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Chhindwara: राजस्थान के ठग ने की 26 लाख की ठगी, कम दाम में अस्पताल खरीदने का झांसा देकर दो लोगों को लगाया चूना

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दो लोगों को राजस्थान के एक ठग ने स्वयं को डॉक्टर बताकर 26 लाख का चूना लगा दिया। जबलपुर में लाखों का अस्पताल कम दामों ने दिलाने के नाम पर ये ठगी की गई। कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है। 

जानकारी के अनुसार मामला लगभग डेढ़ साल पुराना बताया जा रहा है। टीआई सुमेर सिंह जगेत ने बताया कि सुरेश पिता चंपालाल शर्मा राजस्थान के जोधपुर के बोरूदा के रहता है। वह डेढ़ साल पहले पाटनी पेट्रोल पंप के पास बने कोंटा आई केयर हॉस्पिटल में काम करता था। वह परासिया रोड स्थित पूजा होटल में रूम लेकर रह रहा था। उसी होटल में काम करने वाले जैतपुर निवासी प्रमोद सूर्यवंशी और पठरानाई निवासी निरंजन सूर्यवंशी से सुरेश की पहचान हो गई। सुरेश ने दोनों के बारे में जानकारी जुटाई फिर झांसे में लेना शुरू कर दिया। सुरेश स्वयं को डॉक्टर बताता था। 

सुरेश पिता चंपालाल शर्मा ने बातों-बातों में एक दिन प्रमोद और निरंजन को जबलपुर में एक अस्पताल के बारे में बताया। कहा कि जबलपुर में अस्पताल 40 लाख रुपये में बिक रहा है, जो काफी कम दाम में है। जिसे बाद में बेचकर काफी फायदा कमाया जा सकता है। सुरेश ने दावा किया कि छह महीने में ही हॉस्पिटल 90 लाख रुपये में बेचा जा सकता है। इसी सौदे का झांसा देकर पीड़ितों ने सुरेश ने 28 लाख रुपये ले लिए। काफी दिन बीतने के बाद दोनों को जब कुछ हाथ नहीं लगा तो उन्होंने पड़ताल की। इसके बाद दोनों को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। डेढ़ साल से वे रुपयों के लिए चक्कर लगा रहे हैं। आखिरकर पीड़ित पुलिस के पास पहुंचे। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सुरेश शर्मा के खिलाफ धारा 406 के तहत मामला दर्ज किया है।

 

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मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में दो लोगों को राजस्थान के एक ठग ने स्वयं को डॉक्टर बताकर 26 लाख का चूना लगा दिया। जबलपुर में लाखों का अस्पताल कम दामों ने दिलाने के नाम पर ये ठगी की गई। कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है। 

जानकारी के अनुसार मामला लगभग डेढ़ साल पुराना बताया जा रहा है। टीआई सुमेर सिंह जगेत ने बताया कि सुरेश पिता चंपालाल शर्मा राजस्थान के जोधपुर के बोरूदा के रहता है। वह डेढ़ साल पहले पाटनी पेट्रोल पंप के पास बने कोंटा आई केयर हॉस्पिटल में काम करता था। वह परासिया रोड स्थित पूजा होटल में रूम लेकर रह रहा था। उसी होटल में काम करने वाले जैतपुर निवासी प्रमोद सूर्यवंशी और पठरानाई निवासी निरंजन सूर्यवंशी से सुरेश की पहचान हो गई। सुरेश ने दोनों के बारे में जानकारी जुटाई फिर झांसे में लेना शुरू कर दिया। सुरेश स्वयं को डॉक्टर बताता था। 

सुरेश पिता चंपालाल शर्मा ने बातों-बातों में एक दिन प्रमोद और निरंजन को जबलपुर में एक अस्पताल के बारे में बताया। कहा कि जबलपुर में अस्पताल 40 लाख रुपये में बिक रहा है, जो काफी कम दाम में है। जिसे बाद में बेचकर काफी फायदा कमाया जा सकता है। सुरेश ने दावा किया कि छह महीने में ही हॉस्पिटल 90 लाख रुपये में बेचा जा सकता है। इसी सौदे का झांसा देकर पीड़ितों ने सुरेश ने 28 लाख रुपये ले लिए। काफी दिन बीतने के बाद दोनों को जब कुछ हाथ नहीं लगा तो उन्होंने पड़ताल की। इसके बाद दोनों को अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ। डेढ़ साल से वे रुपयों के लिए चक्कर लगा रहे हैं। आखिरकर पीड़ित पुलिस के पास पहुंचे। उनकी शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी सुरेश शर्मा के खिलाफ धारा 406 के तहत मामला दर्ज किया है।

 

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