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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला के मास्टर माइंड ‘ट्रिपल A’: कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख का चढ़ावा, जानिए 2,161 करोड़ के स्कैम का ‘AAA’ कनेक्शन ?

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ACB ने 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इससे पहले ED ने इस घोटाले में ट्रिपल A यानी IAS अफसर अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को मास्टरमाइंड बताया है। जिसके बाद ACB इस मामले में अलग से कार्रवाई कर रही है। FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी FIR में शामिल है, जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था। FIR में शामिल तथ्यों के आधार पर आपको बताते हैं कि किस तरह नया सिंडिकेट तैयार कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया।

ED ने इस पूरे घोटाले में शामिल लोगों को 3 पार्ट में बांटा है

पार्ट A – इसमें उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने छत्तीसगढ़ में शराब की आधिकारिक बिक्री के लिए शराब आपूर्तिकर्ताओं से अवैध कमीशन लिया।

पार्ट B – वे लोग जिन्होंने राज्य में संचालित दुकानों से ही ऑफ-द-रिकॉर्ड अवैध देशी शराब की बिक्री की। डिस्टिलर्स, होलोग्राम निर्माता, बोतल निर्माता, ट्रांसपोर्टर, ह्यूूमन रिसोर्स और जिला उत्पाद शुल्क अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ इसे किया गया था।

पार्ट C – वे लोग जिन्हें डिस्टिलर्स ने कमीशन दिया। मार्केट शेयर में हिस्सेदारी को आपस में बांटने की मंजूरी देने के लिए यह कमीशन दिया गया।

शराब घोटाले का आरोपी अनवर ढेबर (फाइल फोटो)
शराब घोटाले का आरोपी अनवर ढेबर (फाइल फोटो)

इस तरह हुआ पूरा घोटाला

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: पार्ट A के तहत IAS अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर को शामिल किया गया है। ED की FIR के मुताबिक अवैध वसूली के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर को टुटेजा की नजदीकियों का पूरा फायदा मिला। CSMCL के MD के रूप में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति अनिल टुटेजा के प्रभाव की वजह से ही हो सकी।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: राज्य की नौकरशाही में प्रभाव के कारण, टुटेजा ने अनवर ढेबर और बाकी अधिकारियों के जरिए महत्वपूर्ण नियुक्तियों और सिंडिकेट को नियंत्रित किया। वहीं अनवर ढेबर वो व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे कैश कलेक्शन को नियंत्रित किया। इसके अलावा सिंडिकेट को संरक्षण देने का काम पूर्व IAS विवेक ढांढ ने किया। जिन्हें अवैध राशि का शेयर दिया जाता था।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: ढेबर के करीबियों को FL10A लाइसेंसधारी, मैनपावर, कैश कलेक्शन जैसे सभी महत्वपूर्ण जगहों पर रखा गया। उनके सहयोगियों ने हजारों करोड़ रुपए का कमीशन कलेक्ट किया। ED की FIR में अनिल टुटेजा के बेटे यश टुटेजा का भी नाम है।

घोटाले के आरोपी त्रिलोक ढिल्लन और अरुणपति त्रिपाठी

सिंडिकेट के पार्ट B थे अरुणपति त्रिपाठी

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: CSMCL के MD अरुणपति त्रिपाठी को अवैध शराब की बिक्री रोकनी थी लेकिन नियुक्ति के बाद वे रिश्वत-कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए। देशी शराब की एक केस पर 75 रुपए कमीशन दिया जाना था। जिसे त्रिपाठी डिस्टिलर और सप्लायर से कमीशन लेकर इसका हिसाब रखते थे। इसके बाद उसे अनवर ढेबर को दिया जाता था।

बदल दी गई आबकारी नीति

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। ED ने चार्जशीट में कहा है कि पहले साल 2017 में बनी आबकारी नीति को बदलकर CSMCL के जरिए शराब बेचना शुरू किया गया था।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया। जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: चार्जशीट के मुताबिक, बीजेपी सरकार के समय ये नियम बनाया गया था कि सभी एजेंसियों से शराब खरीदी कर इसे दुकानों में बेचा जाएगा। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर अपने खास फर्मों को सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी।

