
गरियाबंद से गिरीश जगत की रिपोर्ट
गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक में गुरुवार का दिन किसानों की आवाज और नारों से गूंज उठा। बारिश की फुहारों और उमस भरे मौसम के बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खेतों की दुर्दशा के खिलाफ रैली निकाली, और सहकारी समिति कार्यालय का घेराव करते हुए धरने पर बैठ गए।
यह प्रदर्शन खाद और बीज की भारी कमी को लेकर था, जिसने खरीफ सीजन की तैयारियों में जुटे हजारों किसानों की नींद उड़ा दी है। आंदोलन का नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने किया, जिसमें महिला, युवा और आदिवासी कांग्रेस संगठन भी शामिल रहे।

“शराब पहुंचती है, खाद नहीं?” – कांग्रेस का सवाल भाजपा सरकार से
धरना स्थल पर मौजूद ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“भाजपा सरकार गांव-गांव में शराब पहुंचाने में तो दक्ष हो गई है, लेकिन किसानों को समय पर खाद और बीज नहीं दे पा रही।”
उन्होंने बताया कि मैनपुर क्षेत्र में मक्का की बुआई का सीजन चरम पर है, लेकिन डीएपी और एनपीके जैसे जरूरी खाद अब तक किसानों को नहीं मिल पाए हैं। नतीजा यह है कि गरीब किसान ओडिशा जाकर महंगे दामों में खाद और बीज लाने को मजबूर हैं।
रैली से लेकर ज्ञापन तक – विरोध की पूरी कहानी
दोपहर 12 बजे मजरकट्टा परिषद भवन से शुरू हुई यह रैली, नारेबाजी करते हुए 5 किमी चलकर सहकारी समिति कार्यालय तक पहुंची। यहां कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर खाद-बीज वितरण में भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया।
धरने के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मैनपुर SDM कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इसमें मांग की गई कि:
- किसानों को तत्काल खाद-बीज उपलब्ध कराया जाए
- सहकारी समितियों की आपूर्ति प्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए
- खुले बाजार में कालाबाजारी पर रोक लगाई जाए
“एक सप्ताह में समाधान नहीं तो होगा उग्र आंदोलन” – गेंदू यादव की चेतावनी
ब्लॉक कांग्रेस महामंत्री गेंदू यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“अगर सात दिन के भीतर खाद-बीज की व्यवस्था नहीं की गई तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश भर के किसानों को DAP, NPK, और यूरिया की कमी झेलनी पड़ रही है, जबकि सरकार गंभीरता से स्थिति का आंकलन तक नहीं कर रही।

वनांचल की हकीकत – न शिक्षा है, न सुविधा
युवा कांग्रेस अध्यक्ष सोहन नागेश ने आंदोलन के मंच से वनांचल क्षेत्र की बदहाली पर सवाल उठाए।
“यहां के स्कूल जर्जर हैं, बच्चे झोपड़ियों में पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार केवल चुनावी नारों में व्यस्त है।”
उन्होंने कहा कि खेती-किसानी तो छोड़िए, यहां बुनियादी सुविधाओं का भी घोर अभाव है, और सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं।
“अन्नदाता के साथ अन्याय” – महिला कांग्रेस की आवाज़
ब्लॉक महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका कपिल ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने छत्तीसगढ़ के किसानों को ‘बैक बर्नर’ पर डाल दिया है।
“छात्र, किसान, मजदूर, व्यापारी — सभी वर्ग त्रस्त हैं। भाजपा सरकार केवल पूंजीपतियों की सुनती है।”
प्रदर्शन में शामिल प्रमुख चेहरे
इस धरना-प्रदर्शन में कांग्रेस के कई वरिष्ठ और युवा नेता मौजूद रहे:
- रामकृष्ण ध्रुव (ब्लॉक अध्यक्ष)
- गेंदू यादव (महामंत्री)
- प्रियंका कपिल (महिला कांग्रेस अध्यक्ष)
- सोहन नागेश (युवा कांग्रेस अध्यक्ष)
- रूपेन्द्र सोम (आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष)
- नेहाल नेताम, महानसिंह ध्रुव, तीव सोनी, एनएसयूआई अध्यक्ष सोनू यादव, सरपंच खेलन दिवान
- साथ ही करीब 50 से अधिक ग्राम पंचायतों के किसान और कार्यकर्ता भी शामिल रहे।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी, ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
Q1. मैनपुर में कांग्रेस द्वारा किस मुद्दे पर प्रदर्शन किया गया?
उत्तर: मैनपुर में कांग्रेस ने खरीफ सीजन में किसानों को खाद और बीज नहीं मिलने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के नेतृत्व में सहकारी समिति का घेराव किया गया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
Q2. किसानों को कौन-कौन सी खाद और बीज नहीं मिल पा रहे हैं?
उत्तर: किसानों को DAP, NPK और मक्का बीज की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय सहकारी समितियों में ये उपलब्ध नहीं हैं, जिससे किसान खुले बाजार में महंगे दाम पर खरीदारी को मजबूर हैं।
Q3. क्या आंदोलन के दौरान हिंसा हुई?
उत्तर: नहीं, यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा। हालांकि, पुलिस बल की तैनाती एहतियातन की गई थी ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।
Q4. आंदोलन का नेतृत्व किन प्रमुख नेताओं ने किया?
उत्तर: आंदोलन का नेतृत्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव, महामंत्री गेंदू यादव, युवा कांग्रेस अध्यक्ष सोहन नागेश, महिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रियंका कपिल और आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष रूपेन्द्र सोम ने किया।
Q5. कांग्रेस की मांगें क्या थीं?
उत्तर: कांग्रेस ने तीन मुख्य मांगें रखीं:
- एक सप्ताह के भीतर खाद और बीज की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- सहकारी समितियों में पारदर्शिता लाई जाए और भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो।
- कालाबाजारी पर सख्त रोक लगे और किसानों को राहत मिले।
Q6. अगर मांगें पूरी नहीं होतीं तो कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा?
उत्तर: कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो उग्र आंदोलन और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार पर होगी।
Q7. क्या यह समस्या केवल मैनपुर तक सीमित है?
उत्तर: नहीं, कांग्रेस नेताओं के मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ में खाद और बीज की भारी किल्लत है। कई जिलों में DAP और NPK की सप्लाई प्रभावित है, जिससे राज्यभर के किसान परेशान हैं।
Q8. क्या प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
उत्तर: अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, SDM को ज्ञापन सौंपा गया है और स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि मांगों को आगे भेजा जाएगा।

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