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रायपुर जेल से गैंग चलाने की इनसाइड स्टोरी: मैसेंजर ऐप से डील, हवालात से कारोबारी और जेलर को मारने की सुपारी, जानिए कौन है गैंगस्टर Aman Sahu ?

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: झारखंड में मंगलवार सुबह भागने की कोशिश करते समय पुलिस मुठभेड़ में मारा गया गैंगस्टर अमन साव 148 दिनों से रायपुर जेल में बंद था। उसे सोमवार रात कड़ी पुलिस सुरक्षा में जेल से निकालकर झारखंड ले जाया जा रहा था।

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: झारखंड पुलिस को इनपुट मिले थे कि वह रायपुर जेल में रहकर गिरोह चला रहा था। यहां कैद रहने के दौरान उसने झारखंड के कोयला कारोबारी बिपिन मिश्रा की हत्या की सुपारी ली थी।

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: इसके बाद उसके गुर्गों ने 7 मार्च को रांची में कारोबारी मिश्रा पर हमला किया। कारोबारी की शिकायत पर झारखंड में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।

रायपुर जेल में आकर 19 तारीख को कराया फोटोशूट

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: अमन साव को पिछले साल 13 अक्टूबर को रायपुर लाया गया था। इस दौरान उसने जेल में फोटोशूट कराया था। मुठभेड़ के बाद साव के गुर्गों ने तस्वीरें फेसबुक पर अपलोड कीं, जो अब वायरल हो रही हैं।

गैंगस्टर अमन साव को 19 अक्टूबर 2024 को रायपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था। फोटो में दिख रहा है कि अमन जेल की कोठरी में बंद है। उसने अलग-अलग पोज देकर फोटो शूट करवाया है। हालांकि जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य का कहना है कि यह फोटो हमारे जेल की नहीं है।

इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सुधार गृह अपराधियों की आरामगाह बन गया है। जेल प्रशासन मोटी रकम लेकर अपराधियों को अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करा रहा है। अपराधियों को सुविधाएं मिलेंगी तो उनका मनोबल बढ़ेगा। सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।

5 माह पहले लाया गया रायपुर जेल

रायपुर पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट पर 13 अक्टूबर 2024 को चाईबासा जेल से अमन को रायपुर लाई।

30 सितंबर 2022

कोरबा के आरकेटीसी कंपनी के बाहर फायरिंग की। पर्चा फेंककर लिखा था कि झारखंड में ट्रांसपोर्ट कारोबार करने अमन गैंग से लेन-देन करना होगा।

11 फरवरी 2023

आरकेटीसी कंपनी के शंकर नगर ऑफिस में हमला किया। दो शूटर ने फायरिंग की और भाग गए। पुलिस ने दो शूटर को पकड़ लिया।

26 मई 2024

भाठागांव में दो शूटर पकड़े गए थे, जो पीआरए ग्रुप पर हमला करने आए थे। पूछताछ के बाद दो ​लोगों और ​फिर 4 आरोपियों झारखंड में गिरफ्तार किया।

13 जुलाई 2024

तेलीबांधा के पीआरए दफ्तर के बाहर दो शूटरों ने फायरिंग की। पुलिस ने जांच के बाद अमन साव समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

अब जानिए गैंगस्टर अमन साव कैसे मारा गया ?

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: दरअसल, एटीएस की टीम सोमवार देर शाम 8.11 बजे अमन साहू को रायपुर जेल से रांची ले जा रही थी। जैसे ही स्कॉर्पियो चैनपुर-रामगढ़ रोड के अन्हारी ढोढ़ा घाटी में पहुंची, अमन साहू के साथियों ने उसे छुड़ाने के लिए स्कॉर्पियो पर बम फेंक दिया।

घटना मंगलवार सुबह 9.15 बजे की है। बम विस्फोट के बाद अमन साहू ने हवलदार राकेश कुमार के हाथ से राइफल छीनकर गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने उसे मार गिराया। हवलदार के जांघ में गोली लगी है। उसका इलाज एमएमसीएच पलामू में चल रहा है।

अब जानिए गैंगस्टर अमन साहू के बारे में?

