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अमृत सरोवर योजना में भ्रष्टाचार: चार जगहों पर गुणवत्ताविहीन तालाब का हुआ निर्माण, एक्शन नहीं ले रहे अफसर, संरक्षण में चल रहा खेल

गणेश मरावी, डिंडौरी। जिले में अधिकारियों की मिलीभगत से तालाब निर्माण कार्यों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खेल जोरों से चल रहा है. जिला प्रशासन भी भ्रष्टाचार की निष्पक्ष तरीके से न ही जांच और न ही उसमें लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर पा रही है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि उन्हें सरंक्षण मिल रहा है. डिंडोरी जिले के जनपद पंचायत अमरपुर के ग्राम पंचायत सिधौली, बरसिंघा, खजरी और रामगढ़ के बांका टोला में गुणवत्ताविहीन तालाब निर्माण किया गया है.

दरअसल जिले में उपयंत्री और सहायक यंत्री के द्वारा तकनीकी मापदंडों को दरकिनार करते हुए तालाबों का निर्माण गुणवत्ताविहीन कराया जा रहा है. जबकि शासन द्वारा उपयंत्री और सहायक यंत्री को निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर लगातार निगरानी और गुणवत्तापूर्वक पूर्ण कराने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है. उसके बाद भी जिम्मेदारों के द्वारा अपने कर्तव्यों का दुरूपयोग करते हुए नियम कायदों को ठेंगा दिखा रहे है.

सरोवरों का घटिया निर्माण कराने से रिसाव जारी

जिले में अमृत सरोवर योजना के तहत वृहद स्तर पर तालाब स्वीकृत कर निर्माण कराया जा रहा है. जिले के अमरपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बरसिंघा, रामगढ़ और सिधौली में अमृत सरोवर योजना के तहत लाखों रुपए की लागत से तालाब निर्माण कराया गया है, लेकिन इन तीनों सरोवरों से लगातार पानी का रिसाव तेजी से हो रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि विगत दिनों हुई बारिश ने जिम्मेदारों के द्वारा निर्माण कराए गए गुणवत्ताविहीन तालाबों की पोल खोल दी है.

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जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत रामगढ़ अंतर्गत बांका टोला के छापर नाला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लगभग 50 लाख रुपए की लागत से अमृत सरोवर योजना नवीन तालाब का निर्माण कराया जा रहा है. इसी तरह ग्राम बरसिंघा और ग्राम सिधौली में लाखों रुपए खर्च कर तालाब निर्माण कराया गया है. उक्त तालाबों के निचले हिस्सों के कई स्थानों से पानी का तेज रिसाव लगातार जारी है.

पानी का लगातार हो रहा रिसाव

ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण ऐजेंसी के द्वारा तालाब निर्माण कार्य चलने के दौरान नींव को मजबूत और ब्राईबेटर सही ढंग से नहीं चलाने के कारण नीचे की मुरूम अच्छी तरीके से दबा नहीं है. जिसके चलते पानी लीकेज हो रहा है. इसके साथ ही तालाबों के मेढ़ों में दरारें पड़ रही है. ग्रामीणों ने बताया कि इसी तरह तालाबों से यदि लगातार पानी का रिसाव जारी रहेगा तो आने वाले समय में पानी रिसाव वाले स्थान खोखला होने की संभावना है. जिससे क्षतिग्रस्त हो सकती है.

इसी तरह ग्राम पंचायत खजरी के पोषक ग्राम चटिया में जंगल किनारे लगभग दो वर्ष पहले तालाब का निर्माण कराया गया है. यहां पर भी पानी का रिसाव जारी है. ग्रामीणों ने बताया कि तालाब में अभी बारिश का पानी रूका है, जैसे ही बारिश बंद होगी तालाब में एक बूंद पानी नहीं रहेगा.

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सरकार के मंशा पर पानी फेर रहे जिम्मेदार

ग्राम पंचायत सिधौली के जुन्हा पानी नाला जंगल के पास में बने तालाब में ऊपर से पानी के साथ में मिट्टी आकर भर गई है. तालाब में मिट्टी भरने और तालाब से पानी रिसाव के कारण आगामी दिनों में स्थानीय किसानों को तालाब से पानी नहीं मिल पाएगा. जबकि सरकार की मंशा है कि छोटे छोटे नाला में तालाब निर्माण कर स्थानीय किसानों के लिए सिंचाई का साधन बनाना है, लेकिन सरपंच सचिव और उपयंत्री मन्ना लाल जाधव के द्वारा सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए लाखों रुपए बंदरबांट करने में लगे हुए है. निर्धारित मापदंडों की अनदेखी कर निर्माण कार्य करवाया गया है, जिसको लेकर ग्रामीणों ने असंतोष व्याप्त है. शासन के निर्देशों की खुली अनदेखी करते हुए पंचायत द्वारा जनता से जानकारी छुपाने की नीयत से कार्यस्थल पर सूचना बोर्ड भी नहीं लगवाया गया है.

अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा भ्रष्टाचार का खेल

अमरपुर जनपद पंचायत के चांदपुर सेक्टर में कार्यरत उपयंत्री मन्ना लाल जाधव के द्वारा निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार करने का मामला आए दिन सामने आ रहे है. चैकडेम, स्टाॅडेम निर्माण हो या फिर निर्माण कार्यों की मरम्मत कार्य समेत तालाब निर्माण कार्य में फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपए का बंदरबाट करना उपयंत्री एवं सहायक यंत्री के लिए आम बात हो गई है. निर्माण कार्यों में की जा रही अनियमित्ताओं को लेकर लगातार उजागर होने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा कार्रवाई के नाम खानापूर्ति की जा रही है. जिसके चलते जिम्मेदारों के हौसले बुलंद है. मुद्दे की बात यह है कि अधिकारियों के मिलीभगत से ही निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है.

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