: सावन में दर्शन कीजिए छत्तीसगढ़ के नए 'नागलोक' की: 11 अंडों से निकले 13 अजगर, रेस्क्यू कर कुएं से निकाले गए
Chhattisgarh Raigarh Sawan Monday Baby python: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में सांप निकल रहे हैं। सावन के महीने से पहले 11 अंडों से 13 बच्चे अजगर निकले हैं। कुछ दिन पहले ही सर्प रक्षक और पशु बचाव दल को कुर्मापाली में एक घर के आंगन में 11 अंडे मिले थे। बारिश के कारण अंडों की हालत खराब हो गई थी, कुछ अंडे क्षतिग्रस्त दिख रहे थे। उनमें मौजूद बच्चों के बचने की उम्मीद कम ही थी।
लेकिन सर्प रक्षक और पशु बचाव दल द्वारा उन्हें बचाने का प्रयास किया गया। जिसके बाद 13 बच्चे अजगर पैदा हुए। 60 वाट के बल्ब के नीचे रखा गया सर्प रक्षक और पशु बचाव दल के अधिकारियों ने बताया कि अंडों की हालत बहुत खराब थी, लेकिन उन्हें एक निश्चित दूरी पर 60 वाट के बल्ब के नीचे रखा गया था। ऐसे में 10 घंटे के अंदर सभी बच्चे अजगर सुरक्षित और स्वस्थ पैदा हुए।
जंगल में छोड़ा जाएगा
बताया जा रहा है कि सभी बच्चे अजगर स्वस्थ हैं और अब उन्हें वनकर्मियों की मौजूदगी में जंगल में सुरक्षित छोड़ा जाएगा। इसके अलावा बचाए गए अन्य सांपों को भी जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है।
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कोबरा के बच्चों का रेस्क्यू
पतरापाली कोतरलिया में रहने वाले गजानन साहू के कुएं से कोबरा के बच्चों को रेस्क्यू किया गया। सूचना मिलने के बाद स्नेक रेस्क्यू टीम वहां पहुंची और एक-एक कर 11 कोबरा के बच्चों को कुएं से बाहर निकाला। इनमें से 3 बच्चे मर चुके थे और 3 पूरी तरह गल चुके थे। 5 की हालत काफी खराब थी।
गर्म स्थान पर रखा गया
स्नेक रेस्क्यू और एनिमल रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि 3 कोबरा के बच्चों के पूरी तरह गल जाने के कारण ऐसा लग रहा था कि वे तीन-चार दिन से कुएं में गिरे हुए हैं। 5 कोबरा के बच्चों को गर्म स्थान पर रखकर सामान्य स्थिति में लाया गया।
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ये हैं टीम के सदस्य
पिछले कई सालों से रायगढ़ समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में सांपों का रेस्क्यू किया जाता रहा है। इस टीम में स्नेक प्रोटेक्टर एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के विनीतेश तिवारी, जय नारायण खर्रा, सुमित बेहरा, रवि मिरी, जय यदु, नीरज साव शामिल हैं।
नहीं लगा था बच्चे बचेंगे
स्नेक प्रोटेक्टर एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष विनेश तिवारी ने बताया कि अंडों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उनमें से बच्चे अजगर निकलेंगे, लेकिन मेहनत सफल रही और 11 अंडों में से 13 बच्चे अजगर निकले। सभी स्वस्थ हैं और इसकी सूचना वन विभाग के डीएफओ को दे दी गई है। अब बच्चे अजगर और कोबरा को जंगल में छोड़ा जाएगा।
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जंगल में छोड़ा जाएगा
बताया जा रहा है कि सभी बच्चे अजगर स्वस्थ हैं और अब उन्हें वनकर्मियों की मौजूदगी में जंगल में सुरक्षित छोड़ा जाएगा। इसके अलावा बचाए गए अन्य सांपों को भी जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है।
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कोबरा के बच्चों का रेस्क्यू
पतरापाली कोतरलिया में रहने वाले गजानन साहू के कुएं से कोबरा के बच्चों को रेस्क्यू किया गया। सूचना मिलने के बाद स्नेक रेस्क्यू टीम वहां पहुंची और एक-एक कर 11 कोबरा के बच्चों को कुएं से बाहर निकाला। इनमें से 3 बच्चे मर चुके थे और 3 पूरी तरह गल चुके थे। 5 की हालत काफी खराब थी।
गर्म स्थान पर रखा गया
स्नेक रेस्क्यू और एनिमल रेस्क्यू टीम के सदस्यों ने बताया कि 3 कोबरा के बच्चों के पूरी तरह गल जाने के कारण ऐसा लग रहा था कि वे तीन-चार दिन से कुएं में गिरे हुए हैं। 5 कोबरा के बच्चों को गर्म स्थान पर रखकर सामान्य स्थिति में लाया गया।
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ये हैं टीम के सदस्य
पिछले कई सालों से रायगढ़ समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में सांपों का रेस्क्यू किया जाता रहा है। इस टीम में स्नेक प्रोटेक्टर एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के विनीतेश तिवारी, जय नारायण खर्रा, सुमित बेहरा, रवि मिरी, जय यदु, नीरज साव शामिल हैं।
नहीं लगा था बच्चे बचेंगे
स्नेक प्रोटेक्टर एंड एनिमल रेस्क्यू टीम के अध्यक्ष विनेश तिवारी ने बताया कि अंडों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा था कि उनमें से बच्चे अजगर निकलेंगे, लेकिन मेहनत सफल रही और 11 अंडों में से 13 बच्चे अजगर निकले। सभी स्वस्थ हैं और इसकी सूचना वन विभाग के डीएफओ को दे दी गई है। अब बच्चे अजगर और कोबरा को जंगल में छोड़ा जाएगा।
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