

मांगों को लेकर प्रदर्शन करते शिक्षक।
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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में वेतन विसंगति दूर करने की मांग को शिक्षक सड़क पर उतर पड़े हैं। मंगलवार को शिक्षकों ने जिला मुख्यालय पर काम बंद करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। शिक्षको की मांग है कि, प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए शिक्षक संवर्ग की वेतन विसंगति को सरकार दूर करे। कहा कि हर बार आश्वासन के बाद धोखा ही मिलता है। शिक्षकों ने सरकार को चुनाव में परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है।
छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन पिछले चार साल से एक सूत्रीय मांग प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए वेतन विसंगति दूर करने को लेकर लड़ाई लड़ रहा है। इसके लिए से शिक्षा विभाग के अफसरों तक संघर्ष जारी है। इसी मांग को लेकर एक बार फिर शिक्षक फेडरेशन ने मंगलवार को एक दिवसीय प्रदर्शन किया। इस दौरान काम-काज बंद कर दिए गए। इसके बाद शिक्षक सड़क पर बैठ गए और हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।
शिक्षकों का कहना था कि उन्हें शिक्षा मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर समिति बनाई गई है। वो तीन महीने में रिपोर्ट देगी, लेकिन 16 माह बीतने के बाद भी निर्णय नहीं हो सका है। शिक्षकों ने कहा कि, उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। चुनाव से पहले भी जन घोषणा पत्र के माध्यम से और मुख्यमंत्री ने कहा था कि, संविलीयन से वर्ग एक और दो को लाभ हुआ है। वर्ग तीन के साथ धोखा हुआ है। लगातार मुख्यमंत्री की ओर से आश्वासन दिया गया।