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मंडला लोकसभा की सिंहासन पर कौन ? 16 उम्मीदवारों ने दाखिल किया नामांकन, बीजेपी के सिर पर मंडरा रहे संकट के बादल

गणेश मरावी, डिंडौरी। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल कर दिया है। मंडला लोकसभा सीट पर भी सिंहासन की लड़ाई तेज हो गई है। केंद्र के बड़े-बड़े चेहरे मैदान में उतर रहे हैं। इस सियासी लड़ाई में सभी दल के नेता ऐड़ी चोटी एक कर रहे है।

दरअसल मंडला लोकसभा सीट से 18 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था। जिसमें दो उम्मीदवारों ने अपना नामाकंन वापस ले लिया है। लोकसभा सीट की सिंहासन पर बैठने सभी पार्टी दल के नेताओं के अलावा डाॅक्टर-वकील भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। इस बार की मुकाबला काफी रोमांचक होने वाला है।

16 उम्मीदवार में मैदान में उतरे

जानकारी के अनुसार मंडला लोकसभा सीट से 16 प्रत्याशी मैदान में है। इनमें से चरन सिंह धुुर्वे भारत आदिवासी पार्टी से, कलिया बाई ककोड़िया निर्दलीय, चंद्र सिंह कुशराम भारत शक्ति चेतना पार्टी, सितार मरकाम निर्दलीय, महेश कुमार बटटी गोंगपा, अशोक सरैया निर्दलीय, डाॅ. भांव सिंह तेकाम निर्दलीय, रामकुमार इनवती वकील स्मार्ट इंडियन पार्टी, फग्गन सिंह कुलस्ते भाजपा, ओमकार मरकाम कांग्रेस, राकेश सिंह ठाकुर निर्दलीय, गौर सिंह सल्लाम निर्दलीय, देव सिंह कुमरे वकील निर्दलीय और इंद्र सिंह उईके बसपा से प्रतयाशी बनाया गया है।

मंडला भाजपा तो डिंडौरी कांग्रेस का गढ़

मंडला लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीट है। जिनमें से शहपुरा, डिंडौरी, बिछिया, निवास, मंडला, केवलारी, लखनादौन और गौटेगांव है। मंडला लोकसभा से लगातार भाजपा जीत हासिल करते आ रही है। अबकी बार भी भाजपा ने फग्गन सिंह कुलस्ते पर भरोसा जताया है। लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते को कांग्रेस प्रत्याशी चैन सिंह वरकड़े ने हराया है।

इसके बाद से भाजपा की जीत पर संकट के बादल मंडराने लगा है। माना जा रहा है कि मंडला विधानसभा भाजपा का गढ़ है। वहीं डिंडौरी विधानसभा में कांग्रेस का गढ़ है,जहां से लगातार 4 बार कांग्रेस के विधायक ओमकार मरकाम विजय हासिल करते आ रहा है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि डिंडौरी विधानसभा भाजपा के लिये संकट खड़े कर सकता है।

शहपुरा में मतदाता बदल देते है प्रत्याशी का भविष्य

जानकारी के अनुसार शहपुरा विधानसभा के मतदाता हर चुनाव में विधायक बदलते रहें है। अब यह देखना होगा कि विधानसभा के भांति इस बार भी सांसद बदल देंगें या फग्गनसिंह कुलस्ते दोबारा सांसद की सिंहासन पर बैठेंगें।

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