Bike Modifications: ये मॉडिफिकेशन्स आपको दिखा सकती है जेल का रास्ता, जानें क्या है लीगल और क्या नहीं?
आए दिन सभी राज्यों की पुलिस रोड पर दौड़ रही मॉडिफाईड मोटरसाइकिलों का चालान काटा करती है। कुछ का भारी चालान होता है, तो कुछ के टू-व्हीलर्स को इम्पाउंड (जप्त) कर लिया जाता है। कभी-कभी रोड पर ही वाहन में हुए बदलावों को हटा दिया जाता है। इसे लेकर ट्रैफिक पुलिस समय-समय पर बड़े अभियान भी चलाती है।
कई लोग अपनी मोटरसाइकिलों पर आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट लगा लेते हैं, जिनकी आवाज से न केवल आसपास के लोग, बल्कि रोड पर चल रहे अन्य वाहनों के चालकों को भी समस्या होती है। ऐसे एग्जॉस्ट लगाने से आप परेशानी में पड़ सकते हैं। या तो आपको भारी चालान दिया जा सकता है या आपके एग्जॉस्ट को हटाकर नष्ट किया जा सकता है। आपकी किस्मत खराब हुई, तो आपके साथ ये दोनों चीजें एक साथ भी हो सकती है। हाल ही में, दिल्ली में ट्रैफिक पुलिस ने एक अभियान चलाया था, जिसके तहत आफ्टरमार्केट बाइक एग्जॉस्ट को हटाया जा रहा था और अंत में सभी को रोड रोलर के नीचे दबा कर नष्ट कर दिया गया।
ध्यान रहे कि किसी भी वाहन में किए गए किसी भी तरह के संशोधन (बदलाव) को RTO के साथ रजिस्टर्ड होना चाहिए और साथ ही आपके बीमा में इसका उल्लेख होना चाहिए। प्रोफेश्नल कस्टम बाइक निर्माता हमेंशा अपने वाहनों को रजिस्टर कराते हैं, लेकिन यदि आप बिना रजिस्ट्रेशन के अपनी मोटरसाइकिल में कोई बदलाव करते हैं, तो आपको इसके अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।
2019 में कोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट में कुछ नियमों को जोड़ा था, जो कहता है कि “मोटर वाहन को इस तरह नहीं बदला जा सकता कि वो मूल रूप से निर्माता द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र (RC) में निर्दिष्ट जानकारी से अलग हो।”
इसलिए शोर मचाने वाले आफ्टरमार्केट एग्जॉस्ट लगाना, रियरव्यू मिरर को हटाना, एक्स्ट्रा सीट लगवाना, वाहन के आकार को बदलना, इंजन और ब्रेकिंग सिस्टम में बदलाव आदि गैर-कानूनी हैं।
हालांकि कुछ बदलावों को वैध किया जा सकता है, जैसे रंग को बदलना, लेकिन केवल तब, जब तक कि आरटीओ द्वारा तय नियमों के भीतर ऐसा किया जाता है। इसी तरह, स्टिकर्स, वाइजर और इंजन फेयरिंग जैसी एक्सेसरीज को लगवाना कानूनी दायरे के अंदर आता है।