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चुनाव से पहले शिवराज कैबिनेट में नए मंत्रियों की एंट्री! 2 MLA के नाम फाइनल, इन नामों पर मंथन जारी, कल ले सकते हैं शपथ

Shivraj Cabinet Expansion: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शिवराज कैबिनेट में कुछ नए मंत्रियों की एंट्री हो सकती है. हाल ही में जिन 39 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने टिकटों की घोषणा की है, उनमें जातीय और भौगोलिक संतुलन बनाने के लिए पार्टी आलाकमान ने विंध्य, महाकौशल और अन्य क्षेत्रों के कुछ विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाने का फैसला लिया है. रीवा से विधायक राजेंद्र शुक्ला और बालाघाट से विधायक व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन का नाम लगभग तय है. दो अन्य चेहरों पर भी विचार हो रहा है. कल सुबह मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है.

मिशन 2023 को फतह करने के लिए बीजेपी अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए कम दिन होने के बावजूद कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हो रही है. इस चर्चा को तब और बल मिल गया जब मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक राज्यपाल मंगूभाई पटेल से सौजन्य मुलाकात करने राजभवन पहुंचे. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को गुलदस्ता भेंट कर उनका अभिनंदन किया. इस दौरान दोनों के बीच करीब 10 मिनट तक बातचीत चली.

35 की जगह और 30 मंत्री

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत कुल 35 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री के अलावा 30 मंत्री ही कैबिनेट में हैं. जाहिर है चार मंत्रियों के पद खाली हैं. हालांकि माना जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार में सिर्फ तीन लोगों को ही मौका मिलेगा. इन तीनों को भी काम करने के लिए सिर्फ डेढ़ से दो महीने का समय मिलेगा.

इन नामों की चर्चा

क्षेत्रीय और जातिगत समीकरणों पर नजर डालें तो रीवा संभाग से राजेंद्र शुक्ला, नक्सल प्रभावित बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन (वर्तमान में बिसेन पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं) के अलावा केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह के भाई प्रीतम लोधी, राहुल लोधी या जालम सिंह पर सहमति बन सकती है.

यह सीएम का विशेषाधिकार

वहीं कैबिनेट विस्तार पर पूछे गए सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कैबिनेट विस्तार हमारे माननीय मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, वह कभी भी इस पर फैसला ले सकते हैं.

कौन हैं गौरीशंकर बिसेन ?

गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन का जन्म 01 जनवरी 1952 को बालाघाट में हुआ था. सात बार विधायक और दो बार सांसद का चुनाव जीता हैं. अभी वो पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं. पहली बार 1985 में गौरीशंकर बिसेन बालाघाट विधानसभा से विधायक चुने गए. 1990 में फिर से निर्वाचित हुए. 1993 उन्होंने बालाघाट से लगातार तीसरी जीत दर्ज की. 1998 में उनकी पत्नी रेखा गौरीशंकर बिसेन चुनाव लड़ी और हार गईं. जबकि गौरीशंकर बालाघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 12 वें लोकसभा सदस्य चुने गए? 2003 में गौरीशंकर बिसेन ने फिर से अपनी सीट पर वापसी की और जीत हासिल की. 2008, 2013, 2018 में भी वो विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. 

राजेंद्र शुक्ला कौन हैं?

राजेंद्र शुक्ला का जन्म रीवा में 1964 को हुआ था. वो 1986 में सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज छात्र संघ के अध्यक्ष बने थे. फिर उन्होंने 2003 में विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़कर राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल हुए. राजेन्द्र शुक्ल साल 2008 और 2013 में फिर विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. 2013 में केबिनेट मंत्री के रूप में शपथ भी ली थी. 2018 में भी उन्होंने जीत हासिक की.

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