ओडिशा के कब्जाधारियों का गरियाबंद पर नजर: अभ्यारण्य में दोबारा अतिक्रमण के लिए कर रहे थे अंधाधुंध कटाई, प्रशासन की टीम ने दबोचा, जानिए कैसे पकड़े गए ?
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गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के अभ्यारण्य में फिर से आंख गड़ाए बैठे ओडिशा के लोगों को जिला प्रशासन ने खदेड़ कर जेल भेज दिया है। बताया जा रहा है कि अभ्यारण्य से बेदखल किए जा चुके ओडिशा के अतिक्रमणकारी दोबारा कब्जा करने की साजिश रच रहे थे, लेकिन अभ्यारण्य प्रशासन ने सभी को जेल दाखिल करा दिया।
दरअसल, परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर देव नारायण सोनी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी पीपलखूंटा डोमार कश्यप, परिसररक्षी काण्डसर, बनवापारा के द्वारा संयुक्त टीम बनाकर गश्त पर थे, तभी पीपलखूंटा सर्कल के अन्तर्गत परिसर पीपलखूंटा’ब’ के कक्ष क्रमांक 1204 में ओडिशा प्रांत के जिला-नवरंगपुर निवासी 20 व्यक्तियों के द्वारा अवैध रुप से वृक्षों की कटाई कर अतिक्रमण किया जाना पाया गया।
पतासाजी करने पर यह पता चला कि आरोपियों द्वारा खेती करने के प्रयोजन से वृक्षों की कटाई की जा रही थी। 7 आरोपियों के द्वारा पूर्व में भी वर्ष 2019 में कक्ष क्रमांक 1204,1206 में वृहद् पैमाने पर अवैध कटाई कर अतिक्रमण करने के कारण पी.ओ.आर क्र. 14271/06, 14271/08, 14271/10 एवं 14271/11 दिनांक 20.09.2019 जारी कर जेल दाखिला करवाया गया था, जिसका प्रकरण माननीय न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
उक्त सूचना उप निदेशक उदंती-सीतानदी टाईगर रिजर्व एवं सहायक संचालक (उदंती) मैनपुर गोपाल कश्यप को दिया गया, जिनके मार्गदर्शन में परिक्षेत्र इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर, दक्षिण उदंती (व.प्रा.) मैनपुर और ओडिशा वन विभाग (नबरंगपुर वनमंडल) के अधिकारी/कर्मचारियों की टीम गठित कर ओडिशा राज्य से 20 आरोपियों को पूछताछ के लिए परिक्षेत्र कार्यालय इंदागांव (धुरवागुड़ी) बफर लाया गया।
दोष-स्वीकरण मय साक्ष्य होने के उपरांत समस्त आरोपियों के विरुद्ध पी.ओ.आर. प्रकरण क्रमांक 176/22,176/23 एवं 176/24 दिनांक 26.05.2024 जारी कर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) क.च, ङ, ज एवं वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 27,29,31 एवं 51 तथा लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3(1) A के तहत मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत कर रिमांड पर जेल दाखिला करवाया गया।
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