CM Bhupesh Baghel got his hands beaten with a stick in Durg: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर साल की तरह इस बार भी दीपावली के दूसरे दिन सोमवार को गौरा-गौरी की पूजा करने सुबह 9 बजे कुम्हारी से लगे गांव जंजगिरी पहुंचे। यहां पूजा-अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की और परंपरा के मुताबिक बीरेंद्र ठाकुर से हाथों पर सोंटा से मार भी खाई। उन्होंने कहा कि, इससे खुशहाली आती है।
सीएम भूपेश ने कहा कि यह सुंदर परंपरा सबकी खुशहाली के लिए निभाई जाती है। कोई कितना भी बड़ा आदमी हो जाए। गौरा-गौरी के सामने सब बराबर हैं। वहां जो परंपरा होती है, उसमें सोंटा भी लगाते हैं। इससे अपनों के बीच कोई मलाल रहता है, तो वो दूर हो जाता है।
ये परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। हो सकता है कि ये कोई मनोरंजन हो या फिर इसके पीछे कोई सीख हो। हम तो इसका निर्वहन करते आ रहे हैं।
गृह लक्ष्मी योजना में महिलाओं को सालाना मिलेंगे 15 हजार
भूपेश ने कहा कि लक्ष्मी पूजा के दिन गृह लक्ष्मी योजना शुरू करने की उनकी योजना काफी लंबे समय से चल रही थी। भाजपा इसके झांसे में आ गई है तो हम क्या करें। इस योजना में महिलाओं को 15 हजार रुपए हर साल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम तो गारंटी देते जाते हैं।
क्यों मारा जाता है सोंटा ?
सोंटा मारने की परंपरा छत्तीसगढ़ के हर गांव और शहरी इलाके में होती है। इस परंपरा को गौरा-गौरी की पूजा के बाद किया जाता है। इसमें लोग दर्द सहकर ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं। जंजगिरी के लोगों की मान्यता है कि इस परंपरा से अनिष्ट का भय टल जाता है।
गौरा-गौरी पूजा का है विशेष महत्व
छत्तीसगढ़ में दीपावली के मौके पर गौरा-गौरी (शंकर और पार्वती) के पूजन का विशेष महत्व है। दिवाली की रात गौरा-गौरी की प्रतिमा स्थापित करके पूजा करने की परंपरा यहां के स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित है।
अगले दिन गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। इस दौरान लोग नाचते गाते हैं। खुद को सोंटा मरवाते हैं। प्रदेश के कई जिलों में ये परंपरा निभाई जाती है।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS