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गरियाबंद में रात के अंधेरे में करोड़ों का खेल ? धमतरी का माफिया चीर रहा पैरी का सीना, सीधे दुर्ग सप्लाई, 12 बजे से 5 बजे तक खेल, किसका कितना कमीशन फिक्स ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद से सटे रायपुर क्षेत्र में 15 लोगों को कुचलने की साजिश के बाद अब माफिया नया तरीका निकाल लिया है। रात के अंधेरे में पैरी नदी का सीना चीरा जा रहा है। बताया जा रहा है कि धमतरी का रेत माफिया दुर्ग के सप्लायर को पैरी नदी का रेत भेजता है। प्रतिबंध की आड में 3 गुना मुनाफा का खेल चल रहा है। जिम्मेदारों का कमीशन पहले जैसे ही फिक्स है। दिन में बारुका मोड़ के आगे हाइवा खड़े रहते हैं। रात के 12 बजे से सुबह 5 बजे तक गोरखधंधा चलता है।

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Gariaband Dhamtari Parry River Sand Theft: दरअसल, गरियाबंद में नेशनल हाइवे 130 C से लगे मोहेरा घाट में रात में रेत चोरी का बड़ा खेल चल रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रात के 11 से 12 बजे के बीच पैरी नदी के धमतरी जिले छोर से फोकलेन मशीन लगती है। हाईवा कतार बद्ध होकर मोहरा घाट में बारी बारी से लगती है।

खदान तक जाने कच्ची सड़क

Gariaband Dhamtari Parry River Sand Theft: पुल के एप्रोच से खदान तक जाने कच्ची सड़क भी बनाई गई है। मौसम साफ रहा सड़क सूखी रही तो रातभर हाईवा रेत से अवैध परिवहन होता है। बारिश हुई तो परिवाहन रुक जाता है। गाड़ियां सप्ताहभर पहले तक हाइवे में ही दिन में खड़ी होती थी। अब इसे बारुका मोड़ के आगे झाड़ियों में खड़ा किया जाता है।

दुर्ग पासिंग के 8 हाईवा आ चुके थे

Gariaband Dhamtari Parry River Sand Theft: आज दोपहर तक दुर्ग पासिंग के 8 हाईवा आ चुके थे। सभी एक ही ट्रांसपोर्ट का था।देर रात तक इसकी संख्या 20 से ज्यादा हो जाती है। इस घाट पर धमतरी जिले के कुरूद ब्लॉक का एक नामी और प्रभावशाली ठेकेदार अवैध खनन करवा रहा है।

हथखोज खदान में रायपुर महासमुंद की जुगलबंदी

राजिम के महानदी में हथखोज घाट में भी रात के अंधेरे में रेत का अवैध खनन हो रहा है। इस घाट पर भंडारण की अनुमति दी गई है। इसी अनुमति के आड में आधा से ज्यादा वाहन बगैर भंडारण पर्ची के सीधे घाट से लोड हो रहा है। रायपुर महासमुंद के दो प्रभावशाली ठेकेदार की जुगलबंदी इस खदान पर काम कर रहा है।

प्रतिबंध के नाम पर रेट तीन गुना बढ़ा दिया

एनजीटी के नियम के मुताबिक 30 सितंबर तक खदानों में खनन पर प्रतिबंध है।इसी प्रतिबंध का फायदा माफिया उठा रहे।सेटिंग के पीछे ज्यादा खर्च का हवाला देकर आम दिनों में 4 हजार प्रति हाईवा बेचे जाने वाले रेत को अब 12 हजार में बेच रहे है।

सप्लायर इसे दोगुनी कीमत यानी 24 से 25 हजार में डीलवरी दे रहे, जबकि सेटिंग और सुविधा शुल्क पर आम दिनो की तरह ही खर्च किया जाता है। खनन कराने वाले को एक ट्रिप लोड कराने में कमीशन सहित महज 3 हजार का खर्च पड़ता है, जबकि प्रति हाईवा कमाई विरोध 9 से 10 हजार है।

सूचना पर जाते हैं पर नही मिलते खदान में

मामले में जिला माइनिंग अधिकारी फागूराम नागेश ने कहा कि जब अवैध खनन की सूचना मिली है। बल सहित छापेमारी करने जाते है। हमारे जाने से पहले भाग जाते हैं। मोहेरा और हाथखोज दोनों जगह कार्रवाई के लिए जा चुके हैं।

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