तत्कालीन आबकारी मंत्री और आयुक्त को मिलते थे 50-50 लाख

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था। चार्जशीट के मुताबिक मंत्री कवासी लखमा और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को 50-50 लाख हर महीने दिए जाते थे।

नकली होलोग्राम की भी हुई सप्लाई

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: स्कैनिंग से बचने के लिए नकली होलोग्राम भी बनाई गई। जिसकी सप्लाई के बाद बॉटल में चिपकाया गया और बिना स्केनिंग के बिकने वाली शराब तैयार की गई। हर महीने शराब की 200 गाड़ियों की सप्लाई एजेंसियों के जरिए होती रही और अवैध शराब के 800 केस हर गाड़ी में रखे जाते थे।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: 560 रु. में शराब मंगवाई जाती थी, जिसकी बिक्री 2880 रु. की MRP पर की जाती थी। इसके बाद सप्लाई की संख्या बढ़ी और यह संख्या बढ़कर करीब 400 ट्रक प्रति माह हो गई। इसी तरह 2019 से 2022 तक छत्तीसगढ़ की सरकारी शराब दुकानों में 2161 करोड़ की अवैध शराब खपाई गई।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: अरुणपति त्रिपाठी को होलोग्राम सप्लायर से अवैध कमीशन मिला और सिंडिकेट से एक बड़ा हिस्सा मिलता रहा। अपनी भूमिका के लिए हर मामले में त्रिपाठी 50 रुपए कमा रहे थे। अनुमान के मुताबिक शराब की लगभग 40 लाख पेटियां बेची गईं और इस तरह अकेले त्रिपाठी को 20 करोड़ रुपए मिले। ED को ये भी शक है कि कमाई का बड़ा हिस्सा विदेशों में जमा किया गया है।

पार्ट C में बाकी अधिकारी, डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर्स शामिल

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: इसी तरह पार्ट C में डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर से एनुअल कमीशन शामिल है। आपराधिक सिंडिकेट के जरिए CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थी। इनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की शराब का 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।

Chhattisgarh Liquor Scam Inside Story: शराब बेचने से मिलने वाली राशि का कलेक्शन विकास अग्रवाल और उसके लोग करते थे। पूरा कलेक्शन अनवर ढेबर के पास पहुंचता था और मिलने वाली रकम गिरिराज होटल के मालिक नितेश और यश पुरोहित के पास रखाई जाती थी।

