Gangster Aman Saw लड़ेगा झारखंड चुनाव: नामांकन दाखिल करने कोर्ट से मांगी अनुमति, जानिए मौत के सौदागर की कहानी ?
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: रायपुर जेल में बंद झारखंड का कुख्यात गैंगस्टर अमन साव विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उसके वकील ने बताया कि, हमने कोर्ट में जज के सामने अपनी बात रखी है कि, अमन को झारखंड चुनाव में नामांकन दाखिल करना है। उसे झारखंड ले जाना होगा। लेकिन कोर्ट ने अभी तक आदेश नहीं दिया है।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: दरअसल, अमन साव को शनिवार को रायपुर कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से कोर्ट ने उसे 28 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। अब उसे रायपुर सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। इससे पहले पुलिस ने गंज थाने के एक मामले में पूछताछ के लिए 5 दिन की रिमांड ली थी।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: बताया जा रहा है कि, पुलिस रिमांड में आरोपी ने कारोबारी के खिलाफ सुपारी देने की बात कबूल नहीं की है। लेकिन पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।
14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी पुलिस
40 पुलिसकर्मियों की टीम झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर अमन साव को 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर आई थी। अमन साव कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग का मुख्य आरोपी है।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: प्रहलाद राय का तेलीबांधा इलाके में पीआरए कंस्ट्रक्शन का ऑफिस है। यहां 13 जुलाई को अमन साव के गुर्गों ने फायरिंग की थी। इस फायरिंग में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था।
पांचवें प्रयास में मिली सफलता
अमन साव को प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने के पांचवें प्रयास में रायपुर पुलिस को सफलता मिली है। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस अफसरों ने उसे प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग की थी, लेकिन हर बार उनकी मांग खारिज कर दी गई।
कौन है अमन साव
रिपोर्ट्स के मुताबिक गैंगस्टर अमन साव को पहली बार 2019 में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन वह 29 सितंबर 2019 को ही फरार हो गया था। पुलिस ने उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में फिर से गिरफ्तार किया।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: साव फिलहाल झारखंड की गिरिडीह जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन साहू के गिरोह के पास अत्याधुनिक हथियार हैं, जिनकी मदद से वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देता है।
झारखंड के कई जिलों में फैला है साव गिरोह का नेटवर्क
अमन साव का नेटवर्क झारखंड के कई जिलों जैसे धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो में फैला हुआ है। कोयला खनन कंपनियां, कोयला कारोबारी और परिवहन क्षेत्र के कारोबारी साव के रडार पर हैं। साव उन्हें अपना निशाना बनाता है और उनसे रंगदारी मांगता है, जो उसकी बात नहीं मानता, उसके गुर्गे उसे गोली मारकर अपनी बात मनवा लेते हैं।
50 से अधिक मामले दर्ज हैं
अमन साव ने महज 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। गैंगस्टर साव के खिलाफ 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। 9 मई 2023 को एनटीपीसी कोल परियोजना की आउटसोर्स कंपनी ‘ऋत्विक’ के परियोजना समन्वयक शरद कुमार की भी अमन साव ने हत्या कर दी थी।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: स्थानीय मीडिया के अनुसार शरद कुमार से 60 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी और मांग पूरी न होने पर उसकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा अमन साहू पर गिरिडीह जेल के जेलर पर गोली चलाने का भी आरोप है।
Gangster Aman Saw will contest Jharkhand elections: ढाई साल में नौ बार जेल से शिफ्ट हुआ साहू पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साहू पिछले ढाई साल से झारखंड की एक जेल में बंद है। लेकिन वह जेल से ही पूरे गिरोह का संचालन कर रहा है।
झारखंड पुलिस गैंगस्टर अमन साहू पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है। यही वजह है कि पुलिस उसे बार-बार राज्य की अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर कर रही है। गैंगस्टर अमन साहू को पिछले ढाई साल में नौ बार अलग-अलग जेलों में रखा जा चुका है।
लेवी और रंगदारी के लिए कुख्यात, खुद कबूला बिश्नोई से संबंध
अमन साव गिरोह के कई सदस्य कोयला व्यापारी, बिल्डर, ट्रांसपोर्टर और कारोबारियों से रंगदारी वसूल रहे हैं। अमन ने खुद भी खुलासा किया है कि उसका लॉरेंस बिश्नोई से संबंध है। सोशल मीडिया पर अक्सर बातें होती रहती हैं। लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई से भी उसका संबंध है।
झारखंड और रायपुर पुलिस के अलावा एनआईए भी अमन साव गिरोह के खिलाफ जांच कर रही है। बताया जाता है कि अमन साव के नाम से फोन करने वाला मयंक सिंह ही अमन और लॉरेंस के बीच की कड़ी है।
साव गिरोह में 145 गुर्गे, 250 से ज्यादा हथियार
सीआईडी द्वारा 6 महीने पहले एटीएस को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक अमन साव के गिरोह में 145 गुर्गे हैं। इनमें से 99 जेल से बाहर हैं। इस गिरोह के पास 5 एके-47 समेत 250 से ज्यादा हथियार हैं। जेल जाने के बाद मयंक सिंह अमन साव के मार्गदर्शन में अमन साव का गिरोह चला रहा है।
अमन के खिलाफ अलग-अलग थानों में 124 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। मयंक मूल रूप से यूपी के देवरिया का रहने वाला है। अमन साव के गिरोह में 250 से ज्यादा हथियार हैं। जिसमें 9 कार्बाइन, 70 देसी पिस्तौल और 166 तमंचे शामिल हैं।
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