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सुलगते मणिपुर का खौफनाक सच: 3 रेप, 72 कत्ल और लूट की 4000 वारदातें, सुप्रीम कोर्ट में खुलासा, पढ़िए ये चौंकाने वाली रिपोर्ट

Manipur Violence: वह द्वापर युग था, यह कलियुग है. वह महाभारत था, यह आज का भारत है. इज्जत वहां भी दागदार हुई, इज्जत यहां भी नीलाम हो गई. तमाशा वहां भी बना, दर्शक यहां भी हैं. तब दुशासन ने द्रौपदी को भरी सभा में बाल पकड़कर घसीटा था और आज द्रौपदी को दर्जनों दुशासनों ने सरेआम सबकी आंखों के सामने नग्न अवस्था में घसीटा है. जब उस सभा में द्रौपदी का अपमान हो रहा था तो भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और विदुर जैसे महान व्यक्ति अपना कर्तव्य भूलकर मूकदर्शक बन गए थे और आज के शासक इतना कुछ होते हुए भी सिर्फ बातें बना रहे हैं.

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सच कहें तो महाभारत और आज के भारत में असली अंतर यही है कि द्रौपदी के बुलाने पर श्रीकृष्ण तो आ गए, लेकिन मणिपुर की रोती-बिलखती, सम्मान की भीख मांगती बेटियों के लिए देवदूत बनकर कोई नहीं आया.

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मणिपुर में 3 रेप, 72 मर्डर और लूट की 4 हजार वारदातें…

बता दें कि मणिपुर प्रशासन की ओर से एक स्टेटस रिपोर्ट सामने आई है जिसमें हिंसा के मामलों और उससे जुड़े अपराधों का ब्यौरा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल इस स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि गैंग रेप और हत्या के मामले में अब तक सिर्फ एक एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि गैंग रेप और रेप के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं.

मणिपुर हिंसा के मामलों में सबसे ज्यादा एफआईआर 4694 हैं, जिनमें 72 एफआईआर हत्या की दर्ज की गई हैं. ये आंकड़े मणिपुर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई आधिकारिक रिपोर्ट में दिखाए गए हैं.

सबसे ज्यादा एफआईआर मणिपुर में – 4694
हत्या की 72 एफआईआर
पूजा स्थल तोड़ने पर 46 एफआईआर

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई सरकारी रिपोर्ट के आंकड़े

1. हत्या 302/304 – हत्या —72
2. बलात्कार 376/376D – बलात्कार/सामूहिक बलात्कार—03
3. हत्या और बलात्कार 302 / 304 – हत्या और 376 – बलात्कार – 01
4. लज्जा भंग करना 354- महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग – 06
5. आगजनी 436/435 – आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत (आगजनी) – 4454
6. लूटपाट/डकैती/डकैती–4148
7. गृह संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाला विनाश/शरारत — 4694
8. सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान / पीडीपीपी अधिनियम – सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली शरारत – 584
9. धार्मिक पूजा स्थलों को नष्ट करना/चोट पहुंचाना या पूजा स्थलों को अपवित्र करना– 46
10. गंभीर चोट – 100

राज्य में कैसे गठित होगी एसआईटी, कौन होंगे शामिल?

इसके साथ ही राज्य में एसआईटी बनाने की बात कही गई है, जिसके लिए मणिपुर पुलिस ने एसआईटी गठित करने के लिए एक संभावित टीम का प्रस्ताव भी दिया है. हत्या और/या किसी अन्य जघन्य अपराध से संबंधित एफआईआर के लिए, एसआईटी का नेतृत्व एसपी रैंक से नीचे के अधिकारी द्वारा नहीं किया जाना प्रस्तावित है और ऐसी एसआईटी में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.

1. 2 निरीक्षक
2. 6 सब इंस्पेक्टर
3. 12 कांस्टेबल.

इसके साथ ही, बलात्कार, अपवित्रता और ऐसे अन्य यौन अपराधों से संबंधित एफआईआर के लिए, एसआईटी का नेतृत्व एसपी रैंक से नीचे के अधिकारी द्वारा नहीं किया जाना प्रस्तावित है और ऐसी एसआईटी में निम्नलिखित भी शामिल होंगे.

1. कम से कम 01 महिला इंस्पेक्टर
2. कम से कम 02 महिला उपनिरीक्षक
3. कम से कम 04 महिला पीसी

अन्य एफआईआर के लिए डिप्टी एसपी रैंक से नीचे के अधिकारी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया जाएगा। इन एसआईटी की संरचना इस प्रकार होगी.

4. 02 निरीक्षक
5.06 सब-इंस्पेक्टर
6. 12 कॉन्स्ट.

चुराचांदपुर, कांगपोकपी, इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना के साथ प्रत्येक जिले में 06 (छह) एसआईटी होंगी. थौबल और तेंगनौपाल जिलों के लिए, उपरोक्त संरचना के साथ 03 (तीन) एसआईटी होंगी.

एसआईटी द्वारा साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी

इन एसआईटी की साप्ताहिक मॉनिटरिंग DIG/IG/ADG रैंक के एक अधिकारी द्वारा की जाएगी. इसके अलावा 15 दिनों में डीजीपी भी इन मामलों की मॉनिटरिंग करेंगे. इन मामलों के केंद्रित और समय पर निपटान के लिए मणिपुर पुलिस की एसआईटी टीमों का प्रस्ताव किया जा रहा है.

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