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पुष्पराजगढ़ में पर्वत बचाने उमड़ा जन सैलाब: हीरा सिंह श्याम के नेतृत्व में विशाल पौधरोपण, जगतगुरु माउली सरकार बोले- इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता

Hariyali Festival in Gram Panchayat Amgwan on Hariyali Amavasya festival: हरियाली अमावस्या पर्व पर अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत अमगवां में हरियाली महोत्सव में विशाल पौधरोपण का आयोजन किया गया. इस विशाल पौधरोपण का आयोजन जन आंदोलन के रूप में उभर कर आया, जिसमें ग्राम पंचायत अमगवां, लपटी, ताली तथा भेलमा, बसहि, मुंडा, देवरा के ग्रामवासियों ने सहभागिता दर्ज कराई. इस दौरान जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्य माउली सरकार और मृत्युंजय आश्रम प्रमुख स्वामी हरिहरानंद जी महाराज मौजूद रहे.

दरअसल, इस आयोजन के लिए भाजपा जिला महामंत्री एवं जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के पूर्व अध्यक्ष हीरा सिंह श्याम ने अथक प्रयास से ग्राम, वार्ड और समुदाय स्तर में बैठक कर ग्रामवासियों को प्रेरित किया, जिसके परिणाम स्वरूप सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी, समाजसेवी विद्यार्थी, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं पत्रकार उपस्थित रहे.

सनातन संस्कृति का पर्व है हरेली त्यौहार

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित जगतगुरु श्री रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्य माउली सरकार जी ने कहा कि हरियाली अमावस्या पर्व एक विशेष पर्व है, जिस पर वृक्षारोपण जैसे शुभ कार्य करने का वर्णन हमारे शास्त्रों में आता है, अन्य अमावस्य में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है किंतु यह पर्व एक विशिष्ट पर्व के रूप में उभर कर आता है.

जनजाति समुदाय में इसका महत्व और भी ज्यादा है. इस तरह के आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है. पितृपक्ष पर कौए को भोजन कराना पितृ रूप में गर्भवती कौवे के पोषण प्रदान करने की नैतिक जिम्मेदारी हमारे पूर्वजों ने समझा और इसे संस्कृति का हिस्सा बनाया। सनातन का प्रत्येक पर्व, त्यौहार और कर्मकांड वैज्ञानिकता से परिपूर्ण है, जिसे समझने की आवश्यकता है.

जनजाति समुदाय का पहला त्यौहार हरेली पर्व

कार्यक्रम में उपस्थित मृत्युंजय आश्रम प्रमुख स्वामी हरिहरानंद महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि जनजातीय समुदाय का यह पहला त्यौहार है, जिसे हरेली पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस अवसर पर खेती में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा की जाती है. धरती माता का अर्चन किया जाता है.

भारत के कई प्रांतों में ऐसी व्यवस्था है जहां जल, जंगल और जमीन के समृद्धि को देख कर के ही रिश्ते-नाते तय होते हैं. साथ ही व्यक्ति का सम्मान भी इन्हीं से निश्चित किया जाता है. यह पौधरोपण कार्य एक महान एवं दिव्य कार्य है. यह किसी देव यज्ञ से कम नहीं है.

पोधरोपण को संस्कृति और संस्कार का हिस्सा बनाना हमारा उद्देश्य

कार्यक्रम के आयोजक समिति की ओर से पूर्व जनपद अध्यक्ष और भाजपा जिला महामंत्री हीरा सिंह श्याम ने कहा कि वृक्षारोपण को जन-जन तक पहुंचा कर संस्कृति एवं संस्कार का हिस्सा बनाना हमारा उद्देश्य है. प्रत्येक व्यक्ति 5 पौधे लगाने का संकल्प लें. हमारे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल और पर्वतों को पुनर्जीवित करने के लिए यह अभियान संचालित किया जा रहा है.

प्रणाम नर्मदा युवा संघ की रही अहम भूमिका

वृक्षारोपण कार्यक्रम के संचालन में स्वयंसेवी संस्था प्रणाम नर्मदा युवा संघ ने अहम भूमिका का निर्वहन किया, संस्था वृक्षारोपण प्रकल्प के अंतर्गत, वृक्षारोपण के लिए तकनीकी सहायता के साथ, स्थान चयन और पौधारोपण के लिए वालंटियर्स ने कार्यक्रम का सफल संयोजन करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. आगामी समय में इस जन आंदोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने हेतु युवा संघ की टीम कार्य कर रही है.

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