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डेंगू के आतंक से बिछ रही लाशें: राजधानी में 2 लोगों की मौत, कई इलाकों में खतरे की घंटी, कलेक्टर ने दिए कई दिशा निर्देश

2 patients died of dengue in Raipur of Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में डेंगू से 2 लोगों की मौत हो गई है. इस सीजन में आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में रायपुर कलेक्टर नरेंद्र सर्वेश्वर भुरे ने राजधानी के रामनगर इलाके का दौरा किया. उन्होंने स्थानीय निवासियों से डेंगू और अन्य संक्रामक बीमारियों से बचने के लिए सतर्क रहने की अपील की है.

बारिश के मौसम में डेंगू का मौसम आते ही राजधानी रायपुर में डेंगू के संदेह में कई लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. वहीं, डेंगू के संदेह में 200 लोगों को अंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

बताया जाता है कि 15 अगस्त को समता कॉलोनी निवासी 55 वर्षीय अजय अग्रवाल और कुशालपुर निवासी 45 वर्षीय अजय अग्रवाल की डेंगू से मौत हो गई थी. इसके बाद 20 अगस्त को एक व्यक्ति की डेंगू से देवेन्द्रनगर के निजी अस्पताल में मौत हो गई.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, रायपुर जिले में सिर्फ 6 केस हैं, जबकि अकेले मेकाहारा में 200 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। 80 फीसदी मरीज पॉजिटिव हैं. उधर, चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. विष्णु दत्त भी डेंगू की चपेट में आ गए हैं। करीब 6 दिन से अंबेडकर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. डॉक्टर उनके इलाज में लगे हुए हैं.

लक्षण दिखने पर डेंगू की जांच कराएं

कलेक्टर भुरे ने बस्तियों के अंदरूनी इलाकों का भ्रमण कर साफ-सफाई एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने बस्तियों में जाकर लोगों से बातचीत की. उन्होंने बस्ती के घरों में लगे कूलरों और कई जगहों पर जलजमाव का निरीक्षण किया. जमे पानी को फेंकने का निर्देश दिया गया.

कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मितानिनों की बैठक लेने और घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करने को कहा. लोगों में बुखार या कोई लक्षण दिखने पर डेंगू की जांच कराएं. घरों में डेंगू फ्लॉस दवा दें. तरल पदार्थ बनाकर कूलर और एकत्रित पानी में डालें. डेंगू पॉजिटिव आने पर डॉक्टर या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज कराएं.

तुरंत जांच कराएं

डेंगू का शुरुआती लक्षण सामान्य बुखार प्रतीत होता है. लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं. इस दौरान तबीयत काफी बिगड़ने लगती है तो वे डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। इस लापरवाही के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। बारिश के मौसम में बार-बार बुखार, तेज सिरदर्द जैसी समस्या होने पर तुरंत डेंगू की जांच कराएं।

इन जगहों को साफ रखें

डेंगू एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। मच्छर आमतौर पर दिन में काटता है। ये मच्छर घर में पानी जमा रखते हैं जैसे कूलर, टंकी या खुले में रखे बर्तन जिनमें पानी न बदला गया हो। यह अन्य स्थानों पर जहां पानी जमा होता है वहां भी पनपता है। इसलिए इन जगहों पर सप्ताह में एक बार ड्राई डे रखकर पानी को पूरी तरह बदल देना चाहिए.

डेंगू के लक्षण

मानसून की शुरुआत के साथ ही डेंगू जैसी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डेंगू के लक्षण हैं तेज बुखार, शरीर, सिर और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, आंखों के पीछे दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते, नाक से खून आना, मसूड़ों से खून आना, मल का काला होना।

यदि आपमें ये लक्षण हैं तो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और डेंगू की जांच कराएं। उन्होंने बताया कि डेंगू का असर तीन से नौ दिन तक रहता है। इससे शरीर में कमजोरी आ जाती है। शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं। इन लक्षणों से सावधान रहने की जरूरत है.

डेंगू से बचने के उपाय

डेंगू से बचाव के लिए घर में साफ-सफाई रखें। कूलर, गमले, बर्तन आदि में पानी जमा न होने दें, पानी प्रतिदिन बदलें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, कमरों में साफ-सफाई के साथ हवादार रखें। घर के आसपास गंदगी जमा न होने दें। खड़े पानी और गंदगी पर कीटनाशक का प्रयोग करें।

खाली कंटेनरों, टायरों और पुराने बर्तनों जैसी अन्य वस्तुओं में पानी जमा न होने दें। यदि जमे हुए पानी में मच्छर के लार्वा दिखाई दें तो लार्विसाइड या मिट्टी का तेल डालें। 24 घंटे बाद इस पानी को फेंक दें। मच्छरों से बचने के लिए घरों के दरवाजों और खिड़कियों में जाली जरूर लगाएं। डेंगू के लक्षण मिलने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं।.

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