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: गैंगस्टर अमन साहू रांची से सटे ठाकुरगांव के माटेबे का रहने वाला एक सीधा-सादा लड़का था। उसने 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और झारखंड पुलिस की नाक में दम कर दिया।

अच्छे अंकों से पास किया इंटरमीडिएट

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: जानकारों के मुताबिक शुरुआती दिनों में अमन किसी से लड़ाई-झगड़ा भी नहीं करता था, लेकिन मैट्रिक तक पहुंचते-पहुंचते उसकी संगत खराब हो गई। उस दौरान उसे पहली बार एक मामले में जेल जाना पड़ा।

करीब 10 महीने तक उसे जेल में रहना पड़ा। इसके बाद अमन ने आगे की पढ़ाई पूरी की। अच्छे अंकों से इंटरमीडिएट पास किया, फिर डिप्लोमा किया। इसके बाद उसने मोबाइल की दुकान खोली। फिर धीरे-धीरे वह अपराधियों के संपर्क में आया और उसका प्रभाव बढ़ने लगा।

2019 में अमन साहू की गिरफ्तारी

एक दिन ऐसा आया जब अमन ने हत्याएं करना शुरू कर दिया। वह पढ़े-लिखे हाईटेक युवाओं को पैसे का लालच देकर अपने साथ जोड़ता था। इस बीच पुलिस ने पहली बार 2019 में अमन को गिरफ्तार किया। हालांकि, वह पुलिस से भागने में सफल रहा। फिर किसी तरह तीन साल बाद 2022 में वह पुलिस की गिरफ्त में आया।

15 साल तक कोयला कारोबारियों में खौफ बनाए रखा

करीब 15 साल तक अमन गिरोह ने राज्य के कोयला कारोबारियों को परेशान कर रखा था। उसके गिरोह ने धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, पलामू, चतरा, लातेहार, रांची, रामगढ़ समेत कई जिलों के कारोबारियों और ठेकेदारों को अपना निशाना बनाया।

पलामू सेंट्रल जेल में किया गया शिफ्ट

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: बाद में अमन को गिरिडीह से पलामू सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन वहां से भी वह अपने नेटवर्क के जरिए आपराधिक गतिविधियों को बढ़ाता रहा। उसका नाम अंडरवर्ल्ड डॉन लॉरेंस से भी जुड़ा।

जानकारों के अनुसार अमन ने खुद पलामू पुलिस की पूछताछ में बताया था कि वह शौक के तौर पर अपराध की दुनिया में आया था। वह बड़ा डॉन बनना चाहता था। वह चाहता था कि देश में उसके खिलाफ सबसे ज्यादा मामले दर्ज हों, ताकि लोग उसे देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी जानें। अब अमन की मौत के बाद कोयलांचल के व्यवसायी राहत की सांस ले रहे हैं।

अब जानिए किस जेलर के लिए दी गई थी सुपारी?

Gang operated from Raipur jail Aman Sahu inside story: अमन साहू का गिरोह फोन कर रंगदारी मांगता था। रंगदारी नहीं देने पर गिरोह हत्या करने से भी नहीं कतराता था। अमन जेल से ही अपना आपराधिक नेटवर्क चलाता था।

जब अमन साहू 2022 में गिरिडीह जेल में बंद था। उस दौरान उसने जेलर प्रमोद कुमार की हत्या की सुपारी जेल में बंद दो अपराधियों को दी थी। इसके लिए उसने पहले दोनों को जमानत पर रिहा करवाया। जेल से बाहर आने के बाद युवकों ने जेलर पर फायरिंग कर दी। हालांकि उस घटना में जेलर बाल-बाल बच गए थे।

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