भोपाल। मशहूर गीतकार मनोज मुंतशिर को ‘भोपाल हिस्ट्री फोरम’ ने भेजा लीगल नोटिस भेजा है. भोपाल गौरव दिवस पर भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया. इस नोटिस में गीतकार से उन आरोपों को साबित करने को कहा गया है जो उन्होंने गौरव दिवस के दिन लगाए थे.
नोटिस में क्या है
मनोज मुंतशिर को नोटिस भेजने वाले अधिवक्ता शाहनवाज खान का कहना है कि ‘यदि मुंतशिर 30 दिनों के भीतर अपने दावों और आरोपों के समर्थन में सबूत पेश नहीं करते हैं, तो उन्हें सार्वजनिक रूप से घोषणा करनी होगी कि उन्होंने भोपाल गौरव दिवस पर नवाबों के खिलाफ जो कुछ भी कहा वह गलत और भ्रामक था.
भोपाल हिस्ट्री फोरम ने जवाब दिया
मनोज मुंतशिर के इन आरोपों पर भोपाल हिस्ट्री फोरम ने लिखा है कि हकीकत यह है कि 15 अगस्त 1947 को भोपाल में तिरंगे के साथ प्रभात फेरी निकाली गई थी. यह भी एक सिद्ध तथ्य है कि भोपाल के नवाब ने 15 अगस्त, 1947 से पहले ही 562 रियासतों के साथ विलय और बंदोबस्त समझौते के दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर दिये थे. इसके बाद ही भोपाल भारतीय संघ का हिस्सा बना.
गीतकार ने क्या कहा था ?
1 जून को भोपाल गौरव दिवस पर गीतकार व लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल करने की मांग उठाई. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यह दोस्त मोहम्मद जैसे लुटेरों और नवाब हमीदुल्लाह जैसे आतंकियों का शहर नहीं है, बल्कि यह राजा भोज का शहर है.
मनोज मुंतशिर ने यह भी कहा था कि 1 जून 1949 को भोपाल में पहली बार तिरंगा फहराया गया था. सब यही सोच रहे होंगे कि देश को आजादी 1947 में मिली थी, फिर दो साल बाद भोपाल में तिरंगा क्यों फहराया गया.
उन्होंने कहा कि एक लालची नवाब ने भोपाल को आजाद करवाकर अपनी मुट्ठी में कर लिया है. इसलिए भोपाल के लोगों को दो साल बाद आजादी मिली. उन्होंने कहा कि भोपाल नवाब के कण-कण में पाकिस्तान मौजूद है. वे भोपाल को पाकिस्तान का हिस्सा बनाना चाहते थे. भोपाल में भारत का नहीं, पाकिस्तान का झंडा फहराना चाहिए.
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