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Indore: पटाखों ने बढ़ाया शहर का प्रदूषण, मध्य क्षेत्र की हवा सबसे खराब, ध्वनि प्रदूषण तीन साल में सबसे ज्यादा

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कोरोना के दो साल के बाद इस बार इंदौर में दीपावली तो धूमधाम से मनी, लेकिन पटाखों ने देश के सबसे स्वच्छ शहर का प्रदूषण भी बढ़ा दी। दीपावली की रात वर्ष की सबसे प्रदूषित रात रही। रीगल क्षेत्र की हवा सबसे ज्यादा खराब रही। यहां लगे रिलल टाइम पाल्यूशन मानिटरिंग स्टेशन पर पीएम-10 (महीन धूल और धुएं के कण) की मात्रा 600 से अधिक मापी गई। 

कोरोना के लगभग खत्म होने के बाद इस साल दीपावली की रौनक वापस लौटी है। लेकिन दीपावली वाले दिन शहर में प्रदूषण कम हुआ है। प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड द्वारा की गई गणना में शहर के सेंटरों पर एक्यूआइ कम हुआ है। हांलाकि रीगल तिराहे पर रियल टाइम पाल्यूशन मानिटरिंग स्टेशन पर पीएम 10 की मात्रा 600 से अधिक मापी गई है,जबकि पीएम 2.5 की मात्रा 320 से अधिक मापी गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इंदौर में रीगल तिराहे के अलावा  विजय नगर क्षेत्र और महू नाका स्थित तरण पुष्कर में मेन्यूअल तरीके से भी मानिटरिंग की। महू नाका क्षेत्र में पीएम-10 की मात्रा 355 रही,जबकि विजय नगर क्षेत्र में इसकी मात्रा 219 रही। मानक के हिसाब से यह मात्रा 100 से कम रहना चाहिए। 

ध्वनि प्रदूषण भी तीन साल में सबसे ज्यादा 
बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार इस बार दीपावली पर पटाखे फूटने पर भी तीन सालों में सबसे अधिक रहा। शहर में ध्वनि प्रदूषण का औसत 81.1 रहा है। जबकि बीते साल यह 74.88 था। 2020 में यह 78.3 था। जबकि इसका औसत 55 होना चाहिए। पटाखों की वजह से जहरीली गैसों से भी वातावरण प्रदूषित रहा। विजय नगर,महू नाका क्षेत्र में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 44 और 60 दर्ज की गई।

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कोरोना के दो साल के बाद इस बार इंदौर में दीपावली तो धूमधाम से मनी, लेकिन पटाखों ने देश के सबसे स्वच्छ शहर का प्रदूषण भी बढ़ा दी। दीपावली की रात वर्ष की सबसे प्रदूषित रात रही। रीगल क्षेत्र की हवा सबसे ज्यादा खराब रही। यहां लगे रिलल टाइम पाल्यूशन मानिटरिंग स्टेशन पर पीएम-10 (महीन धूल और धुएं के कण) की मात्रा 600 से अधिक मापी गई। 

कोरोना के लगभग खत्म होने के बाद इस साल दीपावली की रौनक वापस लौटी है। लेकिन दीपावली वाले दिन शहर में प्रदूषण कम हुआ है। प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड द्वारा की गई गणना में शहर के सेंटरों पर एक्यूआइ कम हुआ है। हांलाकि रीगल तिराहे पर रियल टाइम पाल्यूशन मानिटरिंग स्टेशन पर पीएम 10 की मात्रा 600 से अधिक मापी गई है,जबकि पीएम 2.5 की मात्रा 320 से अधिक मापी गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इंदौर में रीगल तिराहे के अलावा  विजय नगर क्षेत्र और महू नाका स्थित तरण पुष्कर में मेन्यूअल तरीके से भी मानिटरिंग की। महू नाका क्षेत्र में पीएम-10 की मात्रा 355 रही,जबकि विजय नगर क्षेत्र में इसकी मात्रा 219 रही। मानक के हिसाब से यह मात्रा 100 से कम रहना चाहिए। 

ध्वनि प्रदूषण भी तीन साल में सबसे ज्यादा 

बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार इस बार दीपावली पर पटाखे फूटने पर भी तीन सालों में सबसे अधिक रहा। शहर में ध्वनि प्रदूषण का औसत 81.1 रहा है। जबकि बीते साल यह 74.88 था। 2020 में यह 78.3 था। जबकि इसका औसत 55 होना चाहिए। पटाखों की वजह से जहरीली गैसों से भी वातावरण प्रदूषित रहा। विजय नगर,महू नाका क्षेत्र में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 44 और 60 दर्ज की गई।

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