पुष्पराजगढ़ में बौना पड़ा सिस्टम ? बेखौफ है खनन माफिया, क्रेशरों के अनगिनत अवैध खदानें, खेत हो गए बंजर, सड़क पर उतरे ग्रामीण, कलेक्टर के जांच आदेश को ठेंगा ?
अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले में माफिया बेलगाम है. खनिज संपदा का बेखौफ दोहन जारी है. यूं कहें कि खनन माफिया क्रेशर संचालकों को सिस्टम से संरक्षण मिल गया है. ग्रामीण अंचलों में अनगिनत अवैध खदानें हैं. पठार क्षेत्र के कोने-कोने में बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, लेकिन खनन विभाग लिफाफे तले मलाई छान रहा है. सिस्टम की नाकामी के कारण पुष्पराजगढ़ का सीना चीरा जा रहा है. खनिज संपदा का बेतहाशा दोहन हो रहा है. खेत बंजर पड़ रहे हैं. पानी की परेशानी बढ़ गई है. अब थक हारकर किसान और ग्रामीण सड़क पर आ गए हैं.
खनिज संपदा को लूट रहा माफिया
दरअसल, हम बात कर रहे हैं पुष्पराजगढ़ के ताली-दोनिया पंचायत की, जहां करीब 6 क्रेशर संचालित हैं, जिनके पास कई अवैध तरीके से खदानें हैं, जहां से बेतहाशा पत्थरों की खुदाई होती है. खनिज संपदा को लूटा जा रहा है. सरकारी खजाने को खाली किया जा रहा है. राजस्व को नुकसान पहुंचाया जा रहा है, लेकिन मजाल है कि खनिज विभाग इधर आंख उठाकर देख ले.
किसानों के खेत पड़े बंजर
हमारी टीम ने जब ग्रामीण इलाकों का जायजा लिया तो धूल, ध्वनि प्रदूषण औऱ ज्यादातर खेत बंजर नजर आए. किसान और ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिला. क्रेशरों के धूल की वजह से किसानों के खेत बंजर पड़ गए हैं. फसल का उत्पादन कम हो गए हैं. पानी का स्त्रोत लेवल कम हो गया है, जिससे आप पास के लोगों को पानी की परेशानी हो रही है.
बारूदी धमाकों ने बढ़ाई पानी की परेशानी
क्रेशर संचालक बड़े पैमाने पर अवैध खदानों की खुदाई करा रहे हैं, जिससे बारूदी धमाके का सहारा लिया जाता है. भारी मात्रा में ब्लास्टिंग होती है, जिससे इलाका दहल जाता है. कई मर्तबा लोगों के घरों में पत्थर गिरते हैं. कई बार तो देखने को मिला है कि घरों पर दरारें पड़ जाती है. ताली दोनिया इलाके में क्रेशरों का भरमार है, जहां भारी मात्रा में पत्थरों को ट्रक और ट्रैक्टर के माध्यम से ले जाया ताजा है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी झांकने तक नहीं आते, क्योंकि लिफाफे और चढ़ावे की कहानी हो रही है.
नाकाम सिस्टम से हताश किसान
हमारी टीम ने जब गांव के लोगों से बातचीत की तो राधा बाई, पुनिया बाई, रामकली, दिलीप, उदय सिंह समेत कई लोगों ने क्रेशर संचालकों की मनमानी और अवैध खदानों की कहानी बताई. लोगों का कहना है कि जब क्रेशर चलते हैं, तो इलाका धुआं-धुआं हो जाता है. आवाज से लोग परेशान हो जाते हैं. धूल के कारण बीमारी की जद में आ रहे हैं. सड़कों का बुराहाल कर दिया है. खेत बंजर हो रहे हैं.
किसानों की शिकायत पर जांच के आदेश
अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने शिकायत के आधार पर जांच के निर्देश दिए थे, जिसके बाद जांच करने टीम पहुंची थी, लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि जांच टीम जांच नहीं की, बल्कि स्टोन क्रेशरों के पक्ष में ही बोलने लगे. ग्रामीणों ने कहा कि जांच के नाम पर कलेक्टर के आदेश का मजाक बना रहे थे. खनन माफिया और अधिकारियों का सेटिंग चलता है, जिससे क्रेशरों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है.
वहीं मामले में ताली सरपंच चंद्रभान सिंह ने कहा कि गांव के लोग और किसानों में हताशा है. किसानों के खेत बंजर हो रहे हैं. पानी का स्त्रोत नीचे जा रहा है. बड़ी तादाद में हैवी ब्लास्टिंग की जाती है. कई खदानें यहां अवैध हैं, इसके बाद भी प्रशासन कार्रवाई करने से गुरेज खा रहा है. सिस्टम के हाथ कांप रहे हैं. सब सांठगांठ से चल रहा है.
बहरहाल, पुष्पराजगढ़ में वैसे भी माफिया का मायाजाल है, जिसके सामने सिस्टम बौना पड़ गया है. रोज बारूदी धमाके हो रहे हैं. मध्यप्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति माफिया के पैरों तले जमीन चाट रही है. अवैध खनन, परिवहन और बारूदी धमाके आम बात हैं. खनिज विभाग और माफिया की सांठगांठ ने पुष्पराजगढ़ को खोखला बना दिया है. अब देखने वाली बात है कि इन दोहनकर्ताओं पर कब कार्रवाई होती है ?
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