीं होगा जमीन का अधिग्रहण, हर तीन माह में किसान मंच की बैठक होगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम का समय बचा है। इससे पहले किसानों ने सरकार के खिलाफ भोपाल में शक्ति प्रदर्शन किया। आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने किसानों को मोतीलाल नेहरू ग्राउंड पर एकत्रित किया। कार्यक्रम में किसानों और पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसानों के कार्यक्रम में पहुंच गए। उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर बड़े ऐलान किए तो कई मांगों पर आश्वासन भी दिया।
भारतीय किसान संघ ने सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने, समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदलने, बिजली के भारी भरकम बिल, पर्याप्त खाद नहीं मिलने समेत कई मांगों को उठाया। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के कार्यक्रम में पहुंच गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आए और मामा नहीं आए ऐसा हो ही नहीं सकता। सरकार अफसरों के लिए नहीं किसानों के लिए है। वल्लभ भवन में बैठे अफसरों से पूछो तो कहते है कि सब ठीक चल रहा है। लेकिन किसान संघ सही समय पर सही स्थिति और समस्या रखता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कई मुद्दों पर किसान मंच के साथ बैठक हुई। अब हर तीन महीने में किसान मंच की बैठक होगी। सीएम ने कहा कि किसानों से जबरदस्ती जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों की सहमति से ही अधिग्रहण होगा। यह यूनिवर्सल है पूरे प्रदेश में लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक सारकार बीच में आई थी। उसकी कर्ज माफी के कारण किसान डिफाल्टर हो गए। हम उन किसानों के कर्ज का ब्याज भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना फिर से लागू करेंगे। बलराम तालाब योजना पर आपके साथ बैठक कर विचार करेंगे। गन्ना किसानों को बकाया देने के लिए मिल मालिकों से चर्चा करेंगे। जल ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में सुधारा जाएगा। नहरों की मरम्मत होगी।
सीएम ने कहा कि सिंचाई के समय ट्रांसफार्मर पर लोड होता है, जल जाते है। वहां अलग से ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे। पीएम सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि में छूटे नामों को फिर से जोड़ो जाएगा। राजस्व शिविर और बिजली समस्या के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व की जमीन पर जिनके पुराने कब्जे है। उन किसानों को पट्टा दिया जाएगा। चाहे वो किसी भी वर्ग का किसान हो।
इससे पहले किसान सम्मेलन में संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं है। मध्य प्रदेश का किसान सुखी नहीं दुखी है। यह दुर्भाग्य है। यह यहां की सरकार का निकम्मापन है। उन्होंने कहा कि यह गैर राजनीतिक संगठन है। जो किसानों का हक मांगने आया है। भीख मांगने नहीं आया है। किसान मंच पर पदाधिकारियों ने किसानों को लेकर किए जा रहे काम में छत्तीसगढ़, उड़ीसा और तेलंगाना सरकार की तारीफ की। बता दें यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का अनुषांगिक संगठन है।
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मध्य प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव को एक साल से भी कम का समय बचा है। इससे पहले किसानों ने सरकार के खिलाफ भोपाल में शक्ति प्रदर्शन किया। आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ ने किसानों को मोतीलाल नेहरू ग्राउंड पर एकत्रित किया। कार्यक्रम में किसानों और पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसानों के कार्यक्रम में पहुंच गए। उन्होंने किसानों की मांगों को लेकर बड़े ऐलान किए तो कई मांगों पर आश्वासन भी दिया।
भारतीय किसान संघ ने सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिलने, समय पर ट्रांसफार्मर नहीं बदलने, बिजली के भारी भरकम बिल, पर्याप्त खाद नहीं मिलने समेत कई मांगों को उठाया। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान किसानों के कार्यक्रम में पहुंच गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आए और मामा नहीं आए ऐसा हो ही नहीं सकता। सरकार अफसरों के लिए नहीं किसानों के लिए है। वल्लभ भवन में बैठे अफसरों से पूछो तो कहते है कि सब ठीक चल रहा है। लेकिन किसान संघ सही समय पर सही स्थिति और समस्या रखता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कई मुद्दों पर किसान मंच के साथ बैठक हुई। अब हर तीन महीने में किसान मंच की बैठक होगी। सीएम ने कहा कि किसानों से जबरदस्ती जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जाएगा। किसानों की सहमति से ही अधिग्रहण होगा। यह यूनिवर्सल है पूरे प्रदेश में लागू होगा।
मुख्यमंत्री ने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक सारकार बीच में आई थी। उसकी कर्ज माफी के कारण किसान डिफाल्टर हो गए। हम उन किसानों के कर्ज का ब्याज भरेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना फिर से लागू करेंगे। बलराम तालाब योजना पर आपके साथ बैठक कर विचार करेंगे। गन्ना किसानों को बकाया देने के लिए मिल मालिकों से चर्चा करेंगे। जल ट्रांसफार्मर को 24 घंटे में सुधारा जाएगा। नहरों की मरम्मत होगी।
सीएम ने कहा कि सिंचाई के समय ट्रांसफार्मर पर लोड होता है, जल जाते है। वहां अलग से ट्रांसफार्मर रखे जाएंगे। पीएम सम्मान निधि और मुख्यमंत्री सम्मान निधि में छूटे नामों को फिर से जोड़ो जाएगा। राजस्व शिविर और बिजली समस्या के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व की जमीन पर जिनके पुराने कब्जे है। उन किसानों को पट्टा दिया जाएगा। चाहे वो किसी भी वर्ग का किसान हो।
इससे पहले किसान सम्मेलन में संघ के पदाधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं है। मध्य प्रदेश का किसान सुखी नहीं दुखी है। यह दुर्भाग्य है। यह यहां की सरकार का निकम्मापन है। उन्होंने कहा कि यह गैर राजनीतिक संगठन है। जो किसानों का हक मांगने आया है। भीख मांगने नहीं आया है। किसान मंच पर पदाधिकारियों ने किसानों को लेकर किए जा रहे काम में छत्तीसगढ़, उड़ीसा और तेलंगाना सरकार की तारीफ की। बता दें यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का अनुषांगिक संगठन है।