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MP News: पिता की अर्थी घर में छोड़ पेपर देने पहुंची बेटी, भीगी आंखों के साथ हल किया केमिस्ट्री का पेपर

दमोह में कुछ घंटों पहले पिता की मौत होने के बाद भी परीक्षा देने पहुंची बेटी।

दमोह में कुछ घंटों पहले पिता की मौत होने के बाद भी परीक्षा देने पहुंची बेटी।
– फोटो : सोशल मीडिया

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दमोह में एक बेटी अपने पिता की अर्थी को घर पर छोड़ कक्षा बारहवीं का पेपर देने परीक्षा केंद्र पहुंची। जहां उसकी आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे, लेकिन आंखों में पिता का सपना भी था। पेपर हल करने के बाद बेटी घर पहुंची, जिसके बाद पिता का अंतिम संस्कार हुआ। यह नजारा देख गांव के लोगों ने बेटी के इस साहस को सराहा।

दमोह जिले की जबेरा जनपद के ग्राम बनवार निवासी कक्षा 12वीं की छात्रा रिया वाल्मीकि का शनिवार  सुबह 9 बजे केमिस्ट्री का पेपर था और सुबह 6 बजे उसके पिता की दिल की दौरा पड़ने से मौत हो गई।  मुख्य विषय का पेपर होने की वजह से इस होनहार छात्रा को उनके परिजनों ने समझा-बुझाकर पेपर देने विवेकानंद हाई सेकेंडरी स्कूल भेज दिया। वहीं घर पर पिता की अर्थी रखी रही। नम आंखों से इस बेटी ने पेपर हल किया और जैसे ही पेपर खत्म हुआ उसका भाई उसे लेने स्कूल पहुंच गया। रोती छात्रा घर पहुंची जहां पर परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था।

अपने पिता शिशु वाल्मीकि की बेटी रिया वाल्मीकि कक्षा 12वीं की होनहार छात्रा है और उसके सभी विषय के पेपर अच्छे गए, लेकिन केमिस्ट्री के पेपर के पहले पिता की मौत ने उसे झकझोर कर रख दिया।

स्कूल के स्टाफ को पता चला तो सभी ने उसे सांत्वना दी यहां तक कि केंद्र अध्यक्ष द्वारा उसे निश्चितता के साथ पेपर हल करने को कहा गया। पिता की मौत के गम में डूबी इस छात्रा ने पेपर हल किया और घर पहुंच कर अपने पिता को अंतिम विदाई दी।

छात्रा रिया के चचेरे भाई शुभम वाल्मीकि ने बताया कि सुबह उसके चाचा की मौत हो गई इसके बाद भी उसकी वहां कक्षा बारवीं का पेपर देने गई और पेपर खत्म होने के बाद घर पहुंची। जिसके बाद पिता का अंतिम संस्कार किया गया। केंद्राध्यक्ष विजय प्रताप पाटले ने बताया कि छात्रा काफी होनहार है। पेपर के कुछ ही घंटे पहले उसके पिता का निधन हो गया। उन्हें जानकारी लगी तो उन्होंने छात्रा को धीरज बंधाया और पेपर हल करने के लिए कहा।

देवास से भी सामने आया था ऐसा ही मामला

ऐसा ही मामला देवास में हुआ था। देवास शहर के आवास नगर में रहने वाले नगर निगम कर्मचारी जगदीश सोलंकी का बीती रात हृदयाघात से निधन हो गया। गुरुवार को उनका अंतिम संस्कार करने से पहले उनके बेटे देवेंद्र सोलंकी ने शिक्षा के महत्व को प्राथमिकता देते हुए पहले बारहवीं की परीक्षा दी। देवेंद्र का हिंदी का पेपर बरोठा रोड स्थित बीसीएम स्कूल में था। वहां से लौटकर अंतिम यात्रा की तैयारियां शुरू की गईं। यहां पढ़ें…

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