शराब घोटाला मामले में FIR में दर्ज नाम

  • 01. अनिल टुटेजा, तत्कालीन संयुक्त सचिव (वाणिज्य एवं उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन)
  • 02. अनवर ढेबर
  • 03. अरुणपति त्रिपाठी (प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमीटेड)
  • 04. मेसर्स रतनप्रिया मिडिया प्राईवेट लिमीटेड
  • 05. कवासी लखमा (तत्कालीन आबकारी मंत्री)
  • 06. निरंजनदास (आई.ए.एस. तत्कालीन आबकारी आयुक्त)
  • 07. जनार्दन कौरव (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • 08. अनिमेष नेताम (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • 09. विजय सेन शर्मा (तत्कालीन उपायुक्त आबकारी)
  • 10. अरविंद कुमार पटले (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 11. प्रमोद कुमार नेताम (तत्कालीन सहायक कमिशनर आबकारी)
  • 12. रामकृष्ण मिश्रा (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 13. विकास कुमार गोस्वामी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 14. इकबाल खान (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • 15. नीतिन खंडुजा (तत्कालीन सहायक जिला आबकारी अधिकारी)
  • 16. नवीन प्रताप सिंग तोमर (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 17. मंजु कसेर (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • 18. सौरभ बख्शी (तत्कालीन सहायक आयुक्त)
  • 19. दिनकर वासनिक (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 20. आशीष वास्तव (तत्कालीन अतिरिक्त आयुक्त आबकारी)
  • 21. अशोक कुमार सिंह (तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी)
  • 22. मोहित कुमार जायसवाल (जिला आबकारी अधिकारी)
  • 23. नीतू नोतानी (उपायुक्त)
  • 24. रविश तिवारी (तत्कालीन सहायक आयुक्त आबकारी)
  • 25. गरीबपाल दर्दी (आबकारी अधिकारी)
  • 26. नोहर सिंह ठाकुर (आबकारी अधिकारी)
  • 27. सोनल नेताम (सहायक आयुक्त आबकारी विभाग)
  • 28. अरविंद सिंह
  • 29. अनुराग द्विवेदी (मेसर्स अनुराग ट्रेडर्स)
  • 30. अमित सिंह (मेसर्स अदीप एग्रोटेक प्राईवेट लिमिटेड)
  • 31. नवनीत गुप्ता
  • 32. पिंकी सिंह (प्रोप्राईटर अदिप एम्पायर्स)
  • 33 विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू
  • 34. त्रिलोक सिंह, ढिल्लन (मेसर्स ढिल्लन सिटी मॉल प्राईवेट लिमीटेड)
  • 35. यश टुटेजा (निवासी कटोरा तालाब रायपुर)
  • 36. नितेश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • 37. यश पुरोहित, गिरीराज होटल, रायपुर
  • 38. अभिषेक सिंह, डायरेक्टर मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • 39. मनीष मिश्रा, मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • 40. संजय कुमार मिश्रा, सी.ए. मेसर्स नेक्सजेन पॉवर इंजीटेक प्राईवेट लिमीटेड
  • 41. अतुल कुमार सिंह श्री ओम साईं, बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • 42. मुकेश मनचंदा, श्री ओम साई बेवरेजेस प्राईवेट लिमीटेड
  • 43. विजय भाटिया, भिलाई
  • 44. अशीष सौरभ केडिया, मेसर्स दिशिता वेंचर्स प्राईवेट लिमीटेड
  • 45. मेसर्स छ.ग. डिस्टलरीस प्राईवेट लिमीटेड
  • 46. मेसर्स भाटिया वाईन एवं मर्चेंटस प्राईवेट लिमीटेड
  • 47. मेसर्स वेलकम डिस्टलरीस
  • 48. सिद्धार्थ सिंघानिया, मेसर्स सुमीत फैसलिटीस लिमीटेड एवं टॉप सिक्योरिटीस फैसलिटीस मैनेजमेंट
  • 49. बच्चा राज लोहिया मेसर्स इगल हंटर सॉल्युशन लिमीटेड एवं पार्टनर
  • 50. मेसर्स अलर्ट कमाण्डों प्राईवेट लिमीटेड एवं पार्टनर
  • 51. अमित मित्तल, मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमिटेड
  • 52. उदयराव मेसर्स ए टू जेड प्राईवेट लिमीटेड का मैनेजर
  • 53 मेसर्स प्राईम वन वर्क फोर्स
  • 54. लक्ष्मीनारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल निवासी भिलाई
  • 55. विधु गुप्ता, प्रीज्म होलोग्राफी एवं सिक्योरिटीस प्राई लिमी.
  • 56. दीपक दुआरी
  • 57. दिपेन चावडा
  • 58. मेसर्स प्राईम डेव्हलपर्स
  • 59. मेसर्स ए ढेबर बिल्डकॉन
  • 60. मेसर्स ए. जे. एस. एग्रोट्रेड प्राईवेट लिमीटेड
  • 61. सफायर इस्पात के मालिक श्री उमेर ढेबर एवं श्री जुनैद ढेबर
  • 62. अख्तर ढेबर
  • 64. अशोक सिंह
  • 65. सुमीत मलो
  • 66. रवि बजाज
  • 67. विवेक ढांढ, निवासी जी. ई. रोड रायपुर
  • 68. अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारीगण
  • 69. अन्य आबकारी अधिकारीगण
  • 70. विकास अग्रवाल के साथीगण के अज्ञात नाम भी शामिल हैं।

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