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Kabirdham: JCCJ कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर, कहा- भाजपा कार्यकाल के बचे दो साल का भी बोनस दो

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छत्तीसगढ़ में कवर्धा (कबीरधाम) में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) के कार्यकर्ता मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। यह लोग बिजली बिल में सुधार, भाजपा कार्यकाल के बचे दो साल का धान बोनस, बेरोजगारी भत्ता, सड़क निर्माण सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सुरक्षा निधि के नाम पर मनमाना बिजली बिल वसूला जा रहा है। 

जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी, अजीत जोगी युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अश्वनी यदु और छात्र विंग प्रदेश अध्यक्ष रवि चंद्रवंशी ने बिजली बिल में सुधार की मांग की। वहीं धान के बोनस का भी मुद्दा उठाया। कहा कि, बीजेपी कार्यकाल के दो वर्ष का धान का बोनस देने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद आजतक नहीं दिया गया। जनता ने घोषणा पत्र देखकर वोट दिया था। अब खुद को ठगा महसूस कर रही है। 

उन्होंने कहा कि, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर ठगा जा रहा है। आज तक बेरोजगारी भत्ता के नाम पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। आज अगर जोड़ा जाए तो प्रत्येक बेरोजगार को कम से कम एक लाख से अधिक राशि भत्ते के रूप में मिल जानी चाहिए थी, लेकिन चार साल में युवाओं को सिर्फ धक्के ही नसीब हुए। 

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छत्तीसगढ़ में कवर्धा (कबीरधाम) में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCCJ) के कार्यकर्ता मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। यह लोग बिजली बिल में सुधार, भाजपा कार्यकाल के बचे दो साल का धान बोनस, बेरोजगारी भत्ता, सड़क निर्माण सहित अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सुरक्षा निधि के नाम पर मनमाना बिजली बिल वसूला जा रहा है। 

जिलाध्यक्ष सुनील केशरवानी, अजीत जोगी युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अश्वनी यदु और छात्र विंग प्रदेश अध्यक्ष रवि चंद्रवंशी ने बिजली बिल में सुधार की मांग की। वहीं धान के बोनस का भी मुद्दा उठाया। कहा कि, बीजेपी कार्यकाल के दो वर्ष का धान का बोनस देने का वादा कांग्रेस ने किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद आजतक नहीं दिया गया। जनता ने घोषणा पत्र देखकर वोट दिया था। अब खुद को ठगा महसूस कर रही है। 

उन्होंने कहा कि, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के नाम पर ठगा जा रहा है। आज तक बेरोजगारी भत्ता के नाम पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। आज अगर जोड़ा जाए तो प्रत्येक बेरोजगार को कम से कम एक लाख से अधिक राशि भत्ते के रूप में मिल जानी चाहिए थी, लेकिन चार साल में युवाओं को सिर्फ धक्के ही नसीब हुए। 

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