Gwalior Station पर MP BJP में दो फाड़: अटल और सिंधिया पर गुटबाजी, जानिए अब कैसे सुलझाएगा रेल मंत्रालय ?
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: वैसे तो योजना के तहत देशभर में चरणबद्ध तरीके से रेलवे स्टेशनों का विस्तार किया जा रहा है। इन्हें भव्य रूप दिया जा रहा है और इनमें ग्वालियर का नाम भी शामिल है। जहां स्टेशन का जीर्णोद्धार कर उसे विश्वस्तरीय सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है।
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: वहीं अब मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित यह रेलवे स्टेशन एक और वजह से चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इस स्टेशन का नाम बदलने को लेकर रेल मंत्रालय से चर्चा चल रही है, लेकिन बदले जाने वाले नाम को लेकर राजनीति तेज हो गई है।
ग्वालियर सांसद ने रेल मंत्री से की मुलाकात
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: दरअसल, 130 साल पुराना ग्वालियर रेलवे स्टेशन जल्द ही नए स्वरूप में नजर आएगा। इसके साथ ही इसका नाम बदलने की कोशिशें भी की जा रही हैं। हाल ही में ग्वालियर के सांसद भरत सिंह कुशवाह ने दिल्ली में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस स्टेशन का नाम पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की।
स्टेशन का नाम वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: मंत्री को सौंपे गए पत्र में उन्होंने उल्लेख किया है कि ग्वालियर ने कई बार देश को गौरवान्वित किया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का भी ग्वालियर से पुराना नाता रहा है। यह उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है।
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: अपने राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा की है और उनके सम्मान में ग्वालियर का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए।
सिंधिया समर्थक कर रहे हैं माधवराव सिंधिया के नाम पर रखने की मांग
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: ग्वालियर के भाजपा सांसद भरत कुशवाह द्वारा उठाई गई मांग का जहां पूर्व सांसद विवेक शेजवलकर समर्थन कर रहे हैं, वहीं भाजपा का ही एक गुट इससे सहमत नहीं है।
पूर्व विधायक और सिंधिया समर्थक भाजपा नेता रमेश अग्रवाल का कहना है कि ‘वर्ष 1895 में बना ग्वालियर रेलवे स्टेशन सिंधिया राजघराने की देन है, इस स्टेशन का निर्माण खुद सिंधिया राजघराने ने कराया था। जब माधवराव सिंधिया केंद्र में रेल राज्य मंत्री थे।
‘स्टेशन के नाम पर गुटबाजी दिख रही है’
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: इस बीच, कांग्रेस भी इस मुद्दे पर संतुलित जवाब दे रही है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष आरपी सिंह का कहना है कि ‘इसमें कोई शक नहीं है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश की बड़ी शख्सियत रहे हैं।
Gwalior Station Name Politics Atal Bihari Vajpayee Madhavrao Scindia: उन्होंने अपने समय में स्वच्छ राजनीति का उदाहरण पेश किया है। वहीं ग्वालियर की बात करें तो इस स्टेशन को अच्छे स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की भी बड़ी भूमिका रही है।
उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए इस क्षेत्र में रेलवे का विस्तार करने का काम किया है। अब यह भाजपा सरकार को तय करना है। वह दोनों में से किसका नाम चुनती है, लेकिन कहीं न कहीं इन दो नामों से यह साफ है कि भाजपा में गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है। यहां भारत सिंह कुशवाह, नरेंद्र सिंह तोमर बनाम सिंधिया नजर आ रहा है।
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