पुष्पराजगढ़ में क्रेशर बने जी के जंजाल ! ओवरलोड ट्रकों से जर्जर हो रहीं सड़कें, अवैध खदानों से बेहिसाब पत्थर, गिट्टी लोड दौड़ रहीं गाड़ियां, सरस्वती माइनिंग समेत क्रेशरों की भरमार, एक्शन से खौफ खा रहा सिस्टम ?
अफसरों की मिलीभगत से माफिया के हौसले बुलंद, आंदोलन की तैयारी में ग्रामवासी
पुष्पराजगढ़। एमपी का अनूपपुर एक ऐसा जिला है, जहां पत्थरों की भरमार है. यही वजह है कि खदानें भी अधिक है. जब खदानें ज्यादा होंगी, तो गाड़ियां भी सड़कों पर ज्यादा दौड़ेंगी. जिससे सड़कों पर भी भार पड़ेगा. बड़े और ओवरलोड वाहनों की वजह से सड़क भी उखड़ेंगी. जिससे परेशानी आम जनता को होगी, लेकिन इससे खनिज विभाग और परिवहन विभाग को क्या फर्क पड़ता है ? क्योंकि उनका जेब तो गर्म हो ही रहा है, जनता की परेशानी से क्या लेना देना ? इसीलिए तो कहते हैं कि एक बार पुष्पराजगढ़ में जिस अधिकारी की पोस्टिंग हो गई, वो दोबारा जाने का नाम नहीं लेता है. यहां मलाईदार कुर्सी के साथ मान और सम्मान भी भोली भाली जनता से मिलता है. तब भला यहां से कौन अधिकारी जाना चाहेगा.
कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
खैर अब मुद्दे की बात पर आते है. पुष्पराजगढ़ के ग्रामीण इलाकों में जगह जगह पर क्रेशर चल रहे हैं, जिसके लिए पत्थर खदान भी खोदे गए है. जहां से रोजाना भारी मात्रा में बोल्डर पत्थर निकाले जा रहे हैं. जिन्हें क्रेशर तक ले जाने ट्रैक्टर और डंपर का इस्तेमाल किया जाता है. क्षमता से अधिक मटेरियल भरकर डंपर, ट्रक और ट्रैक्टर निकलते हैं, बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होती है. कभी कभार ही एक-दो ट्रेक्टर, डंपरों को पकड़कर थाने में खड़ा कर दिया जाता है.
ओवरलोड वाहनों से उखड़ रहीं सड़कें
लेकिन लगातार कार्रवाई नहीं होने से ओवरलोड वाहनों का निकलना बंद नहीं हो रहा है. अवैध खदानों से पत्थर और क्रेशर से गिट्टी लोड गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रहीं है. दिन भर में करीब 100 ट्रक गुजरते हैं. इससे शासन का करोड़ों रुपए जो कि सड़कों के निर्माण में लगाया गया, वो बर्बाद हो रहा है. सड़कें धस रही है, गड्ढे हो रहे हैं. बसही से लेकर छत्तीसगढ़ बार्डर तक रोड दब गया है. ओवर लोड की वजह से ग्रामीणों को आने जाने में परेशानी हो रही. ओवरलोड वाहनों की वजह से उखड़ रहीं सड़कों को लेकर ग्रामीण कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अफसरों की मिलीभगत से माफिया के हौसले बुलंद हैं.
खनिज संपदा को लूट रहा माफिया
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पुष्पराजगढ़ के ताली-दोनिया पंचायत की, जहां करीब 6 क्रेशर संचालित हैं, जिनके पास कई अवैध तरीके से खदानें हैं, जहां से बेतहाशा पत्थरों की खुदाई होती है. खनिज संपदा को लूटा जा रहा है. सरकारी खजाने को खाली किया जा रहा है. राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन मजाल है कि खनिज विभाग इधर आंख उठाकर देख ले.
ग्रामीण और कई सरपंच जता रहे विरोध
सरस्वती माइनिंग स्टोन क्रेशर और सरस्वती मिनरल्स स्टोन क्रेशर के मालिक जेठू है. जो कि इस क्षेत्र का सबसे बड़ा माफिया है. क्रेशर और पत्थर खदानों का ग्रामीण और सरपंच सब विरोध करते हैं लेकिन होता कुछ भी नहीं है. ग्राम पंचायत अमगवां सरपंच चैन सिंह धुर्वे, ग्राम पंचायत लपटी सरपंच जवाहर सिंह पाटले, ग्राम पंचायत दोनिया सरपंच जोगवती सिंह, ग्राम पंचायत ताली सरपंच चंद्रभान सिंह और ग्राम पंचायत पमरा के सरपंच कलशिया बाई इसका विरोध जता रहे.
खनिज विभाग के नियमों को माफिया दिखा रहा ठेंगा
तमाम नियमों को ताक पर रखकर क्रेशर और पत्थर खदानों का संचालन किया जा रहा है, लेकिन खनिज विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता है. कार्रवाई तो दूर अधिकारी झांकने भी नहीं पहुंचते हैं. कहीं न कहीं अधिकारियों से सांठगांठ और कमीशनखोरी के चलते कार्रवाई नहीं होती. ऐसा ग्रामीणों का आरोप है. नियम कायदे गरीब और छोटे तबके के लोगों के लिए रहता है, क्योंकि बड़े लोग या कहें की माफिया जैसों के किए तो कोई नियम ही नहीं होता है. वो जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं. या फिर नियमों को खरीद लिया जाता है.
कैसे पुष्पराजगढ़ हो रहा खोखला ?
जयप्रकाश शिवदासानी उर्फ जेठू पुष्पराजगढ़ में एक छोटे से पत्थर खदान का मालिक हुआ करता था, लेकिन देखते ही देखते सेटिंग जुगाड़ पैसे के दम और गरीब आदिवासियों का शोषण करते हुए पुष्पराजगढ़ एक के बाद एक कई क्रेशरों का मालिक बन बैठा. सूत्र बताते हैं कि जेठू सेठ की माइनिंग और पुलिस में अच्छी खासी रकम देकर अवैध उत्खनन और परिवहन का काम दिन रात चलता है. छत्तीसगढ़ से आकर मध्यप्रदेश अनूपपुर ज़िले में माइनिंग विभाग के अधिकारियों और पुलिस अधिकारी का खुला संरक्षण मिलना अपने आप में सवाल खड़ा करता है.
खनिज संसाधनों का अत्यधिक दोहन
जिले के पठार क्षेत्र में लगभग हर गांव में अवैध पत्थर की खदानें मिल जाएंगी. जहां स्टोन क्रशर संचालित होते हैं. पत्थर की इन खदानों का अवैध उत्खनन कर खनन माफिया राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहा है. दूसरी ओर खनन विभाग माफिया से गठजोड़ कर सरकार को गच्चा दे रहा है. अवैध खनन की शिकायत पर भी खनन विभाग आंख पर पट्टी बांध कर सो जाता है.
जांच के नाम पर लिफाफे का इनाम ?
राजेंद्रग्राम के पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन माफिया के खिलाफ खनन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इन खनन माफियाओं और स्टोन क्रेशर संचालकों के पास कई अवैध खदानें हैं, जो दिखावटी लीज से हटकर अवैध खनन के लिए संचालित हैं. बताया जा रहा है कि जांच के नाम पर अधिकारी लिफाफा लेकर जाते हैं.
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS