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MP News: एमपी में विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM की हैदराबादी बिरयानी की दावत, 1 लाख सदस्य बनाने का दावा

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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी चुनाव में मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी के नेता सदस्य बनाने के लिए बिरयानी की दावत दे रहे है। इसका सीधा मकसद अगले साल होने वाले विधानसभा में पार्टी के लिए जमीन मजबूत करने की है।
 
ओवैसी के प्रदेश में मजबूत होने से कांग्रेस को नुकसान होना है। इससे कांग्रेस नेताओं में भी बेचैनी है। एआईएमआईएम के नेता का कहना है कि पार्टी का चुनाव से पहले 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है। इसमें से एक लाख से ज्यादा सदस्य अब तक बन गए है। दावा किया जा रहा है कि भोपाल की नरेला विधानसभा सीट पर ही पार्टी ने 25 हजार सदस्य बनाए हैं।
 
कांग्रेस की टेंशन इसलिए बढ़ रही
प्रदेश में एआईएमआईएम के 7 पार्षद है। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम ने बुरहानुपर में कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया। यहां पर औवसी की पार्टी की महापौर प्रत्याशी ने 10 हजार वोट से जीत हासिल की। जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार का अंतर सिर्फ 500 वोट से भी कम था। यहां पर कांग्रेस को बीजेपी की माधुरी पटेल ने  हरा दिया। एआईएमआईएम के मजबूत होने से कांग्रेस को ही नुकसान होना है।
 
2023 में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी
ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी विधानसभा की 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, खरगौन, बुरहानुपर जैसे शहरों में उम्मीदवार उतारने की चर्चा है। दरअसल कांग्रेस से अल्पसंख्यक वोटर खिसक रहा है। इसका ओवैसी को फायदा मिल सकता है।
 
जयस भी अकेले उतरेंगी मैदान में 

उधर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने भी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे कांग्रेस में खलबली मच गई है। दरअसल 2018 में जयस नेताओं के साथ ही कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 में से 30 सीटें जीती थी और सत्ता के करीब पहुंच गई थी। अब जयस के बाद ओवैसी की पार्टी की बढ़ती सक्रियता कांग्रेस के लिए टेंशन बढ़ाने वाली हैं।
 

विस्तार

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में एक साल से भी कम का समय बचा है। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) भी चुनाव में मजबूती से उतरने की तैयारी कर रही है। पार्टी के नेता सदस्य बनाने के लिए बिरयानी की दावत दे रहे है। इसका सीधा मकसद अगले साल होने वाले विधानसभा में पार्टी के लिए जमीन मजबूत करने की है।

 

ओवैसी के प्रदेश में मजबूत होने से कांग्रेस को नुकसान होना है। इससे कांग्रेस नेताओं में भी बेचैनी है। एआईएमआईएम के नेता का कहना है कि पार्टी का चुनाव से पहले 10 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है। इसमें से एक लाख से ज्यादा सदस्य अब तक बन गए है। दावा किया जा रहा है कि भोपाल की नरेला विधानसभा सीट पर ही पार्टी ने 25 हजार सदस्य बनाए हैं।

 

कांग्रेस की टेंशन इसलिए बढ़ रही

प्रदेश में एआईएमआईएम के 7 पार्षद है। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम ने बुरहानुपर में कांग्रेस का गेम बिगाड़ दिया। यहां पर औवसी की पार्टी की महापौर प्रत्याशी ने 10 हजार वोट से जीत हासिल की। जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार का अंतर सिर्फ 500 वोट से भी कम था। यहां पर कांग्रेस को बीजेपी की माधुरी पटेल ने  हरा दिया। एआईएमआईएम के मजबूत होने से कांग्रेस को ही नुकसान होना है।

 

2023 में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी

ओवैसी की पार्टी विधानसभा चुनाव में उतरने के लिए तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी विधानसभा की 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खंडवा, खरगौन, बुरहानुपर जैसे शहरों में उम्मीदवार उतारने की चर्चा है। दरअसल कांग्रेस से अल्पसंख्यक वोटर खिसक रहा है। इसका ओवैसी को फायदा मिल सकता है।

 

जयस भी अकेले उतरेंगी मैदान में 


उधर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) ने भी 80 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे कांग्रेस में खलबली मच गई है। दरअसल 2018 में जयस नेताओं के साथ ही कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 47 में से 30 सीटें जीती थी और सत्ता के करीब पहुंच गई थी। अब जयस के बाद ओवैसी की पार्टी की बढ़ती सक्रियता कांग्रेस के लिए टेंशन बढ़ाने वाली हैं।

 

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