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कब्र से निकाली गई बच्ची की लाश: छत्तीसगढ़ में दवा के ओवरडोज से हुई मौत, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में चल रहा अस्पताल

Chhattisgarh Mahasamund Navjeevan Hospital drug overdose girl death: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में इलाज के दौरान 6 साल की बच्ची की मौत हो गई। शनिवार को उसका शव कब्र से निकाला गया। आरोप है कि नवजीवन अस्पताल में दवाइयों के ओवरडोज से बच्ची की मौत हुई है। मामला सामने आने के बाद अस्पताल का स्टाफ फरार हो गया। उधर, अस्पताल के एमडी डॉ. शिवम पांडे ने इलाज में गलती होने की बात स्वीकार की है। वहीं मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

मेडिकल अफसरों का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही बीएमओ ने इस संबंध में क्या किया, इसकी भी जांच की जाएगी। उल्टी और दस्त होने पर बच्ची को क्लीनिक ले जाया गया तुमगांव निवासी नेतराम धीवर की बेटी अंकिता धीवर (6) को उल्टी और दस्त हो रहे थे। इस पर परिजन उसे गुरुवार को भोरिंग स्थित उदयराम साहू के क्लीनिक ले गए। वहां बच्ची की हालत देखकर उदयराम ने बच्ची के शरीर में पानी की कमी होने की बात कही और ग्लूकोज चढ़ाने के लिए नवजीवन अस्पताल ले जाने को कहा।

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परिजनों ने बताया कि नवजीवन अस्पताल में नर्स ने उनसे भर्ती फार्म भरवाया और 200 रुपए ले लिए। इस दौरान वहां कोई डॉक्टर नहीं था। नर्स ने ही बच्ची को ड्रिप लगाई। ड्रिप लगाते समय बच्ची को घबराहट होने लगी। वह बेचैनी में उछलने-कूदने लगी और कुछ देर बाद बेहोश हो गई। बच्ची की हालत बिगड़ने पर उसे सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया बच्ची की हालत बिगड़ती देख अस्पताल स्टाफ उसे एक्स-रे के लिए ले गया, लेकिन हालत बिगड़ती चली गई।

आरोप है कि यह देख अस्पताल स्टाफ ने बच्ची को रात करीब 10 बजे सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने को कहा। इसके बाद परिजन उसे सरकारी अस्पताल ले गए। सरकारी अस्पताल में चेकअप के बाद डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि बच्ची की मौत काफी देर पहले हो चुकी थी।

आरोप है कि इसके बाद भी नवजीवन अस्पताल ने उसे सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया। बच्ची की मौत होने पर परिजन दोबारा नवजीवन अस्पताल पहुंचे और हंगामा किया। तुमगांव-महासमुंद चौक के पास स्थित एक कॉम्प्लेक्स में शटर वाली सभी दुकानों को 30 बेड के अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और पिछले 6 महीने से अस्पताल चलाया जा रहा है।

तुमगांव-महासमुंद चौक के पास स्थित एक कॉम्प्लेक्स में शटर वाली सभी दुकानों को 30 बेड के अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और पिछले 6 महीने से अस्पताल चलाया जा रहा है।

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अधिकारियों की मौजूदगी में शव को बाहर निकाला गया

गुरुवार को परिजन बच्ची को गांव ले गए और गाड़ाघाट के पास दफना दिया, लेकिन परिजनों ने उन्हें बच्ची की मौत की सूचना थाने में देने की सलाह दी। इसके बाद परिजन पंचायत उपाध्यक्ष पप्पू कुमार पटेल के साथ थाने पहुंचे। उन्होंने लिखित शिकायत दर्ज कराई और कार्रवाई की मांग की।

शिकायत के बाद शनिवार को सुबह 11.30 बजे तुमगांव थाना प्रभारी हितेश जंघेल ने कार्यपालक दंडाधिकारी श्रीधर पंडा, फोरेंसिक विभाग के डॉ. लोकेश कुमार सिंह और परिजनों की मौजूदगी में शव को बाहर निकलवाया। इसके बाद पोस्टमार्टम कराया गया।

अस्पताल के पर्चे के अनुसार बच्ची को एमिकासिन 250 आईवी, पीसीएम आईवी और ओंडेम आईवी की ड्रिप लगाई गई थी। हालांकि इस पर्चे में ओवरराइटिंग भी की गई है।

अस्पताल पार्टनरशिप में चल रहा है, अब जांच टीम गठित की गई है

जानकारी के अनुसार नवजीवन अस्पताल का लाइसेंस उदयराम साहू के नाम पर है। बताया जा रहा है कि उदयराम का बेटा प्रवीण साहू आरएमए है और गढ़सिवनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी के पद पर पदस्थ है। रायपुर के डॉ. शिवम पांडे नवजीवन अस्पताल के एमडी हैं।

मामले की जानकारी लगने पर डॉ. शिवम पांडे अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने स्टाफ को फटकार लगाई और इलाज में गलती स्वीकार की। इसके बाद शुक्रवार सुबह से ही नवजीवन अस्पताल के सभी डॉक्टर, नर्स, स्टाफ गायब हो गए।

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नवजीवन अस्पताल के खिलाफ होगी कार्रवाई

दैनिक भास्कर ने नर्सिंग होम एक्ट के नियमों का पालन नहीं करने के संबंध में नोडल अधिकारी डॉ. छत्रपाल चंद्राकर से बात की। उनका कहना है कि जिले में घूमकर जांच करना संभव नहीं है। इसके लिए पांचों ब्लॉक में बीएमओ को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। उनके पास पूरी शक्ति है, वे जांच के बाद ही बता पाएंगे कि पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता पाएंगे- बीएमओ

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुमगांव के बीएमओ डॉ. अनिरुद्ध कसार का कहना है कि पोस्टमार्टम के तुरंत बाद कुछ बता पाना मुश्किल है। जल्दबाजी में कोई राय देना ठीक नहीं है। एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

जांच के लिए टीम गठित

शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में शटर वाली सभी दुकानों को 30 बेड के अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है और इसे 6 महीने से चलाया जा रहा है। अब बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने 4 सदस्यीय टीम गठित की है

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